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उत्तराखंड। आयोध्या जिले के हलकरा के पुरवा निवासी मिंटू प्रधान के पुत्र ऋषभ दुबे का का उत्तराखंड राज्य की अंडर-19 क्रिकेट टीम से कूच विहार ट्रॉफी के लिए  चयन हुआ है। ऋषभ के इस उपलब्धि से उनके परिवार और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। ऋषभ के पिता ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "जब एक पुत्र पिता की आशाओं को पूरा करता है, तो यह प्रसन्नता पुत्र से अधिक पिता के लिए होती है। मैं आज इस पल को गर्व के साथ जी रहा हूं।"

ऋषभ दुबे के पिता ने अपने पुत्र को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि हनुमान जी महाराज का आशीर्वाद ऋषभ के साथ है, और वह उम्मीद करते हैं कि ऋषभ न केवल राज्य का बल्कि देश का भी नाम रोशन करेंगे।

इस उपलब्धि पर परिवार, दोस्तों और क्रिकेट प्रशंसकों ने ऋषभ को बधाइयां दी हैं। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने भी ऋषभ के चयन पर हर्ष व्यक्त किया और उनकी कड़ी मेहनत और लगन की सराहना की।

कूच विहार ट्रॉफी देश की प्रतिष्ठित क्रिकेट प्रतियोगिताओं में से एक है, और ऋषभ का चयन युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि ऋषभ अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे और उत्तराखंड का गौरव बढ़ाएंगे।


 


सुल्तानपुर : गुरुवार : शहर के डाकखाना चौराहे के पास खत्री पैथोलॉजी के सामने स्थित अतुल कॉम्प्लेक्स में डॉक्टर आयुष द्विवेदी की होम्योपैथिक क्लीनिक का भव्य शुभारंभ हुआ। वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश द्विवेदी के ज्येष्ठ पुत्र डॉक्टर आयुष ने इस क्लीनिक के माध्यम से सुल्तानपुरवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं की नई सुविधा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है।


इस अवसर पर डॉक्टर आयुष ने बताया कि होम्योपैथिक दवाएं न केवल बीमारी को जड़ से खत्म करती हैं, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती हैं। उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगियों को स्वस्थ करती है और लंबे समय तक प्रभावी रहती है।


कार्यक्रम में डॉक्टर चंद्रशेखर पांडेय, डॉक्टर शशिधर त्रिपाठी, डॉक्टर धर्मेंद्र शुक्ल, सुनील श्रीवास्तव, राजेंद्र कुमार तिवारी जिला उपाध्यक्ष भाजपा (कि. मो.), मनोज ओझा, दीपक ओझा, अधिवक्ता हीरालाल गुप्ता और दरगाही सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इस दौरान वक्ताओं ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और डॉक्टर आयुष को शुभकामनाएं दीं।


शहरवासियों ने इस क्लीनिक को सुल्तानपुर के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। आयोजकों ने कहा कि क्लीनिक में आधुनिक सुविधाओं के साथ रोगियों को परामर्श और उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।


डॉक्टर आयुष ने क्लीनिक के माध्यम से सुल्तानपुर में होम्योपैथिक चिकित्सा को बढ़ावा देने और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई।


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अयोध्या:  अयोध्या के पावन धरा पर चल रही श्रीमद्भगवद कथा में जगतगुरु बाल योगी स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति का दीप जलाया और उन्हें जीवन की सच्ची साधना की दिशा में प्रेरित किया। कथा के दौरान स्वामी जी ने अपने अमृतमय वचनों में यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि भगवान की सच्ची उपासना बाहरी कर्मकांडों से नहीं, बल्कि हमारे अपने जीवन में बुरी आदतों के त्याग और सदाचार के पालन से होती है। 

स्वामी जी ने कहा, "भजन का अर्थ केवल गाना गाने से नहीं है; भजन का सच्चा अर्थ तब है, जब हमारे कर्म और आचरण में शुद्धता आए। जो व्यक्ति अपनी बुरी आदतों का त्याग कर जीवन में पवित्रता लाता है, वही सच्चे भक्ति मार्ग पर होता है। यह भक्ति मार्ग हमें परमात्मा से जोड़ता है और आत्मिक संतोष प्रदान करता है।"

