June 2021

 


कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए इस्तेमाल की जा रही भारत की वैक्सीन कोवैक्सीन के असरकारी होने की बात को अब अमेरिका ने भी मान लिया है. अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने अपनी जांच में पाया है कि कोवैक्सीन की डोज लेने के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज कोरोना के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट्स से लड़ने में प्रभावी हैं.

 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने कहा है, 'वैक्सीन लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम पर हुए 2 अध्ययन से पता चलता है कि इस टीके से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, वह ब्रिटेन और भारत में मिले कोरोना के (अल्फा) और (डेल्टा) वेरिएंट्स पर असरदार हैं.'

 

कोवैक्‍सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के अंतरिम नतीजों के मुताबिक, यह वैक्सीन सिम्पटोमैटिक मामलों में 78 फीसदी तक असरदार है और बिना लक्षण वाले मामलों में 70 फीसदी तक असर करती है. वहीं कोरोना के गंभीर मामलों में यह 100 फीसदी प्रभावी है.

 

अमेरिका के इंफेक्शन डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथनी फौसी कई बार कोवैक्सीन की तारीफ कर चुके हैं. इसी साल उन्‍होंने कहा था कि भारत में बनी कोवैक्सीन कोरोना के 617 वेरिएंट्स को खत्म करने में सक्षम है.

 

कोवैक्सीन को डेड कोरोना वायरस से बनाया गया है जो शरीर में इस  वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी का निर्माण करता है. इसे भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर विकसित किया है.

 


1--- ड्रोन अटैक के बाद पीएम आवास पर हाई लेवल मीटिंग हुई, पीएम मोदी- गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ NSA डोभाल भी मौजूद रहे, रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा हुई

 

2--- जम्मू कश्मीर के अवन्तीपुरा में टेरर अटैक के बाद दहशत, आतंकिस्तान के इशारे पर SPO की हत्या, कश्मीर के IG ने कहा- जल्द ढेर होंगे हत्या में शामिल आतंकी

 

3--- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश को मिला एक और हथियार, पहली इंटरनेशनल वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल का रास्ता साफ, सिप्ला कंपनी को मिली मॉडर्ना वैक्सीन के आयात की मंजूरी

 

4--- विधानसभा चुनाव से पहले योगी नें खेला दलित कार्ड, यूपी में जल्द होगा 50 करोड़ की लागत वाले अंबेडकर स्मारक का शिलान्यास, मायावती नें ट्वीट कर कहा- बीजेपी कर रही नाटकबाजी

 

5--- हाईकोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार का यू- टर्न, 1 जुलाई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा की गई कैंसिल, कांवड़ यात्रा भी रहेगी रोक, सरकार ने जारी की नई SOP


सुल्तानपुर: भारतीय जनता पार्टी के द्वारा गोद लिये जा रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के क्रम में आज दिनांक 27 जून को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कूरेभार में कोविड किट वितरण का शुभारंभ पूर्व सैनिक सेवा परिषद के जिलाध्यक्ष रेवतीरमण तिवारी ने बच्चों व आशा बहुओ को किट वितरण कर किया। रेवतीरमण तिवारी ने कहा कि   सावधानियों और संयमित जीवन शैली से कोरोना महामारी को हराया जा सकता है।कोविड टिका पूरी तरह से कारगर है इसलिये सभी को टीकाकरण अवश्य करना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि रेवतीरमण तिवारी (जिलाध्यक्ष  पूर्व सैनिक सेवा परिषद ), सामुदायिक स्वस्थ केंद्र कूरेभार प्रभारी,कूरेभार बीडियो संदीप सिंह,कूरेभार मण्डल अध्यक्ष संदीप पांडेय,मण्डल महामंत्री  नीतीश अग्रहरी, सुशील पांडेय मण्डल उपाध्यक्ष,अतुल सिंह BPM समेत दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता एवम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों की उपस्थिति रही ।

 


सुल्तानपुर: 11:00 से शाम 3:00 बजे तक जिला पंचायत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन आज। भाजपा से उषा सिंह पत्नी शिव कुमार सिंह, का होगा नामांकन।चारो विधायक समेत पार्टी पदाधिकारियों का लगा है तांता ।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम। सुरक्षा घेरे में तब्दील हुआ जिला पंचायत।  एआरओ/ एडीएम वित्त राजस्व उमाकांत त्रिपाठी की मौजूदगी में होगा नामांकन। 

