वाराणसी: भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रथम सत्र की अघ्यक्षता डा. प्रीतम कालिया, सह-अध्यक्षता डा. एस. टिक्कू एवं संयोजन डा. राजेश कुमार द्वारा किया गया। इस सत्र में संस्थान के निदेशक डा. टी.के. बेहेरा ने अपने सम्बोधन में अखिल भारतीय सब्जी अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसल) के 50 वर्षों की उपलब्धियाँ एवं भविष्य की योजनाओ के उपर प्रकाश डालते हुए बताया कि वैश्विक स्तर पर भारत देश में सब्जियों का क्षेत्रफल 15.8 प्रतिशत एवं उत्पादन 13 प्रतिशत है। देश भिण्डी में प्रथम, टमाटर, आलू, बैंगन, पत्तागोभी, फूलगोभी में द्वितीय स्थान पर है। इस परियोजना की स्थापना 17 जुलाई, 1971 को की गयी। इस परियोजना के तहत जननद्रव्य संग्रहण, किस्मों का मूल्यांकन एवं विविधता का अध्ययन (8 शस्य क्षेत्रों के लिये), सब्जी उत्पादन तकनीकी, फसल सुरक्षा तकनीकी एवं बीज उत्पादन तकनीकी का विकाश एवं मूल्यांकन किया जाता है। परियोजना में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के 11 संस्थान एवं 25 केन्द्रीय/राज्य कृषि विश्वविद्यालय केन्द्र है। परियोजना के पास 25785 जननद्रव्य उपलब्ध है जिनको समय-समय पर शोध कार्य हेतु छात्रों एवं वैज्ञानिकों को उपलब्ध कराया जाता हैं। अभी तक कुल 347 किस्में, 181 संकर, 59 प्रतिरोधी किस्में, 432 उत्पादन तकनीकी, 46 संरक्षित खेती तकनीकी, 150 बीज उत्पादन तकनीकी विकसित की गयी। संस्थान में जल भराव की प्रतिरोधी सब्जियों के विकास के लिए ग्राफ्टिंग तकनीकी द्वारा बैंगन के मूल वृंत्त पर टमाटर की शाखा का रोपण करके जलभराव प्रतिरोधी टमाटर विकसित की गयी है। टमाटर में सहारा देकर उत्पादन में वृद्धि कार्बनिक/जैविक खेती द्वारा रसायन मुक्त सब्जी उत्पादन सब्जी की फसलों में अन्र्तवर्तीय मसालें की खेती द्वारा कुल आय में वृद्धि एवं कीटों की प्रकोप में कमी का विकास किया गया। लौकी में बावर ट्रेनिंग करने पर उत्पादन 38 टन और बिना ट्रेनिंग के 24 टन प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुआ। जनक बीज का उत्पादन विगत वर्षों में माँग से अधिक किया गया जबकि अंतिम दो वर्ष लगभग बराबर था। अभी तक अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सब्जी फसलें) द्वारा 947 शोध पत्र, 56 किताबें, 79 चैप्टर, 232 लेख, 101 बुलेटिन का प्रकाशन किया गया है। भविष्य की योजनाओं में राज्यवार सब्जी नक्शा, स्थानीय/क्षेत्रीय समस्याएं, उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्तायुक्त बीज की सुनिश्चित उपलब्धता, गुण विशेष किस्मों का विकास, जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास, राज्य सरकार को जनक बीज लेकर प्रमाणित बीज बनाने के लिए प्रोत्साहन, सब्जी उत्पादन में निजी क्षेत्रों की सहभागिता पर जोर दिया गया। आज दूसरे दिन कुल 04 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिसमें मुख्य रूप से परियोजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी, टमाटर में जड़़ क्षेत्र का महत्व, फ्राशबीन में रोग नियत्रण, मिर्च में उन्नतशील किस्मों का विकास, भिण्डी में विषाणु रोग नियंत्रण, उच्च तापमान पर विषाणु रोग सहनशीलता, मिर्च में जैव विविधिता, खीरा में डाउनी मिल्ड्यू का नियंत्रण एवं लोबिया में उच्च ताप सहनशील किस्मों के विकास पर व्याख्यान दिया गया।
आज दिनांक 16 दिसंबर 2022 को विजय दिवस जिला अध्यक्ष रेवती रमण तिवारी की अध्यक्षता में जिला सैनिक कल्याण कार्यालय परिसर में मनाया गया मुख्य अतिथि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन विजय कुमार त्रिवेदी एवं संरक्षक कैप्टन सत्यनारायण तिवारी उपस्थित रहे सर्वप्रथम शहीदों को सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी गई समस्त पूर्व सैनिकों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से प्रभात फेरी बस अड्डा होते हुए चौक घंटाघर हेड पोस्ट ऑफिस के सामने से होते हुए सैनिक कार्यालय पर समापन के बाद बैठक की गई बैठक में नायब सूबेदार अर्जुन पांडे ने विजय दिवस के बारे में बताया कि यह 50 वां विजय दिवस मनाया जा रहा है आज के ही दिन पाकिस्तानी सेना ने जनरल नियाजी के नेतृत्व में 93000 सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण भारतीय सेना के सामने किया था आज का दिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हिंदुस्तानी सेना के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में लिखा गया आज के ही दिन बांग्लादेश बना इस बैठक में मुख्य रूप से महासचिव धर्म देव सिंह कोषाध्यक्ष रमेश प्रताप सिंह सूबेदार मेजर अयोध्या प्रसाद वर्मा प्रदीप पांडे सूबेदार गौरी शंकर शर्मा सूबेदार मेजर श्याम बहादुर मिश्रा नायव सुवेदार देवनारायण जितेंद्र सिंह श्रीपत मिश्रा महेंद्र सिंह हवलदार जयप्रकाश एलन सिंह अमरजीत दुबे सुरेंद्र तिवारी आदि समस्त पूर्व सैनिक उपस्थित रहे अंत में विजय दिवस का जश्न पूरे शहर में पूर्व सैनिकों ने मनाया।