भक्ति और आचरण का संबंध

स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने अपने प्रवचनों में भक्ति और आचरण के संबंध को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि केवल मंदिरों में जाकर पूजा करना, भजन-कीर्तन करना या धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना तभी सार्थक है जब हम अपने भीतर व्याप्त दोषों, क्रोध, लोभ, और ईर्ष्या जैसे विकारों से स्वयं को मुक्त कर सकें। यह तभी संभव है जब हम अपनी बुरी आदतों को सुधारने की पहल करें और जीवन में सकारात्मकता का संचार करें।

बुरी आदतों को त्यागने का आह्वान

स्वामी जी ने बुरी आदतों को छोड़ने पर बल देते हुए बताया कि आज के समाज में भटकाव और नकारात्मकता का कारण व्यक्ति की अपने आचरण और आदतों में गिरावट है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने भीतर की नकारात्मकता, बुरी आदतें और विकारों को दूर कर सकें, तो ईश्वर से निकटता अपने आप प्राप्त हो जाएगी। स्वामी जी ने कहा, "ईश्वर किसी बाहरी साधना में नहीं, बल्कि हमारे अंतर्मन की पवित्रता में विराजमान हैं। इसलिए, अपने जीवन को सुधारना ही सच्ची भक्ति का मार्ग है।"

युवाओं को आत्म-सुधार का संदेश

इस अवसर पर स्वामी जी ने युवाओं को विशेष रूप से अपने आचरण को सुधारने और सत्कर्मों की ओर प्रवृत्त होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी आदतों और व्यवहार में सुधार लाना चाहिए ताकि वे समाज और राष्ट्र के निर्माण में सकारात्मक योगदान दे सकें। स्वामी जी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे जीवन में आत्म-संयम का पालन करें, अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी को महत्व दें, और अपने आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें।

साधना और सच्ची भक्ति का महत्व

स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी ने भक्तों को साधना और सच्ची भक्ति का महत्व समझाते हुए कहा कि ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति किसी बाहरी आडंबर से नहीं, बल्कि हमारे भीतर की पवित्रता और समर्पण से होती है। उन्होंने कहा, "साधना का अर्थ केवल जप, तप या तीर्थ यात्रा नहीं है; साधना का वास्तविक अर्थ है, अपने हृदय को शुद्ध रखना, अपने विचारों को निर्मल बनाना और सच्चाई के मार्ग पर चलना।"

श्रद्धालुओं पर गहरी छाप

कथा में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने स्वामी जी के इस अनमोल संदेश को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। उनकी वाणी ने श्रोताओं के हृदय को गहरे तक प्रभावित किया और उन्हें आत्म-संयम एवं सुधार की प्रेरणा दी। इस प्रेरणादायी प्रवचन के बाद, भक्तों में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ, और वे भगवान के प्रति अपनी आस्था को और भी दृढ़ महसूस कर रहे थे।

इस प्रकार, अयोध्या में श्रीमद्भगवद कथा का यह पावन आयोजन श्रद्धालुओं के लिए न केवल एक धार्मिक अनुभव था, बल्कि एक आत्म-सुधार और आध्यात्मिक जागरण का मार्गदर्शक अवसर बन गया। स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने अपने वचनों से यह स्पष्ट किया कि सच्ची भक्ति बाहरी आडंबरों में नहीं, बल्कि हमारे अंदर के शुद्ध भावों और पवित्र आचरण में बसती है।

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दोस्तपुर: क़स्बा दोस्तपुर में मोतिगरपुर रोड पर जलजीवन मिशन की पाइप का गोदाम है, जिसमें शनिवार की शाम आग लग गयी| आग की लपटें इतनी भयावह और तेज थी कि हलियापुर बेलवाई मार्ग पर यातायात घंटों ठप हो गया|  इस हादसे में जलजीवन मिशन की 7-8 बंडल पाइप जलकर ख़ाक हो गयी| दोस्तपुर थाना की पुलिस फ़ोर्स,  नगर पंचायत के टैंकरों एवं स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया, वहीँ फायर ब्रिगेड सूचना के बावजूद देर से पहुंचा|

जलजीवन मिशन के एजीएम आशीष तिवारी ने बताया कि जिन पाइपों का नुकसान हुआ है उनकी कीमत लगभग एक लाख रुपये हैं इनसे लगभग दो किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन डाली जा सकती थी| उन्होंने यह भी बताया कि घटना आस-पास के खेतों में पराली जलाने के कारण हुई हैं, इसके लिए वे एफआईआर भी दर्ज कार्यवायेगे|





