September 2019



                 
                            फाइल फोटो

सुल्तानपुर-अतिवृष्टि से प्रभावित कुडवार ग्राम सभा के पूरे दयाराम( टाणा तिवारी )के अन्तर्गत ओम प्रकाश तिवारी के पशुशाला और भुसैला पर लगातार हो रही बारिष के कारण नीम का विशालकाय वृक्ष गिर गया,जिसके कारण पशुशाला और भुसैला पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया।
भुसैले मे रखा पशुओ का भूसा चारा ,चारा मशीन क्षतिग्रस्त हो गई।घटना के समय पशुओ के बाहर रहने के कारण पशु पूरी तरह सुरक्षित है।पशुशाला और भुसैला के मलबे मे तब्दील हो जाने के कारण पशु भीषण बर्षा के बीच खुले आसमान मे रहने को मजबूर है।अतिवृष्टि के कारण गांव  के कच्चे  मकान गिरने की कगार पर हैं, फसलें भी जलमग्न हो गयी हैं।










कलश स्थापना की तिथि: 29 सितंबर 2019
शुभ मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक 
कुल अवधि: 1 घंटा 24 मिनट



नवरात्रि त्योहार का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. ये त्योहार देश के कोने-कोने में मनाया जाता है. इस पर्व में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान लोग 9 दिनों तक उपवास भी रखते हैं. नवरात्रि में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है. आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े कुछ नियम.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू होगी और इसी दिन कलश की स्थापना की जाएगी. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए कलश की स्थापना हमेशा उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए. इस बार नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 16 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक है. इसके अलावा, आप दिन में भी कलश स्थापना कर सकते हैं. इसके लिए शुभ मुहूर्त दिन के 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक है.



नवरात्रि में ऐसे करें कलश स्थापना

नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी मां की आराधना करने से मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. घट स्थापना का मतलब है कलश की स्थापना करना.

कलश स्थापना करते समय नदी की रेत का उपयोग करें. इस रेत में जौ भी डालें. इसके बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, द्रव्य, पुष्पादि डालें. फिर 'ॐ भूम्यै नमः' कहते हुए कलश को सात अनाजों के साथ रेत के ऊपर स्थापित करें. कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलते रहना चाहिए.

कलश स्थापना से जुड़े खास नियम


  • -कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करें

  • -कलश स्थापना करने के लिए पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें.

  • कलश का मुंह खुला ना रखें, उसे किसी चीज से ढक देना चाहिए. कलश को किसी ढक्कन से ढका है, तो उसे चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें ।

  • अगर कलश की स्थापना कर रहे हैं, तो दोनों समय मंत्रों का जाप करें, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए.

  • पूजा करने के बाद मां को दोनों समय भोग लगाएं, सबसे सरल और उत्तम भोग हैं लौंग और बताशा।

  • मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है, पर मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिल्कुल ना चढ़ाएं.

  • नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन तक अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें.


मां दुर्गा के नौ स्वरूप नौ ग्रहों के प्रतीक हैं

आपको बता दें कि नवरात्रि में मां के जिन नौ रूपों की उपासना और आराधना की जाती है वास्तव में वह नौ ग्रहों की पूजा है। आइए जानते हैं कैसे:
मां स्कंदमाता: यह देवी मां का पांचवां स्वरूप हैं। देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इनकी आस्था से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव से पार पाया जा सकता है।
मां कात्यायनी: देवी मां का छठा स्वरूप है ये। देवी कात्यायनी का ये स्वरूप बृहस्पति ग्रह का प्रतीक है। देवी की पूजा से बृहस्पति ग्रह को शांत किया जा सकता है।
मां कालरात्रि: देवी कालरात्रि मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं और ये शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं।
मां महागौरी: ये मां अम्बे का आठवां स्वरूप है। देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इसलिए जिन राहु की महादशा हो वे इन देवी को अवश्य प्रसन्न करें।
मां सिद्धिदात्री: देवी के नौवें अवतार का नाम है देवी सिद्धिदात्री। ये केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं।