चक्रपाणि ओझा का शोध संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पंजीकृत है। चक्रपाणि ओझा ने कक्षा छः से शोध छात्र तक का सफर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ही तय किया है।
चक्रपाणि ओझा मृदुभाषी हैं , व्यवहारिक है , विश्वविद्यालय में सबके लिए सहज उपलब्ध रहते है। चक्रपाणि ओझा एक आदर्श छात्र नेता के रूप में बीएचयू में लोकप्रिय है।
अटल जैसी सशक्त विचारधारा और चन्द्रशेखर जैसी तेवर वाले चक्रपाणि ओझा छात्र राजनीति में सन 2013 से सक्रिय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लंबे अरसे से जुड़े हुए है। इकाई मंत्री से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के सफर में आपने तमाम वैचारिकी के बीच विश्वविद्यालय में राष्ट्रवाद की बीज बोकर उसे एक बड़ा पेड़ बनाया है।
'राजनीति तेल से नही, तेवर से चलती है' कहने वाले चक्रपाणि ओझा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्र हितों की तमाम लड़ाइयां लड़ चुके है। फीस वृद्धि आंदोलन, कुलपति के खिलाफ 2016 का आंदोलन , चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह के तानाशाह रवैये के खिलाफ उनके बर्खास्तगी तक कि एक लंबी लड़ाई और अभी हाल में ही फिरोज खान के नियुक्ति खिलाफ उनके कई सफल आंदोलनों में से कुछ हैं।चक्रपाणि ओझा सदैव ही महामना के मूल्यों एवं आदर्शो के प्रति समर्पित रहें है।
प्रयागराज : प्रयागराज की सुप्रसिद्ध त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रेनू बोनाल को देश की राजधानी दिल्ली में ट्रेड मीडिया के द्वाराआयोजित अवार्ड वितरण कार्यक्रम में नेशनल हेल्थ आइकॉन अवार्ड से नवाजा गया।
आप को बताते चले कि डॉक्टर बोनाल को त्वचा रोग के इलाज में महारथ हासिल है, उनके द्वारा सैकड़ों मरीजों का त्वचा से संबंधित असाध्य रोगों का भी इलाज किया जा चुका है।
डॉ रेनू बोनाल के इस अवार्ड से सम्मानित होने पर सभी क्षेत्रवासियों एवं चिकित्सको में खुशी का माहौल है ।
सुलतानपुर: टीम डिजिटल: 14 अगस्त: आज विद्यालय के छात्रों तथा शिक्षकों ने भारत के विभाजन दिवस को ‘अखंड भारत दिवस’ के रूप में मनाया| आज से 75 वर्ष पूर्व इसी दिन देश को अप्राकृतिक रूप से बाँट कर तीन भाग कर दिए गए थे| इस कार्य में तत्कालीन सत्तालोभी नेताओं ने अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ति का साधन देखा|
शेष मणि मिश्र, प्रधानाचार्य ने बताया की सन 1905 में अंग्रेज सरकार ने बंगाल प्रान्त को दो भागो में बाँटा| यह बंटवारा हिन्दू व मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र को देखकर किया गया था| पूर्वी बंगाल मुस्लिम बाहुल्य तथा पश्चिमी बंगाल हिन्दू बाहुल्य था| इस बँटवारे का विरोध प्रत्येक राष्ट्रवादी नागरिक ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक किया| हिन्दू व मुसलमान धार्मिक विरोधी नहीं, एक ही माँ के पुत्र की तरह है, यह अपने कार्यों तथा आन्दोलन से उन्होंने अनेको बार सिद्ध किया|
ओमप्रकाश तिवारी, पूरे बाबू मिश्र- मुडुवा, सुलतानपुर की तरफ से सभी देशवासियों को 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाएं
अंग्रेज सरकार को बंगभंग कानून वापस लेना पड़ा| संगठित जनता को विजय श्री मिली| परन्तु अंग्रेजो ने इसे भुलाया नहीं| वह लगातार इस प्रयास में लगे रहे की कट्टरपंथी दकियानूस विचारो वाले नेताओं को खोजकर बढाया जाय तथा वे इसके लिए पूरा प्रयास करने लगे| उसी के कुछ दिन बाद सन 1921 में तुर्की के खलीफा को पद से हटा दिया गया| इस घटना का भारत से कोई सम्बन्ध नहीं था| परन्तु यहाँ पर कट्टरपंथी शक्तियां तुर्की की इस घटना पर लगातार आन्दोलन करने लगे| गाँधी जी ने इसे अपना समर्थन देकर कट्टरपंथियों का दिल जितने का असफल प्रयास किया| परंतु अंग्रेज तो शासक थे| उन्होंने दूरी बढाने का भरपूर प्रयास किया| इसी बीच केरल का ‘मोपला कांड’ केरल में हुआ| इसका भारत के सदभाव पर बुरा असर हुआ| अंततः जनता की भावनाओ का बिना ध्यान दिए मुस्लिम लीग तथा कांग्रेस दोनों राजनैतिक दलों ने देश विभाजन को अपनी स्वीकृत दे दी| दोनों दल भारत माँ को बाँटकर सत्ता के मोहपाश में फँस गये|