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प्रकाश न्यूज़ ऑफ़ इंडिया

 

  सुल्तानपुर: भाजपाई द्वारा गोद लिए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रख रखाव के सन्दर्भ में आज भारतीय जनता पार्टी के जिलाउपाध्यक्ष आनन्द द्विवेदी द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करौंदीकला का निरीक्षण किया गया।  निरीक्षण के पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करौंदीकला के परिषर के अंदर फलदार पौध का रोपड़ किया गया। 

भाजपा जिलाउपाध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने बताया कि वृक्ष धरा के भूषण है, जो कि प्रदूषण को दूर करते हैं।अभी कोरोना महामारी ने हम सभी को ने ऑक्सीजन के महत्व को बता दिया है।इसलिये वृक्ष रोपड़ एवम वृक्ष संरक्षण की नैतिक जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है ।

CHC प्रभारी डॉ विनोद सिंह ने कहा कि सभी को कोरोना से डरने की जरूरत नही है, कोरोना टीकाकरण अवश्य कराये,माश्क-सेनेटाइजर का प्रयोग करते रहें।

इस अवसर पर भाजपा जिलाउपाध्यक्ष आनन्द द्विवेदी,सर्वेश मिश्रा,CHC प्रभारी डॉ विनोद सिंह,कमलेश मिश्रा,विक्की वर्मा,बूथ अध्यक्ष नगेन्द्र पांडेय,विनोद तिवारी प्रधान प्रतिनिधि,संतोष तिवारी,अतुल मिश्रा सेक्टर संयोजक,हनुमान मौर्य मण्डल अध्यक्ष पिछड़ा मोर्चा समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे ।

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प्रकाश न्यूज ऑफ़ इंडिया


सुल्तानपुर:भीमा एकादशी के उपलक्ष्य में सुल्तानपुर के बस स्टैंड पर KNIT के शोध छात्र राहुल शुक्ला ने राहगीरों को शर्बत वितरण किया ।
इस अवसर पर राहुल शुक्ला, प्रतीक द्विवेदी, पवन पांडेय,पिंटू मिश्रा,शुभम पांडेय समेत दर्जनों भक्त मौजूद रहे। 

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प्रकाश न्यूज़ इंडिया

 

एकादशी व्रत हिन्दुओ में सबसे अधिक प्रचलित व्रत माना जाता है। वर्ष में चौबीस एकादशियाँ आती हैं, किन्तु इन सब एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है क्योंकि इस एक एकादशी का व्रत रखने से वर्ष भर की एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है। निर्जला-एकादशी का व्रत अत्यन्त संयम साध्य है। इस युग में यह व्रत सम्पूर्ण सुख भोग और अन्त में मोक्ष दायक कहा गया है। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों की एकादशी में अन्न खाना वर्जित है।


निर्जला एकादशी का महत्त्व

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ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। निर्जला यानि यह व्रत बिना जल ग्रहण किए और उपवास रखकर किया जाता है। इसलिए यह व्रत कठिन तप और साधना के समान महत्त्व रखता है। हिन्दू पंचाग अनुसार वृषभ और मिथुन संक्रांति के बीच शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी कहलाती है। इस व्रत को भीमसेन एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि भोजन संयम न रखने वाले पाँच पाण्डवों में एक भीमसेन ने इस व्रत का पालन कर सुफल पाए थे। इसलिए इसका नाम भीमसेनी एकादशी भी हुआ।


हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का मात्र धार्मिक महत्त्व ही नहीं है, इसका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के नज़रिए से भी बहुत महत्त्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है। इस दिन जल कलश, गौ का दान बहुत पुण्य देने वाला माना गया है। यह व्रत मन को संयम सिखाता है और शरीर को नई ऊर्जा देता है। यह व्रत पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। वर्ष में अधिकमास की दो एकादशियों सहित 26 एकादशी व्रत का विधान है। जहाँ साल भर की अन्य 25 एकादशी व्रत में आहार संयम का महत्त्व है। वहीं निर्जला एकादशी के दिन आहार के साथ ही जल का संयम भी जरुरी है। इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है यानि निर्जल रहकर व्रत का पालन किया जाता है।


