أغسطس 2025

 


सुल्तानपुर। शिक्षा के क्षेत्र में सुल्तानपुर जनपद ने एक बार फिर उपलब्धि हासिल की है। अवध विश्वविद्यालय की बीएड फाइनल परीक्षा 2025 में जिले के अखिल दुबे ने टॉप कर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है।

अखिल दुबे, जो कि प्रख्यात अध्यापक राघवराम दुबे के पुत्र हैं, ने अपनी लगन और मेहनत से यह सफलता अर्जित की। उन्होंने सत्र 2023-24 में आंबेडकर नगर स्थित कल्पना शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में बीएड की पढ़ाई प्रारंभ की थी।

26 अगस्त को जारी परिणाम में अखिल ने कुल 500 में से 443 अंक प्राप्त कर विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया।

उनकी इस उपलब्धि से परिवार, गुरुजन और संस्थान में हर्ष की लहर है। संस्थान के प्राचार्य व शिक्षकों ने कहा कि अखिल की यह सफलता अनुशासन और परिश्रम का परिणाम है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।



प्रयागराज: अधिवक्ता विजय कुमार द्विवेदी और जल योद्धा आर्य शेखर की अगुवाई में आज गोविंदपुर, प्रयागराज में “जान चौपाल” का आयोजन किया गया। चौपाल का प्रमुख मुद्दा था – प्रयागराज में एम्स (AIIMS) की स्थापना।


इस अवसर पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने भागीदारी की और एम्स की स्थापना को जनहित में आवश्यक बताते हुए समर्थन में जोरदार हुंकार भरी।


चौपाल में वक्ताओं ने कहा कि प्रयागराज जैसे ऐतिहासिक, धार्मिक और शैक्षणिक महत्व के नगर को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त आवश्यकता है। एम्स की स्थापना से न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे पूर्वांचल के लाखों लोग लाभान्वित होंगे।


युवाओं ने इसे जनता का अधिकार बताते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया, वहीं वरिष्ठ नागरिकों ने इसे स्वास्थ्य सुरक्षा का सबसे बड़ा कदम बताया।


चौपाल के अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एम्स की मांग को लेकर जनजागरण अभियान और तेज किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में अधिवक्ता ऋषभ उपाध्याय, हर्षित तिवारी, मयंक द्विवेदी, शिवम् सिंह, समेत दर्जनों स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

 शैक्षणिक उत्कृष्टता और नेतृत्व क्षमता का राष्ट्रीय सम्मान

शुभम तिवारी 

 
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में अपनी विद्वत्ता, नेतृत्व और समर्पण से शिक्षा जगत में अद्वितीय पहचान बना चुके प्रो. सान्तनु कुमार स्वाई को सिक्किम विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। यह नियुक्ति न केवल उनके शैक्षणिक जीवन का मील का पत्थर है, बल्कि बीएचयू की अकादमिक परंपरा के लिए भी एक गौरवपूर्ण क्षण है।

प्रो. स्वाई का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान चार दशकों से भी अधिक का रहा है। वर्ष 2007 में उन्होंने बीएचयू में प्रोफेसर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और तब से शिक्षा संकाय में उन्होंने ज्ञान, अनुसंधान और नैतिक मूल्यों के समन्वय को सशक्त बनाया। जून 2020 से मई 2023 तक संकाय प्रमुख (डीन) के रूप में उन्होंने संकाय को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विशिष्ट पहचान दिलाई।

उनके कार्यकाल में न केवल शोध की गुणवत्ता में वृद्धि हुई, बल्कि अकादमिक अनुशासन, नवाचार और समावेशी शिक्षा की अवधारणाओं को भी नई दिशा मिली। उनके नेतृत्व में शिक्षा संकाय शैक्षणिक उत्कृष्टता का आदर्श बन गया, जिससे छात्र, शोधार्थी और संकाय सदस्य सभी प्रेरित हुए।

ओड़िशा से आने वाले प्रो. स्वाई ने सदैव भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शैक्षणिक दृष्टिकोण से जोड़ा है। उनकी यह नियुक्ति यह संकेत देती है कि देश की केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रणाली अब अनुभवी शिक्षकों को नेतृत्व सौंप कर नई दिशा की ओर अग्रसर है।

 सिक्किम विश्वविद्यालय को मिलेगा मजबूत नेतृत्व:

प्रो. स्वाई जैसे दूरदर्शी कुलपति के नेतृत्व में सिक्किम विश्वविद्यालय में गुणवत्ता आधारित शैक्षणिक सुधार, अनुसंधान में नवाचार, और विद्यार्थियों की समग्र उन्नति सुनिश्चित होगी।

बीएचयू परिवार के लिए यह नियुक्ति एक प्रेरणा है, जो यह सिद्ध करती है कि यहां का शिक्षण वातावरण, नेतृत्व विकास और अनुसंधान की संस्कृति देश के उच्च शैक्षणिक पदों तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करती है।

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