अतः 14 अगस्त 1947 को रात में देश बँट गया| भारत माँ के आँचल पर लकीरे खींच दी गई| इस त्रासदी की देश की जागरूक जनता विगत 75 वर्षो से इस दिन याद करती है| जागरूक जनता आज भी तत्कालीन 1947 वाले भारत को पुनः एक करने का संकल्प लेती है| आज भी हम सभी उस त्रासद दिन को याद करते हैं| प्रधानाचार्य जी ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को भारत को एक करने का संकल्प दिलाया|
दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुनः अखंड बनायेंगे,
गिलगित से गारो पर्वत तक आज़ादी पर्व मनाएंगे|
उस स्वर्ण दिवस के लिए, उठो और अब कमर कसो बलिदान करो,
जो पाया उसमें खो न जाय, जो खोया उसको याद करें|
तत्पश्चात आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर संपन्न होने वाले कार्यक्रमों का रिहर्शल शुरू हुआ|
इसौली विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी विधायक मोहम्मद ताहिर खान नें अपनी विधायक निधि से यह एक्सरे मशीन लगवाने की घोषणा की है, जिसकी लागत 12 लाख रुपये बताई जा रही है। विधायक ने सीडीओ को इस आशय का पत्र लिखकर वर्ल्ड क्लास कम्पनियों की जानकारी मांगी है।
आपको बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिजिटल एक्सरे मशीन की मांग काफ़ी समय से की जा रही थी। एक्सरे मशीन न होने से क्षेत्र के लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कुड़वार स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में यह सुविधा उपलब्ध होने से आस-पास के क्षेत्र के साथ-साथ दूर दराज तक के मरीज आएंगे।
वहीं मीडिया से बातचीत में सपा-यूथ जिला उपाध्यक्ष शिवमंगल तिवारी नें कहा कि वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सीटी स्कैन की मशीन उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयासरत है।
सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से वर्ष 2021 के सम्मानों/पुरस्कारों पर निर्णय लेने के लिए गठित पुरस्कार समिति की मंगलवार को हुई बैठक में विद्वानों के नामों का चयन किया गया। इसमें साहित्य भूषण सम्मान (ढाई लाख रुपये) के लिए सुल्तानपुर के विजय शंकर मिश्रा 'भाष्कर' का चयन किया गया है।
आपको बताते चले कि रामायण कालीन पौराणिक स्थल बिजेथुआ महावीरन के के परी क्षेत्र से आने वाले विजय शंकर मिश्रा 'भाष्कर' के नाम की घोषणा होने से पूरे क्षेत्र में हर्ष उल्लास का माहौल है। क्षेत्र के विभिन्न जनप्रतिनिधि पहुंचकर विजय शंकर मिश्रा 'भाष्कर' को बधाइयां दे रहे हैं।
नई दिल्ली - डॉ चौधरी का जन्म बेनई खुर्द, आगरा, उत्तर प्रदेश में एक किसान परिवार में हुआ प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही संपन्न हुई। बी एस सी, एम एस सी एवं पीएचडी की शिक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की, आज से लगभग 10 साल पहले लेखन का कार्य किया लेकिन कई बार असफल रहे लेकिन हिम्मत नहीं हारी लेखन का कार्य निरंतर जारी रखा और निरंतर प्रयास के बाद कुछ पुस्तकों ने प्रोफेसर चौधरी को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में ख्याति प्रदान की और डॉ चौधरी को अपार सफलता प्राप्त हुई जिसमें प्रोफेसर चौधरी की प्रमुख एवं प्रख्यात पुस्तकें अनुवांशिकी के मूलभूत सिद्धांत, मौलिक अनुवांशिकी, मौलिक पादप प्रजनन, पादप प्रजनन के आधार, मौलिक जीव विज्ञान, हैंडबुक ऑफ़ जनरल एग्रीकल्चर, बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोकेमेस्ट्री, सामान्य कृषि भाग-1, सामान्य कृषि भाग-2, एवं फसल कार्यकी आदि है। डॉ चौधरी अब तक कृषि विषयों पर 30 पुस्तकें लिख चुके हैं। साल 2022 में नासो, नई दिल्ली के सर्वे के अनुसार चौधरी भारत में अनुवांशिकी विषय में सबसे अधिक पुस्तक लिखने वाले लेखक बन चुके हैं तथा पुस्तकों की गुणवत्ता विश्व स्तर पर काफी सराहनीय है। डॉ चौधरी की पुस्तकें भारत ही नहीं भारत के अलावा दुनिया के कई अन्य देशों में छात्रों द्वारा काफी पसंद की जाती है और प्रोफ़ेसर चौधरी का लेखन का कार्य अभी भी निरंतर जारी है। डॉक्टर चौधरी लेखन के साथ-साथ गेहूं और सरसों के अनुसंधान में भी अत्यंत रुचि रखते हैं।
डॉ. अनिल कुमार चौधरी, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, कृषि विज्ञान महाविद्यालय, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में प्रोफेसर (सहा.) के पद पर कार्यरत हैं । डॉ अनिल राजा बलवंत सिंह कॉलेज बिचपुरी आगरा के पुरातन छात्र भी हैं । जेनेटिक्स और प्लांट ब्रीडिंग में मास्टर और पीएचडी डिग्री धारक हैं इन्होंने अब तक आनुवंशिकी, पादप प्रजनन और अन्य कृषि विषयों से संबंधित विभिन्न शीर्षकों पर 25 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। प्रो चौधरी हिंदुस्तान एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड वेलफेयर सोसाइटी (HARWS), आगरा के महासचिव, याशी रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के