प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में जहां लाखों श्रद्धालु आस्था और भक्ति के लिए संगम नगरी पहुंचे हैं, वहीं सेक्टर छा में स्थित सच्चा डेरा आश्रम के महंत मनोज ब्रह्मचारी जी ने सेवा और करुणा की ऐसी मिसाल पेश की है, जो हर किसी के दिल को छू गई। कड़ाके की ठंड में बाहर सो रहे श्रद्धालुओं को देखकर ब्रह्मचारी जी का हृदय पिघल गया, और उन्होंने अपने निजी कक्ष को उनके ठहरने के लिए खोल दिया।
ब्रह्मचारी जी का कहना है, "सेवा ही सच्चा धर्म है। महाकुंभ में *आने वाले श्रद्धालु भगवान के रूप होते हैं। जब मैंने इन्हें ठंड में कांपते देखा, तो मेरा मन विचलित हो गया। उन्हें अपने कक्ष में जगह देना मेरा कर्तव्य था।"
सच्चा डेरा आश्रम में न केवल रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, बल्कि वहां आने वाले श्रद्धालुओं को गर्म कंबल, चाय और भोजन भी दिया जा रहा है। महाराज जी ने अपना कमरा त्यागकर खुद साधारण कुटिया में रहना शुरू कर दिया ताकि ठंड में परेशान लोगों को शरण दी जा सके।
श्रद्धालुओं ने महाराज जी के इस सेवा भाव की जमकर प्रशंसा की। एक श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा,"जब ठंड में कांप रहे थे और कहीं भी रहने की जगह नहीं थी, तब महाराज जी ने हमें अपने कमरे में बुलाकर जगह दी। उनका यह कदम हमारे लिए किसी देवता के आशीर्वाद जैसा है।"
महाराज जी की इस पहल ने महाकुंभ में आए हजारों श्रद्धालुओं को प्रेरणा दी है। सच्चा डेरा आश्रम का यह कदम केवल आस्था का नहीं, बल्कि मानवता और सेवा का संदेश भी दे रहा है। ब्रह्मचारी जी के इस कार्य ने यह सिद्ध कर दिया कि एक सच्चा संत वही है, जो केवल उपदेश नहीं देता, बल्कि अपने कर्मों से दूसरों की मदद कर दुनिया को प्रेरणा देता है।
महाकुंभ के इस अद्भुत आयोजन में सच्चा डेरा आश्रम का नाम श्रद्धालुओं के बीच उनकी सेवा भावना के लिए गूंज रहा है। महाराज जी ने यह साबित कर दिया कि करुणा और सेवा ही सबसे बड़ी साधना है।
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