ऐसी धार्मिक मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति मात्र निर्जला एकादशी का व्रत करने से साल भर की पच्चीस एकादशी का फल पा सकता है। यहाँ तक कि अन्य एकादशी के व्रत भंग होने के दोष भी निर्जला एकादशी के व्रत से दूर हो जाते हैं। कुछ व्रती इस दिन एक भुक्त व्रत भी रखते हैं यानि सांय दान-दर्शन के बाद फलाहार और दूध का सेवन करते हैं।


निर्जला एकादशी पूजा विधि


इस व्रत में एकादशी तिथि के सूर्योदय से अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक जल और भोजन का त्याग किया जाता है। इसके बाद दान, पुण्य आदि कर इस व्रत का विधान पूर्ण होता है। धार्मिक महत्त्व की दृष्टि से इस व्रत का फल लंबी उम्र, स्वास्थ्य देने के साथ-साथ सभी पापों का नाश करने वाला माना गया है। एकादशी के दिन सर्वप्रथम भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। पश्चात् 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करे। इस दिन व्रत करने वालों को चाहिए कि वह जल से कलश भरे व सफ़ेद वस्त्र को उस पर ढककर रखें और उस पर चीनी तथा दक्षिणा रखकर ब्राह्मण को दान दें। तदोपरान्त नियमानुसार नारायण कवच का पाठ करें। पाठ के बाद भगवान नारायण की आरती करें।


विधि – उत्तर दिशा में मुख करके बैठ जाएं। तत्पश्चात 3 बार आचमन करके आसन एवं देह की शुद्धि करके ॐ ॐ नमः पादयोः। ॐ नं नमो जान्वोः।  ॐ मों नमः ऊर्वो:। ॐ नां नमः उदरे। ॐ रां नमो हृदि। ॐ यं नमो उरसि। ॐ णां नमो मुखे। ॐ यं नमः शिरसि।


ॐ ॐ नमो दक्षिणतर्जन्यां, ॐ  नं नमो दक्षिणमध्यमायां ,ॐ मों  नमो दक्षिणानामिकायां, ॐ भं नमो दक्षिणकनिष्ठिकायाम् ॐ गं नमो वामकनिष्ठिकायाम्, ॐ वं नमो वामानामिकायाम्, ॐ तें नमो वाममध्मायाम्, ॐ वां नमो वामतर्जन्याम्, ॐ सुं नमः दक्षिणांगुष्ठोर्ध्वपर्वणि, ॐ दें नमो दक्षिणांगुष्ठाधःपर्वणि, ॐ वां नमो वामान्गुष्ठोर्ध्वपर्वणि, ॐ यं नमो वामान्गुष्ठाधः पर्वणि –


इन मंत्रो से तत्तदंगों में न्यास करके निम्नलिखित मन्त्र से दिग्बन्धन करें –


ॐ मः अस्त्राय फट् प्राच्याम् ,ॐ मः अस्त्राय फट्  आग्नेय्याम्,ॐ मः अस्त्राय फट् दक्षिणस्याम्,ॐ मः अस्त्राय फट् नैर्ऋत्याम्,ॐ मः अस्त्राय फट् प्र्तीच्याम्,ॐ मः अस्त्राय फट् वायव्याम्, ॐ मः अस्त्राय फट् कौबेर्याम्,ॐ मः अस्त्राय फट् ईशान्याम्, ॐ मः अस्त्राय फट् ऊर्ध्वायाम्,ॐ मः अस्त्राय फट् अधरायाम्, इसके बाद पाठ आरंभ करें 