सुलतानपुर। जिले के पुराने एवं प्रतिष्ठित गनपत सहाय महाविद्यालय के सीताकुण्ड स्थित महिला विभाग के सभागार में ‘धारा 370 का जम्मू और कश्मीर पर आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय के अध्यक्ष आत्माराम मुरारका एवं प्रबन्धक व भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश पाण्डेय बजरंगी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता के0 एन0 आई0 पी0 एस0 एस0 सुलतानपुर के वाणिज्य संकायाध्यक्ष डाॅ0 जयशंकर शुक्ल ने कहा कि धारा 370 हटने के आर्थिक प्रभाव के निवेश में वृद्धि होगी जिससे रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। जिससे लोगों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। मुख्य अतिथि प्रबन्धक ओम प्रकाश पाण्डेय ने धारा 370 हटाने का प्रस्ताव वर्तमान सरकार द्वारा उठाया गया एक साहसिक कदम बताया।

अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के अध्यक्ष आत्माराम मुरारका ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन  में धारा 370 हट जाने से वहां के आम जनमानस का लाभ होना बताया। कार्यक्रम को सौरभ पाण्डेय, डाॅ0 निशा दूबे, डाॅ0 योगेश शुक्ला, डाॅ0 वसीम ने भी सम्बोधित किया।  प्राचार्य डाॅ0 अरूण कुमार मिश्र ने कहा किम आज पिछली परिस्थितियों पर विचार करने की जरूरत नहीं है। हमे अपने कश्मीरी भाइयों बहनों का स्वागत करना चाहिए। संगोष्ठी में छात्र छात्राओं ने भी अपने विचारों को साझा किया। जसमें मुख्य रूप से भानु प्रताप विश्वकर्मा, दृश्या सिंह, निष्ठा, दिवाकर शर्मा, रोशनी यादव, आकांक्षा पाण्डेय, खुशी श्रीवास्तव, अनुपम यादव, काजल मिश्र, अंजली साहू, योगेन्द्र दूबे, यक्षेेश तिवारी, अंकित यादव, इत्यादि छात्र छात्राओं ने अपने विचार प्रस्तुत किये।


संगोष्ठी का संचालन डाॅ0 विष्णु अग्रहरि ने किया। गोष्ठी में मुख्य रूप से डा0 निशा दूबे, डा0 योगेश, डा0वसीम खान, डाॅ0 महेन्द्र, डाॅ0 वी0के0तिवारी, डाॅ0 एसपी मिश्र, सौरभ पाण्डेय 'मुनी',आशीष पाण्डेय 'शनी', डा0 एनके शर्मा, डा0 सीताराम सिंह, डा0जेएन मिश्र, डा. वीके सिंह, डा0 मनोज, डा0नसरीन, डा0शक्ति सिंह, डा0 अजय मिश्र, डा0 नीलम तिवारी, डा0 जितेन्द्र त्रिपाठी, डा0विनय मिश्र, डा0 संतोष मिश्र, डा0उर्मिला मिश्र, डा0 दीपा सिंह सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। अन्त में विभागध्यक्ष डा0 पवन कुमार पाण्डेय ने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।





सुलतानपुर। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय  नेतृत्व के आह्वान पर राष्ट्रीय एकता अभियान के तहत आयोजित संपर्क अभियान में सूबे के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्य मंत्री सुरेश पासी शहर पहुंचे थे। उन्होंने जिले के प्रबुद्ध वर्ग , समाजसेवियो पत्रकारों व प्रख्यात कवि शायर अजमल सुलतानपुरी से मुलाकात की।

मंत्री सुरेश पासी ने 98 वर्षीय प्रख्यात कवि शायर अजमल सुल्तानपुरी के आवास खैराबाद पहुंच कर धारा 370 एवं 35 ए के बारे में विस्तार से बताया। उनके साथ जिला अध्यक्ष जगजीत सिंह छंगू, संयोजक विजय मिश्र, प्रदीप शुक्ला, विजय सिंह रघुवंशी एवं अंकुर सिंह आदि उपस्थित रहे।

इस दौरान राज्य मंत्री श्री पासी ने राष्ट्रीय एकता को पूरी दुनिया में पहुंचाने वाले राष्ट्रीय कवि व शायर अजमल सुलतानपुरी को अनुच्छेद 370 एवं 35 ए समाप्त करने के बाद होने वाले फायदे से संबंधित दो किताबे "एक देश एक संविधान" एवं  धारा 370 एवं 35 ए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश  उनको भेट की। इस दौरान अजमल सुलतानपुरी ने अपनी कविता "मुसलमाँ और हिन्दू की शान, कहा है मेरा हिंदुस्तान, मैं उसको ढूढ रहा हूँ। मेरे बचपन का हिंदुस्तान न बांग्लादेश न पाकिस्तान, वो पूरा पूरा हिंदुस्तान, मै उसको ढूँढ रहा हूं।