उप सचिव और एग्री-मीट फाउंडेशन, भारत के प्रबंध निदेशक व राष्ट्रीय कृषि छात्र संघ के केन्द्रीय कमेटी में राष्ट्रीय सलाहकार सदस्य भी हैं। डॉक्टर चौधरी कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों द्वारा जैसे- भारतीय कृषि गौरव पुरस्कार, FISGBRD पुरस्कार, FYRF पुरस्कार, FHARWS पुरस्कार, FBMR पुरस्कार, अभिनव वैज्ञानिक पुरस्कार, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ प्लांट ब्रीडर अवार्ड एवं कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है इन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर 24 से अधिक शोध पत्र और कई पेटेंट प्रकाशित किए हैं, 6 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और कार्यशालाओं का आयोजन भी करा चुके हैं। डॉ चौधरी हमेशा किसानों और कृषि छात्रों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं और विभिन्न विषयों पर विशेष व्याख्यान देकर डीडी किसान, डीडी नेशनल, न्यूज 24, ज़ी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो चैनलों के माध्यम से भारतीय किसानों को मार्गदर्शन प्रदान करते रहते हैं। डॉक्टर साहब सरसों के अनुसंधान में विशेषज्ञ और अनुभवी हैं और सरसों और गेहूं की कई प्रजनन लाइनों/किस्मों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया है।
सुल्तानपुर: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के जिला अध्यक्ष रेवती रमण तिवारी की अगुवाई में सैनिकों का समूह नवागत पुलिस अधीक्षक से मिलकर उनका स्वागत किया एवं विगत महीनों में सैनिकों के साथ हुई विभिन्न घटनाओं के संदर्भ में ज्ञापन दिया ।
इस मौके पर सूबेदार रामविलास तिवारी, नायक सूबेदार अमरजीत दुबे, हवलदार भगत सिंह ,शैलेंद्र कुमार पांडे ,अभय प्रताप द रामदेव प्रदीप,सूबेदार हेलो प्रसाद वर्मा, विजय सूबेदार राम प्रसाद मिश्र,आरपी पांडे आरपी सिंह, परिक्रमा सिंह समेत दर्जनों पूर्व सैनिक उपस्थित रहे
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार संकल्पबद्ध : खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री
मंत्री ने पूर्व विधायक सूर्यभान सिंह के निधन पर उनके आवास पर जाकर अर्पित की श्रद्धांजलि
सुलतानपुर : भाजपा का बूथ अध्यक्ष व कार्यकर्ता संगठन की रीढ़ होता है। भाजपा लीडर बेस्ड नहीं कैडर बेस्ड पार्टी है। यह बाते उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चन्द्र शर्मा ने भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ आरए.वर्मा की अगुवाई में पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में सीताकुंड सेक्टर के बूथ अध्यक्षों को सम्मानित करने के दौरान कही।उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं की कार्यशैली सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी होनी चाहिए। उन्होंने कहा मिशन 2024 में भी पार्टी का परचम फहराने में विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं का अहम रोल होगा। इस दौरान नगर कार्यकर्ताओं ने खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री के समक्ष पुलिस व जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया।वही अन्य कार्यकर्त्ताओं ने जल निगम द्वारा पाइप लाइन डालने में गुणवत्तापूर्ण व मानक के अनुसार काम ना करने तथा सरकारी राशन की दुकान में की जा रही घटतौली व सरकार के मानक के अनुसार समान ना किए जाने और अंगूठा लगवा लेने की शिकायत की।खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चन्द्र शर्मा ने दो टूक कहा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार संकल्पबद्ध है।सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।उन्होंने कहा जनता व कार्यकर्ता हमारी ताकत, उनका सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है।इसके बाद खाद्य एवं रसद मंत्री ने पूर्व विधायक सूर्यभान सिंह के निधन पर सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर जाकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की व उनके पुत्र रुपेश सिंह व परिजनों से भेंट मुलाकात भी की।इस दौरान उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष डा.आर.ए.वर्मा,शहर विधायक विनोद सिंह, जिला महामंत्री संदीप सिंह व पार्टी प्रवक्ता विजय सिंह रघुवंशी आदि मौजूद रहे।इसके पूर्व मंत्री के अमहट चौराहा पहुंचने पर जिला अध्यक्ष डॉ आरए.वर्मा की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया।आज प्रमुख रूप से जिला महामंत्री विजय त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष आलोक आर्या, सुनील वर्मा, आशीष सिंह रानू, भाजपा नेत्री बबिता तिवारी,रमेश शर्मा, रमेश सिंह टिन्नू , डॉ संतोष सिंह,दिनेश चौरसिया, वीरेन्द्र शर्मा, मोहित साहू, बूथ अध्यक्ष गण प्रदीप मिश्रा, रामअवध जयसवाल, सचिन अग्रहरि आदि मौजूद रहे।
