।। पूर्वांचल और पलायन ।।
जन-जागरण हेतु काव्य प्रस्तुति
रचयिता – विजय तिवारी
(समाजसेवी, समालोचक, पूर्वांचल न्याय मंच)
।।पुर्वांचल और पलायन ।।
(अविकसित पिछड़ा पुर्वांचल का दर्द)
विकास से अछूता जब-तक पुर्वांचल रहेगा,
विकास का हर वादा अधूरा रहेगा ।
हर घर से पलायन जब-तक न रुकेगा,
विकास का बाजा झूठा बजेगा ।
विकास का हर स्वप्न अधूरा रहेगा ,
नौकरी युवाओं को जब-जक न मिलेगा।
शिक्षा का हर उद्देश्य अधूरा रहेगा,
युवा जब-तलक बेरोज़गार रहेगा ।
नोएडा जैसे विकास पुर्वांचल को कब मिलेगा,
सौतेले का डंस हम और न सहेगा।
हर घर को रोशनी तभी मिलेगी ,
जब विकास की गाड़ी पुर्वांचल में चलेगी।
बेरोज़गारी जब- तक हर घर में रहेगी,
हर घर से मैयत उठतीं रहेंगी।
पुर्वांचल जब तक न सुधरेगा,
मानवता का हर चेहरा कलंकित रहेगा।
न्याय जब तक न हमको मिलेगा,
स्वतंत्रता का अर्थ अधूरा रहेगा।
विकास से अधूरा जब-तक पूर्वांचल रहेगा,
हर श्राप सत्ता को लगता रहेगा।
हर पार्टी का सर शर्म से झुकता रहेगा,
दौरा जब- जब वह पुर्वांचल का करेगा।
विकास से अछूता जब-तक पुर्वांचल रहेगा,
विकास का हर वादा अधूरा रहेगा।।
पूर्वांचल न्याय मंच का संदेश स्पष्ट है:
“हमें भी चाहिए शिक्षा, रोज़गार और न्याय –
वरना हर बार चुनाव में केवल मौन नहीं, प्रतिकार होगा!”