संपर्क अभियान के जिला संयोजक एवं सहकारी बैंक के अध्यक्ष विजय मिश्र के संयोजन में आयोजित संपर्क अभियान में मंत्री सुरेश पासी ने स्वच्छता के क्षेत्र में मिसाल कायम करने वाले गोमती मित्र मंडल के संचालक मदन सिंह एवं  रिटायर्ड सूबेदार जानकी प्रसाद यादव से लंभुआ उनके गांव पहुंच कर संपर्क किया और उनको धारा 370 से संबंधित किताबें सौंपी।इस दौरान सूबे के राज्य मंत्री सुरेश पासी ने बिजेथुआ महावीरन जाकर श्री हनुमान जी के दर्शन किये।



सुल्तानपुर:  अनियंत्रित मैजिक की टक्कर में बाइक सवार पिता पुत्र की मौत हो गई,अलीगंज चौकी क्षेत्र के रहने वाले इरफान(65) व उनके पुत्र रिजवान (30) अपने घर से क्लीनिक रामपुर के लिए सुबह करीब 10.30 बजे मोटर सायकिल से जा रहे थे तभी सामने से आ रही मैजिक गाड़ी ने ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे पिता पुत्र की दर्दनाक मौत हो गई। परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल ।


मामला अलीगंज के चंदौकी गांव के रहने वाले रिजवान अपने दो पुत्रों इरफ़ान और गुफरान को लेकर बाइक से जा रहे थे लखनऊ वाराणसी हाईवे पर धम्मौर थानाक्षेत्र के पास इनकी बाइक को एक मैजिक की टक्कर से हो गई।
आनन फानन सभी घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से इलाज के लिये जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन रस्ते में ही पिता रिजवान ने दम तोड़ दिया जबकि इरफ़ान की इलाज के दौरान मौत हो गई।
वही सबसे छोटे पुत्र गुफरान का इलाज चल रहा है। पिता पुत्र की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मचा हुआ है फ़िलहाल दोनों मृतकों को शव को जिला अस्पताल के मर्चरी हाउस में रखवा दिया गया है और पुलिस को सूचना दे दी गई है।

 

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के पास 2022 के बाद नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) एक्रिडिटेशन नहीं होने पर मान्यता समाप्त हो जाएगी। सरकार ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिटेशन से जोड़ने के लिए 167 संस्थानों को मेंटर इंस्टीट्यूशन के लिए भी चयनित कर लिया है। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के मकसद से सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को नैक एक्रिडिटेशन अनिवार्य किया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) लाख कोशिशों के बाद भी सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिटेशन से नहीं जोड़ सका है। 350 से अधिक विश्वविद्यालय व कॉलेज अभी भी नैक एक्रिडिटेशन से नहीं जुड़ेे हैं। यूजीसी ने चयनित 167 मेंटर इंस्टीट्यूशन संस्थानों की सूची सभी विश्वविद्यालयों से सांझा कर दी है। इसका मकसद मेंटर इंस्टीट्यूशन अपने अधीनस्थ संस्थानों को केयर टेकर की तर्ज पर आगे बढ़ने में सहयोग कर सकें। इसमें हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के संस्थान भी मेंटर संस्थान की सूची में शामिल हैं।

यह है नैक एक्रिडिटेशन का फायदा

नैक एक्रिडिटेशन होने से उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता की भी परख हो जाती है। क्योंकि नैक टीम जांच के दौरान गुणवत्ता के साथ छात्र-शिक्षक अनुपात के तहत शिक्षक, योग्य शिक्षक, रिसर्च समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का जायजा लेती है। नैक एक्रिडिटेशन अनिवार्य के चलते विश्वविद्यालय, कॉलेज या संस्थान गुणवत्ता बढ़ाने पर फोकस करेंगे। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भी नैक एक्रिडिटेशन की परख होती है।

तीन सालों में नैक एक्रिडिटेशन

तीन सालों के भीतर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिटेशन से जोड़ने के लिए 167 मेेंटर संस्थान भी चयनित किए गए हैं। इनका काम संस्थानों को जागरूक  करने के साथ नैक एक्रिडिटेशन में सहयोग करना रहेगा।
-प्रो. डीपी सिंह, चेयरमैन, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग


राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दावा किया गया कि 1934 से 1949 के बीच विवादित स्थल पर नियमित रूप से नमाज पढ़ी जाती थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई सुबूत नहीं है, जिससे साबित हो कि उस दौरान वहां नमाज नहीं पढ़ी जाती थी।

मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष उस दौरान वहां नियमित नमाज पढ़ी जाने की बात कई। उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि जुमे (शुक्रवार) को अधिक लोग नमाज पढ़ने आते थे, जबकि बाकी दिन वहां कम लोग आते थे।

जिलानी ने कहा कि 1942 में निर्मोही अखाड़े ने जो सूट दायर की थी, उसमें भी विवादित स्थल को मस्जिद बताया गया है। यह नहीं कहा जा सकता कि वहां मस्जिद नहीं थी। 1885 में भी एक याचिका में कहा गया था कि विवादित जमीन के पश्चिमी हिस्से में मस्जिद थी। अभी इसे भीतरी आंगन कहा जाता है।

5 जून, 1934 को बाबरी मस्जिद के ट्रस्टी ने मस्जिद में हुए नुकसान को लेकर आवेदन दिया था। लोक निर्माण विभाग ने मस्जिद की मरम्मत कराई थी। 1934 दंगे में मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया था और मरम्मत के बाद उस जगह पर फिर से अल्लाह लिखा गया था।

गवाह का दावा, 1949 में पढ़ी आखिरी बार नमाज

जिलानी ने कहा कि गवाह मोहम्मद हाशिम ने बयान दिया था कि उन्होंने 22 दिसंबर, 1949 को आखिरी बार नमाज पढ़ी थी। कई और गवाहों के बयान हैं जिन्होंने कहा था कि वर्ष 1934 से 1949 के बीच वहां नमाज पढ़ी जाती थी। नमाज और अजान के लिए इमाम की नियुक्ति होती थी। उन्हें वेतन दिया जाता था। उन्हें दिए जाने वाले वेतन संबंधी कागजात भी मौजूद हैं।

जब आस्था है कि वहां जन्मस्थान है, तो स्वीकार करना होगा : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आस्था या विश्वास है कि वहां राम जन्मस्थान है, तो उसे स्वीकार करना होगा। हम इस पर सवाल नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन से कहा कि आखिर देवता या जन्मस्थान को क्यों नहीं ‘न्यायिक व्यक्ति’ माना जाना चाहिए?

धवन ने कहा कि इसका क्या प्रमाण है कि हिंदू अनंत काल से उस जगह को भगवान राम का जन्म स्थल मान रहे हैं। स्कंद पुराण और कुछ विदेशी यात्रियों के यात्रा वृत्तांत के आधार पर उसे जन्मस्थान नहीं ठहराया जा सकता। इस पर पीठ के सदस्य जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने धवन से पूछा कि आखिर ऐसी क्या चीजें हैं, जिनके आधार पर देवता या जन्मस्थान को न्यायिक व्यक्ति नहीं माना जाना चाहिए।



सुलतानपुर - भगवान श्रीकृष्ण पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में नगर कोतवाली में दर्ज हुआ मुकदमा। विश्व हिंदू परिषद के नेता आशीष श्रीवास्तव ने दर्ज कराया नगर कोतवाली में एफआईआर, फेसबुक पर भगवान श्रीकृष्ण के कार्यों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला। जिला अध्यक्ष नागेंद्र सिंह बोले, विहिप कर रहा आरोपी की गिरफ्तारी की मांग। सख्त कार्रवाई नहीं होने पर विश्व हिंदू परिषद करेगा प्रदर्शन। आरोपी महेश कुमार बताया जा रहा भीम आर्मी का नेता।
एक तरफ जहा यह मामला पूरे सोशल मीडिया मे गूज रहा है वही इससे पूरे हिन्दू जन मानस मे आक्रोष है । लोगो के बीच मे बस यही चर्चा का विषय बना हुआ है । विहिप के नेताओ ने कहा कि इस तरह की किसी भी प्रकार की टिप्पडी हमारी धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुचा रही है जोकि हर गिज बर्दाश्त नही ।उक्त जानकारी विहिप मीडिया प्रभारी शुभम तिवारी ने दी।



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