सुलतानपुर: ब्लाक करौंदीकला में प्राथमिक विद्यालय में विश्व योग दिवस मनाया गया। प्र. ब्लाक सर्वेश मिश्र के ने नेतृत्व में सम्भ्रान्त नागरिकों के साथ प्राथमिक विद्यालय में विश्व योग दिवस के मौके पर योग किया।
प्र. प्रमुख सर्वेश मिश्र ने 08वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' पर समस्त करौंदीकला ब्लाक वासियों को बधाई देते हुए कहा योग केवल एक दिन कर लेना ही महत्वपूर्ण नही है, अपितु तन,मन की आरोग्यता सुनिश्चित करने व आध्यात्मिक चेतना की जागृति के लिए हमे योग को अपने दैनिक दिनचर्या में समल्लित करना चाहिए ।
जौनपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रयाग में हुई बैठक में कुछ प्रचारकों के दायित्व और कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है ।इसी क्रम में प्रभात काशी को जिला प्रचारक मछली शहर का दायित्व मिला । प्रभात काशी सुलतानपुर,काशी (bhu),प्रयाग समेत कई जगहों पर अपने दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं।
शाखा विस्तार पर विशेष जोर
कोरोना महामारी की रफ्तार कम होने के बाद आरएसएस ने शाखा विस्तार योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। कोविड 19 से बचाव संबंधी निर्देशों का पालन करते हुए सभी शाखाओं को सक्रिय बनाया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कम से कम कुटुंब शाखा अनिवार्य रूप से चले। आनलाइन भी लोग एक दूसरे से जुड़ें और सेवा कार्यों को बढ़ाने का प्रयास करें ।
सुलतानपुर: शुक्रवार को बल्दीराय व दोस्तपुर ब्लाक परिसर में 76 जोड़ों ने एक दूसरे का हाथ सभी ने सात फेरे लेकर • दांपत्य जीवन की शुरुआत की। वहीं, जनप्रतिनिधियों व अफसरों ने फूल बरसाकर उनके सुखमय जीवन की कामना की। थामा ।आपको बताते चले कि सर्वेश मिश्र प्र. ब्लाक प्रमुख करौंदीकला के ब्लाक से सर्वाधिक युगल जोड़ो की संख्या रही मौजूद ।
सामूहिक ब्लाक विवाह दोस्तपुर: मुख्यमंत्री योजना के तहत परिसर में 25 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे और जीवन भर साथ निभाने का वचन दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सदर भाजपा विधायक राज प्रसाद उपाध्याय,सर्वेश मिश्र प्र. ब्लाक प्रमुख करौंदीकला और बीडीओ आशीष कुमार ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की। ब्लाक प्रांगण में आयोजित समारोह में अखंडनगर के दो, आठ, करौंदीकला नौ, कादीपुर दोस्तपुर से के छह जोड़े विवाह बंधन में बंध गए। पं. सूर्यभान, भगवती प्रसाद व जितेंद्र मिश्र ने एक साथ वैदिक मंत्रोच्चार कर विवाह संपन्न कराया प्रभारी एडीओ समाज कल्याण विजय वर्मा ने बताया आर्थिक सहायता के रूप में 35 हजार की धनराशि वधू के खाते में भेजी जाएगी। एडीओ पंचायत सुग्रीव वर्मा, ईश नारायण, राघवेंद्र प्रताप मिश्रा, रोहित सिंह, राहुल यादव, मुदित आदि लोगों की उपस्थिति रही ।
प्रकाश न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
Last Updated: 09 June 2022, 10:15AM
कस्बा दोस्तपुर स्थित पाठक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट पर अप्रैल माह के परिणाम में सफल हुए सी0सी0सी0 के छात्रों को संस्थान के प्रबंधक अंकुर पाठक द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किये गए एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी, साथ ही वर्त्तमान में अध्यनरत छात्रों को निःशुल्क किट का वितरण किया गया। उनके द्वारा बताया गया संस्थान विगत पंद्रह वर्षों से क्षेत्र में कंप्यूटर प्रशिक्षण हेतु काम कर रहा है, क्षेत्रवासियों को रोजगारपरक शिक्षा दी जा रही है एवं सी0सी0सी० में संस्थान का परीक्षाफल शत-प्रतिशत रहा है। इस मौके पर सभी सफल हुए छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे जिनमें याशमीन, सोनाली, अन्वेषा, प्रिंस, रंजना, नीरज, अनुपम आदि उपस्थित रहे।
भारतीय संस्कृति भारतीय विचार पूरी दुनिया को पर्यावरण से बचाने एवं संरक्षण का कार्य आदि काल से कर रही है। विश्व मानव को आज पर्यावरण के ऊपर चिंता हो रही है जिसके सापेक्ष आज दिनांक 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे है। इसके लिए आप सब को बहुत-बहुत बधाई उक्त विचार कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, श्रीमती सुधा वर्मा समाज सेविका ने ग्राम कुसुम्भा में समाजिक संगठन नवनिर्माण युवा बिग्रेड के तत्वाधान में आयोजित पौधा रोपण कार्यक्रम के उपलक्ष्य में व्यक्त किये श्रीमती सुधा वर्मा ने आगे कहा कि दुनिया के वनस्पतियों के संरक्षण में हमारा और हमारे भारतीय समाज का योगदान अतुलनीय है हमारे ऋषी मुनीयों ने आयुर्विज्ञान की खोज की थी जो दुनिया के स्वास्थ विधियों (स्वास्थ्य रक्षक चिकित्सा पद्धितियों) में से एक है।
