वाराणसी। शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतीक माने जाने वाले डॉ. अजय कुमार सिंह ने 7 जनवरी 2025 को अंतर विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र, वाराणसी में बतौर आचार्य (प्रोफेसर) पदभार ग्रहण किया। शिक्षा में अपने गहन अध्ययन, शोध और मार्गदर्शन के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि वे शिक्षा में नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डॉ. अजय कुमार सिंह ने बीए, बीएड और एमएड जैसी प्रतिष्ठित डिग्रियां काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से प्राप्त कीं। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त करना उनकी विद्वता और शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और शिक्षा के गहन अध्ययन एवं शोध में विशेष रुचि दिखाई।
अपने कैरियर की शुरुआत एक प्राथमिक शिक्षक के रूप में करते हुए, डॉ. सिंह ने शिक्षा के बुनियादी स्तर को समझा और बच्चों के समग्र विकास में योगदान दिया। 2010 में उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में लेक्चरर के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं। यहां उन्होंने शिक्षा के सिद्धांत और व्यवहारिक पहलुओं को छात्रों के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और छात्रों के बीच एक प्रेरणादायक शिक्षक के रूप में पहचान बनाई।
डॉ. सिंह ने शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षण विधियों और शैक्षिक सुधारों पर कई महत्वपूर्ण शोध किए हैं। उनकी शिक्षण शैली और गहन दृष्टिकोण ने अनेक छात्रों और शोधार्थियों को प्रेरित किया है। उन्होंने शिक्षा शास्त्र पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, जो शिक्षा जगत में सराहे गए हैं।
अंतर विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र में आचार्य पद ग्रहण करने के साथ ही डॉ. अजय कुमार सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में शोध, नवाचार और नई पहलों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। वे मानते हैं कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास का आधार है।
डॉ. अजय कुमार सिंह का जीवन सादगी, विद्वता और समर्पण का प्रतीक है। उनकी नई जिम्मेदारी न केवल शिक्षा केंद्र के लिए, बल्कि पूरे शैक्षिक क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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