सुल्तानपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यालय में हाल ही में दीवाली की पूर्व संध्या पर पंच परिवर्तन पर आधारित एक आकर्षक रांगोली बनाई गई है, जो इस समय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सहायक अध्यापक हरीश द्वारा बनाई गई यह रांगोली अपने सुंदर रंगों और डिज़ाइन के कारण सभी को आकर्षित कर रही है।

इस रंगोली में पंच परिवर्तन के पाँचों सिद्धांतों को रंग-बिरंगे फूलों और प्रतीकों के माध्यम से दर्शाया गया है, जिसमें स्व का बोध, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, और कुटुम्ब प्रबोधन शामिल हैं। हरीश की कलाकारी ने इस रांगोली को और भी आकर्षक बना दिया है, जिससे यह स्थानीय निवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

इसके अलावा, दूसरी रांगोली में लोकमाता अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर भी एक विशेष स्थान दिया गया है। अहिल्या बाई ने अपने शासनकाल में कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया और समाज में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनीं। उनकी महिमा को दर्शाने के लिए इस रांगोली में उनके चित्र और प्रतीक शामिल किए गए हैं, जो उनकी योगदान को सम्मानित करते हैं।

स्थानीय लोगों ने इस रांगोली की भरपूर सराहना की है और इसे देखकर रुककर इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह रांगोली न केवल सुंदर है, बल्कि यह हमारे समाज में संघ के विचारों और लोकमाता अहिल्या बाई के योगदान के प्रति जागरूकता भी फैला रही है।"

हरीश ने अपनी इस रांगोली के माध्यम से संघ के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का एक सुंदर प्रयास किया है। दीवाली के अवसर पर संघ कार्यालय में इस विशेष रांगोली ने सभी को आकर्षित किया है और सकारात्मकता का संदेश फैलाने में सफल रही है। यह रांगोली न केवल पर्व की खुशियों को बढ़ाती है, बल्कि समाज में एकता और सद्भावना का भी प्रतीक है।



संवाददाता, सुलतानपुर | अमृत विचार: सेवा भारती, सुलतानपुर के द्वारा बच्चों के बीच भारतीय संस्कृति, संस्कार, और त्योहारों की महत्ता को जागरूक करने हेतु धनतेरस और दीपावली का उत्सव भव्य तरीके से मनाया गया। यह आयोजन गोलाघाट स्थित महाराणा प्रताप बाल संस्कार केंद्र और हथियानाला में आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साह और उमंग से भाग लिया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व सेवा भारती के विभाग महामंत्री डॉ. सुनील त्रिपाठी ने किया।

 इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं सेवा भारती के विभाग अध्यक्ष डॉ. सलिल श्रीवास्तव ने दीपावली पर्व की गहराई को समझाते हुए बच्चों को इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बताया। उन्होंने बच्चों को दीपावली के अवसर पर सतर्कता बरतने का संदेश दिया, विशेष रूप से पटाखों के उपयोग में सावधानी रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पटाखे फोड़ते समय सावधानी बरतें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।"

 विभाग प्रचारक श्री प्रकाश जी ने बच्चों को देशभक्ति के गीतों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान को प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को समझाया कि वे देश का भविष्य हैं और उन्हें अध्ययन में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनकी प्रेरणा के माध्यम से बच्चों में अपने कर्तव्यों के प्रति समझ और राष्ट्र के प्रति प्रेम का भाव जाग्रत हुआ।

 कार्यक्रम में बच्चों को पूजन सामग्री, दीप, मिठाई और अन्य पारंपरिक वस्तुएं भेंट की गईं, जिससे वे इस पर्व की महत्ता को समझ सकें। बच्चों ने दीप जलाए, मिठाई का आनंद लिया और "सच्चा वीर बना दे मां, गीता ज्ञान सुना दे मां..." जैसे जोशीले गीत गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। बच्चों में इस गीत ने जहां ऊर्जा का संचार किया, वहीं इसने कार्यक्रम को एक यादगार अनुभव में तब्दील कर दिया।


अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति: इस आयोजन में सेवा भारती के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही, जिनमें सह विभाग प्रचारक ओम प्रकाश, जिला प्रचारक आशीष, संगीता श्रीवास्तव, प्रीति मिश्रा, रविशंकर शुक्ल, डॉ. मनीष, डॉ. नीरज, डॉ. एस.के. तिवारी, अखिल, ऋषि, श्री मनोज, श्री पवन, कोषाध्यक्ष सौरभ कांत, राजीव, शिवम्, श्रीमती मनीषा और अरुण शामिल थे। उनकी उपस्थिति से बच्चों का हौसला बढ़ा और कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगे।


पर्व का सांस्कृतिक और धार्मिक संदेश: संपूर्ण आयोजन में बच्चों को दीपावली और पांच पर्व के महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया। उन्हें यह समझाया गया कि यह पर्व केवल दीप जलाने और पटाखे फोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जीवन में उजाला लाने, अनुशासन का पालन करने, और अपने आसपास की सफाई का संदेश भी समाहित है।


विशेष सहयोग: इस उत्सव के सफल आयोजन में सेवा भारती के स्वयंसेवकों और शिक्षकों का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने बच्चों के बीच इस पर्व की सकारात्मकता को बनाए रखा। इस आयोजन के माध्यम से बच्चों में भारतीय संस्कृति के प्रति एक नई समझ उत्पन्न हुई, जिससे वे अपने जीवन में इस पर्व के संदेश को आत्मसात कर सकें।


यह आयोजन बच्चों के लिए एक अद्भुत अनुभव रहा, जिसमें उन्होंने न केवल दीपावली के महत्व को समझा, बल्कि धर्म, संस्कृति और कर्तव्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी महसूस किया। इस उत्सव ने बच्चों को न केवल एक नई दिशा दी, बल्कि उनमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व और समझ का भी संचार किया।



सुल्तानपुर – आरोग्य भारती की जिला इकाई (कुशभवनपुर) सुल्तानपुर ने भगवान धन्वंतरि का प्रकटोत्सव और संस्था का स्थापना दिवस रामराजी सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज, शाहगंज में अत्यंत धूमधाम से मनाया। काशी प्रांत के सह सचिव डॉ. अभिषेक पांडे के धन्वंतरि स्तवन के साथ शुभारंभ हुआ, जिसके बाद विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, और दीप मंत्र की मनमोहक प्रस्तुतियों से वातावरण को अलौकिक बना दिया।


सुल्तानपुर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री प्रकाश जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया और अपने वक्तव्य में आरोग्य भारती के उद्देश्यों की महत्ता समझाते हुए संगठन के समाज में योगदान पर जोर दिया। प्रमुख अतिथि और ख्यातिप्राप्त सर्जन डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में वर्तमान समय की गंभीर बीमारियों—जैसे कैंसर, डायबिटीज, थायराइड, और उच्च रक्तचाप—से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्वस्थ दिनचर्या और संतुलित खान-पान के महत्व को भी रेखांकित किया।


अतिथियों का अभिनंदन उपाध्यक्ष डॉ. अनिल पांडे, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष डॉ. दीपक दुबे, खंड संयोजक श्रीकांत तिवारी, खंड संयोजक श्री गौरी शंकर तिवारी और श्री जितेंद्र सिंह ने आरोग्य संपदा भेंट कर किया, जिससे कार्यक्रम में एक आत्मीयता का माहौल बना।


जिला अध्यक्ष और काशी प्रांत कार्यकारिणी सदस्य डॉ. घनश्याम अग्रहरि ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस भव्य कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव, अधीक्षक डॉ. एस.के. गोयल, डॉ. आर.एन. सिंह, डॉ. सुनील मिश्रा, डॉ. सीता शरण त्रिपाठी, डॉ. आर.सी. पांडे, डॉ. देवी रमन त्रिपाठी, डॉ. काजल, डॉ. संगीता श्रीवास्तव, डॉ. संदेश, और डॉ. अजय कुमार दुबे जैसे शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।


कार्यक्रम का समापन डॉ. नव्या अग्रहरि द्वारा शांति पाठ से हुआ, जो कि पूरे आयोजन में एक शांतिमय और सकारात्मक संदेश दे गया। इस पूरे आयोजन में प्रधानाचार्या श्रीमती रेखा सिंह और शिक्षिकाओं का अमूल्य सहयोग रहा, जिसने इसे एक सफल और यादगार समारोह बना दिया।


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