हम भारतीय किसी न किसी त्यौहार पर औषधीय पेड़ की पूजा करते है शनिवार को पीपल के पेड़ को पूजा जाता है तथा सामान्यताः सभी भारतीय परिवारों में तुलसी की पूजा की जाती है एवं भारतीय महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए आवला एवं बरगद के पेड़ की पूजा करती है इससे साबित होता है हमारें यहाॅ पौधो/ वृक्षों को वही मान्यता प्राप्त है जो हमारे परिवार में एक सदस्य की मान्यता होती है।
इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवनिर्माण युवा बिग्रेड संगठन के अध्यक्ष रजनीश वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद से जितनें भी वृक्षा रोपण हुए है उन सभी वृक्षों को संरक्षण एवं सर्वधन किया गया होता तो दुनिया का सबसे बड़ा जंगल आज भारत में होता तथा पेरिस जैसे (जलवायु परिवर्तन) को लेकर बैठक की आवश्यकता नहीं पड़ती।
कार्यक्रम के अंत में "पर्यावरण प्रेमी" विजय प्रताप सिंह जी ने मिशन हरियाली के माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं एनवाईबी टीम को पौधा भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ग्राम प्रधान प्रति संत कुमार, आशीष वर्मा, विनायक, सलमान खान, अनमोल चौहान, मंदीप गौतम, अभय, विपिन सिंह, तेज प्रकाश, अरूण, एवं प्रशांत यादव आदि लोग उपस्थित रहे।
इसके पूर्व अम्बेडकर पार्क कुसुम्भा में चार दर्जन फलदार एवं छायादार वृक्षों को रोपित कर पर्यावरण दिवस मनाया गया।
सुल्तानपुर:
आज दिनांक 5 जून 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशाल जन जागरूकता रैली का आयोजन पाठशाला कोचिंग क्लासेज व स्वयंसेवी समूह पर्जन्य द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ पाठशाला कोचिंग क्लासेज दरियापुर से डाकखाना चौराहा से होते हुए कोतवाली गेट के सामने से वापस दरियापुर पाठशाला क्लासेज तक पहुंच कर संपन्न हुआ,
कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने एक एक पेड़ को लेकर उससे ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन की कमी का संदेश दिया । कार्यक्रम में डॉ आयुष द्विवेदी,अमित पांडेय, सुधांशु तिवारी आलोक वर्मा ,ज्ञान शर्मा अनुज तिवारी आदित्य मिश्रा अक्षांश शर्मा ,शेशमनी पर्जन्य समूह से अनुपम द्विवेदी जी व अन्य लोग मौजूद रहे।
यूं तो वीर सावरकर को 5 फरवरी, 1948 को ही गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन दिल्ली नहीं लाया गया था। मुंबई की ही आर्थर रोड जेल में रखा गया था। 13 मई को नोटिस से एलान हुआ कि दिल्ली के लाल किले में महात्मा गांधी जी की हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा, जज होंगे कानपुर के डिस्ट्रिक्ट जज आत्मा चरण और पहली तारीख होगी 27 मई। अगले दिन सावरकर का जन्मदिन था।
लाल किले में इससे पहले दो बड़े मशहूर मुकदमे लड़े जा चुके थे, पहले मुकदमे में 1857 की क्रांति के बाद बहादुरशाह जफर को रंगून निर्वासित करने वाला फैसला यहीं हुआ था, दूसरा था आजाद हिंद फौज के अधिकारियों पर 1945 में हुआ मुकदमा।
सो आजादी के बाद ये पहला केस था। ये कोर्ट रूम 23 फुट चौड़ा और 100 फुट लंबा था। लाल किले के अंदर ब्रिटिश मिलिट्री के कैंप की दो मंजिला इमारत के टाप फ्लोर पर बने हाल को अदालत में बदल दिया गया था। ग्राउंड फ्लोर के हाल में केस के सारे कागजात को सुरक्षित रखा गया था और सुरक्षा में दिल्ली के बजाय बांबे पुलिस थी।
इस एलान से दो दिन पहले अचानक सावरकर को आर्थर रोड जेल से मुंबई के सीआइडी आफिस ले जाकर बाकी आरोपियों के साथ फोटो करवाया गया। सावरकर ने भांप लिया कि साजिश है, इस फोटो को सुबूत के तौर पर किसी पुरानी तारीख का बताकर कोर्ट में पेश कर सकते हैं, तो ना केवल उन्होंने मुंबई के चीफ मजिस्ट्रेट को लिखा बल्कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी, मुखर्जी ने सरदार पटेल से शिकायत की। उसके बाद सावकरकर को 25 मई को फ्लाइट से दिल्ली लाया गया।
लाल किले में ही उन्हें 12 फुट चौड़ी और इतनी ही लंबी बैरक में रखा गया। सुनवाई के पहले दिन अदालत में 200 कुर्सियां लगाई गई थीं, प्रेस और गणमान्य अतिथियों के बैठने की भी व्यवस्था की गई थी। यहां तक कि कानून मंत्री डा. भीमराव आंबेडकर भी पत्नी के साथ 28 जुलाई को कार्यवाही देखने आए थे।
पहले दिन सावरकर तीसरी लाइन में लकड़ी की बेंच पर बैठे थे। उनके वकील ने जज को उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया तो उनको पहली लाइन में एक बैक कुशन वाली कुर्सी उपलब्ध करवाई गई। सावरकर शर्ट, धोती, खुले कालर वाला कोट, काली टोपी और अपने खास किस्म का चश्मा पहनकर आए थे, जिसमें कान वाली कमानी नहीं होती।
सावरकर के वकील थे एलबी भोपटकर, दो सहयोगी भी थे, बाद में पटना के बैरिस्टर आफ ला पीआर दास को भी जोड़ा गया, जो खासतौर पर सरकारी गवाह बने बडग़े के काउंटर के लिए थे। यूं अलग अलग आरोपियों के अलग अलग वकील थे, जिनमें से परचुरे के वकील पीएल ईनामदार को तो एक दिन सावरकर ने अपनी बैरक मे भी बुलाकर तीन घंटे तक मुलाकात की, तारीफ की। सावरकर की बैरक के बारे में उन्होंने ही लिखा था, ईनामदार ने ही लिखा कि, 'सावरकर और गोडसे पास में बैठते थे, लेकिन एक दूसरे से बात नहीं करते थे। बाकी लोग आपस में मजाक करते रहते थे।'
सुबूतों की रिकार्डिंग 24 जून से शुरू हुई और छह नवंबर तक चलती रही। 149 लोगों की गवाहियां हुईं और सुबूतों को लेकर 720 पेज भर गए थे। 10 नवंबर को नाथूराम गोडसे का बयान दर्ज हुआ, लिखित बयान को नाथूराम ने पांच घंटे में पढ़ा, जबकि बीस तारीख को सावरकर ने अपना लिखित बयान पढ़ा, पूरे 57 पेज का था, जिसमें 23 बार दिल्ली का जिक्र था।
इसमें उस आरोप का भी जिक्र था कि पांच-छह अगस्त को गोडसे व आप्टे उन्हीं के साथ हिंदू कन्वेंशन में भाग लेने दिल्ली आए थे। सावरकर ने खुद पर लगे आरोपों का एक एक करके जवाब दिया और बताया कि कैसे कोई उनके घर 'सावरकर सदन' में आकर भी उनसे मिले जरूरी नहीं। क्योंकि उनके सचिव और एक पत्रकार भी नीचे के फ्लोर पर रहते हैं और वो खुद खराब स्वास्थ्य के चलते बेहद कम लोगों से मिलते हैं।
सावरकर ने बताया कि जिस अखबार 'अग्रणी' के लिए उन्होंने फंड दिया, उसके संपादक गोडसे व आप्टे के आग्रह पर कभी भी उसमें लिखा तक नहीं। पूरे ढाई घंटे तक वह धारा प्रवाह लाल किले में बनी उस इमारत में बोलते रहे। रोज हजारों की जनता उनके दर्शन के लिए लाल किले पहुंचती थी। गांधी हत्या का ये ट्रायल नौ महीने तक चला, फैसला अगले साल 10 फरवरी 1949 को सुनाया गया।
सावरकर के बरी होने के बाद हिंदू महासभा की योजना थी कि सावरकर को लेकर पूरी दिल्ली में बड़ी शोभायात्रा निकाली जाए, उनको चाहने वालों की एक बड़ी भीड़ लाल किले के बाहर इकट्ठा हो चुकी थी, लेकिन पंजाब पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट के तहत दिल्ली के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि सावरकर फौरन दिल्ली छोड़ दें और सावरकर के दिल्ली में प्रवेश पर तीन महीने के लिए बैन लगा दिया। सावरकर को चुपचाप सुरक्षा में मुंबई ले जाया गया, दिल्ली में रुकने नहीं दिया गया।
लेकिन मुकदमे की एक और दिलचस्प घटना मनोहर मालगांवकर की किताब 'द मैन हू किल्ड गांधी' में मिलती है। एक दिन सावरकर के वकील भोपटकर हिंदू महासभा के दिल्ली कार्यालय में केस के कागज पढ़ रहे थे कि अचानक एक फोन पर उन्हें बुलाया गया।
दूसरी तरफ बाबा साहेब आंबेडकर थे, उनसे कहा कि आज शाम मुझे मथुरा रोड के छठे मील के पत्थर पर मिलिए. भोपटकर हैरान थे, वहां पहुंचे थे बाबा साहेब अपनी कार में इंतजार कर रहे थे, अकेले, खुद ही ड्राइविंग सीट पर थे, उन्हें बैठाकर ले गए और आगे जाकर कुछ मिनट बाद कार रोकी, फिर उनसे कहा कि, 'तुम्हारे क्लाइंट के खिलाफ कोई रीयल चार्ज नहीं है, बेकार सुबूत बनाए गए हैं। केबिनेट में भी लोग इसके खिलाफ हैं, खुद सरदार पटेल भी। तुम ये केस जीतोगे'।))
किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आज मैं कृषि विशेषज्ञ आकांक्षा सिंह प्रकाश न्यूज आफ इंडिया के माध्यम से जून माह में बोई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसी के साथ उनकी अधिक उत्पादन देने वाली उन्नत किस्मों से भी आपको अवगत करा रहे हैं ताकि आप अपने क्षेत्र के अनुकूल रहने वाली उन्नत किस्मों का चयन करके उत्पादन को बढ़ा सके। आशा करते हैं हमारे द्वारा दी जा रही जानकारी किसान भाइयों के लिए फायदेमंद साबित होगी। तो आइए जानते हैं जून माह में बोई जाने वाली प्रमुख फसलों के बारे में।किसानों को बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए प्रत्येक माह के अनुसार फसलों की बुवाई और कृषि कार्य करने चाहिए। साथ ही फसल की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए आशा करते हैं हमारे द्वारा दी जा रही जानकारी किसान भाइयों के लिए फायदेमंद साबित होगी
धान की नर्सरी :
मक्का की बुवाई 25 जून तक पूरी कर लें :
प्रथम सप्ताह में कर सकते हैं अरहर की बुवाई : जून के
अरहर की बुवाई जून माह के प्रथम सप्ताह में की जा सकती है। वहीं सिंचाई की सुविधा का अभाव होने पर इसकी बुवाई वर्षा प्रारंभ होने पर ही करनी चाहिए। .
जून माह में करें इन सब्जियों की खेती :
भिंडी की बुवाई का भी ये उपयुक्त समय है। इसके अलावा लौकी, खीरा, चिकनी तोरी, आरा तोरी, करेला व टिंडा की बुवाई भी इस माह की जा सकती है। भिंडी की उन्नत किस्मों में परभनी क्रांति, आजाद भिंडी, अर्का अनामिका, वर्षा, उपहार, वी.आरओ.- 5, वी.आर.ओ.-6 व आई.आई.वी.आर.-10 भिंडी की अच्छी किस्में मानी जाती है। जून माह में आप बैंगन, मिर्च, अगेती फूलगोभी की पौध लगा सकते हैं।
ये कृषि कार्य : जून माह में करें
बागवानी कार्य : जून माह में किए जाने वाले
आप नया बाग लगा रहे हैं तो इसके रोपण के लिए प्रति गड्ढा 30-40 किग्रा सड़ी गोबर की खाद, एक किग्रा नीम की खली तथा गड्ढे से निकली मिट्टी को मिलाकर भरें। इस बात का ध्यान रखें कि गड्ढे को जमीन से 15-20 सेमी. ऊंचाई तक भरा जाना चाहिए।
आज दिनांक 27 मई 2022 जिला अध्यक्ष अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद रेवती रमण तिवारी की अगुवाई में धनपतगंज ब्लॉक में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। नई कार्यकारिणी में जितेंद्र कुमार सिंह को ब्लॉक अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा को महासचिव कुलदीप पांडे को कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह को ब्लॉक उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया मुख्य रूप से उपस्थित सैनिकों में अध्यक्ष रेवती रमण तिवारी कृष्णदेव पांडे धर्मदेव सिंह जितेंद्र कुमार सिंह अजय कुमार शर्मा कुलदीप पांडे राजेंद्र सिंह अरुण कुमार पांडे रामप्रगत शर्मा वीर प्रताप सिंह अंजनी कुमार त्रिपाठी महेंद्र कुमार सिंह इत्यादि पूर्व सैनिक उपस्थित रहे आए हुए पूर्व सैनिक का रजिस्ट्रेशन जिला महासचिव धर्म देव सिंह द्वारा किया गया ।जिला अध्यक्ष द्वारा पूर्व सैनिकों आने वाली समस्या के निदान के बारे में चर्चा किया गया और हर सैनिक के सुख दुख में भागीदारी करने के लिए समस्त पूर्व सैनिक मिलकर एकजुट होकर कार्य करने का वादा किया अंत में आए हुए सैनिकों का आभार प्रकट करते हुए राष्ट्रगान के गायन के उपरान्त सभा का समापन किया गया । *जय हिंद वंदे मातरम*
Department of Horticulture, Sam Higginbottom University of Agriculture,Technology and Sciences in collaboration with Department of Horticulture and Food Processing, Govt of Uttar Pradesh invites applications for 10 days training programme on Upgradation of knowledge, skill in value-addition of Horticultural crops.
Programme Objective
The training is aimed to impart knowledge to the students, research scholars and farmers on important aspects of Upgradation of knowledge, skill in value-addition and export management of Horticultural crops.
Course outline
• Maturity indices, Maturity and ripening process, harvesting and post-harvest handling of horti crops.
• Pre and post-harvest treatment, pre-cooling, method of different storage, irradiation and vapour heat treatment.
• Various methods of packaging- packaging materials and transport, Packaging technology.
• Processing Technology of Fruits and Vegetables- Dehydrated and osmo dehydrated products ,
beverages( fermented and non-fermented), frozen products, minimally processed products.
• Good manufacturing practices, hazard analysis and critical control points and sanitary measures.
• Microbial quality assurance of processed products.
• Value addition of fruits processing industry waste.
• Preservatives, colours permitted and prohibited in India.
• Cold chain management for fresh fruits and vegetables
• Export Technology and Packaging of fresh horticultural produce
• E-Marketing for Horticultural produce
• Project report writing and economic feasibility estimations for setting up of a processing industry.
Eligibility
Scanned copies of application forms may be sent to:e-mail: atul.yadav@shiats.edu.inApplication form can be downloaded from:www.shuats.edu.in
Course Director
Dr. Atul Yadav
Assistant Professor (Fruit Science)
Department of Horticulture, NAI, SHUATS. Mob No.: 9795973121
Dr. Vijay Bahadur
Head, Department of Horticulture
Naini Agricultural Institute
Department of Horticulture, NAI, SHUATS.
Sam Higginbottom University of Agriculture, Technology and Sciences,
Prayagraj-211007
Registration Fee
Registration fee is to be paid by the candidates Rs. 1500 /-
Travel
No Travelling allowance will be provided by the organizers
Food and Accommodation
Food and accommodation for the participants will be arranged by Self.
Scanned copies of application forms may be sent to:
e-mail: atul.yadav@shiats.edu.in
Application form can be downloaded from:
www.shuats.edu.in
Format of application form
ब्रेकिंग न्यूज़ :
मार पीट 308 , 325 और अन्य धाराओं के साथ कोर्ट में सरेंडर हुआ और जेल भेजे गए आरोपी अभियुक्त को मिली जमानत फौजदारी अधिवक्ता
जयसिंहपुर:प्रकरण गोसाईगंज थाना क्षेत्र के मिश्रौली गावँ से जुड़ा हुआ है जहाँ पर पूर्व प्रधान राजमणि मिश्रा कल्लू और सुहा देवी BLO पत्नी अरुणाकर मिश्रा बीडीसी के स्कूल की बाउंड्री वाल को लेकर हुआ था विवाद अतुल मिश्र के प्रार्थना पत्र थाना गोसाईगंज में मुकदमा दर्ज स्वीकार किया जाता है जिसमे पुलिस ने वैधानिक कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज उक्त प्रकरण में आरोपी अभियुक्त के अधीवक्ता सत्येंद्र लक्ष्मी शुक्ला , शुभम द्विवेदी वैदहा ने आज न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र पर बहस की जिससे सन्तुष्ट होकर न्यायालय आरोपी अभियुक्त को जमानत प्रदान कर दी*