॥ नारायणकवचम् ॥


राजोवाच ।


यया गुप्तः सहस्राक्षः सवाहान्रिपुसैनिकान् ।

क्रीडन्निव विनिर्जित्य त्रिलोक्या बुभुजे श्रियम् ॥1॥


भगवंस्तन्ममाख्याहि वर्म नारायणात्मकम् ।

यथाऽऽततायिनः शत्रून् येन गुप्तोऽजयन्मृधे ॥2॥


श्रीशुक उवाच ।


वृतः पुरोहितस्त्वाष्ट्रो महेन्द्रायानुपृच्छते ।

नारायणाख्यं वर्माह तदिहैकमनाः शृणु ॥3॥


विश्वरूप उवाच ।


धौताङ्घ्रिपाणिराचम्य सपवित्र उदङ्मुखः ।

कृतस्वाङ्गकरन्यासो मन्त्राभ्यां वाग्यतः शुचिः ॥4॥


नारायणमयं वर्म सन्नह्येद्भय आगते ।

दैवभूतात्मकर्मभ्यो नारायणमयः पुमान् |

पादयोर्जानुनोरूर्वोरुदरे हृद्यथोरसि ॥5॥


मुखे शिरस्यानुपूर्व्यादोंकारादीनि विन्यसेत् ।

ॐ नमो नारायणायेति विपर्ययमथापि वा ॥6॥


करन्यासं ततः कुर्याद्द्वादशाक्षरविद्यया ।

प्रणवादियकारान्तमङ्गुल्यङ्गुष्ठपर्वसु ॥7॥


न्यसेद्धृदय ओङ्कारं विकारमनु मूर्धनि ।

षकारं तु भ्रुवोर्मध्ये णकारं शिखया दिशेत् ॥8॥


वेकारं नेत्रयोर्युञ्ज्यान्नकारं सर्वसन्धिषु ।

मकारमस्त्रमुद्दिश्य मन्त्रमूर्तिर्भवेद्बुधः ॥9॥


सविसर्गं फडन्तं तत् सर्वदिक्षु विनिर्दिशेत् ।

ॐ विष्णवे नम इति ॥10॥


आत्मानं परमं ध्यायेद्ध्येयं षट्शक्तिभिर्युतम् ।

विद्यातेजस्तपोमूर्तिमिमं मन्त्रमुदाहरेत् ॥11॥


ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां

न्यस्ताङ्घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे ।

दरारिचर्मासिगदेषुचाप-

पाशान्दधानोऽष्टगुणोऽष्टबाहुः ॥12॥


जलेषु मां रक्षतु मत्स्यमूर्ति-

र्यादोगणेभ्यो वरुणस्य पाशात् ।

स्थलेषु मायावटुवामनोऽव्यात्

त्रिविक्रमः खेऽवतु विश्वरूपः ॥13॥


दुर्गेष्वटव्याजिमुखादिषु प्रभुः

पायान्नृसिंहोऽसुरयूथपारिः ।

विमुञ्चतो यस्य महाट्टहासं

दिशो विनेदुर्न्यपतंश्च गर्भाः ॥14॥


रक्षत्वसौ माध्वनि यज्ञकल्पः

स्वदंष्ट्रयोन्नीतधरो वराहः ।

रामोऽद्रिकूटेष्वथ विप्रवासे

सलक्ष्मणोऽव्याद्भरताग्रजोऽस्मान् ॥15॥


मामुग्रधर्मादखिलात्प्रमादा-

न्नारायणः पातु नरश्च हासात् ।

दत्तस्त्वयोगादथ योगनाथः

पायाद्गुणेशः कपिलः कर्मबन्धात् ॥16॥


सनत्कुमारोऽवतु कामदेवा-

द्धयशीर्षा मां पथि देवहेलनात् ।

देवर्षिवर्यः पुरुषार्चनान्तरात्

कूर्मो हरिर्मां निरयादशेषात् ॥17॥


धन्वन्तरिर्भगवान्पात्वपथ्या-

द्द्वन्द्वाद्भयादृषभो निर्जितात्मा ।

यज्ञश्च लोकादवताञ्जनान्ता-

द्बलो गणात्क्रोधवशादहीन्द्रः ॥18॥


द्वैपायनो भगवानप्रबोधा-

द्बुद्धस्तु पाखण्डगणप्रमादात् ।

कल्किः कलेः कालमलात्प्रपातु

धर्मावनायोरुकृतावतारः ॥19॥


मां केशवो गदया प्रातरव्या-

द्गोविन्द आसङ्गवमात्तवेणुः ।

नारायणः प्राह्ण उदात्तशक्ति-

र्मध्यन्दिने विष्णुररीन्द्रपाणिः ॥20॥


देवोऽपराह्णे मधुहोग्रधन्वा

सायं त्रिधामावतु माधवो माम् ।

दोषे हृषीकेश उतार्धरात्रे

निशीथ एकोऽवतु पद्मनाभः ॥21॥


श्रीवत्सधामापररात्र ईशः

प्रत्युष ईशोऽसिधरो जनार्दनः ।

दामोदरोऽव्यादनुसन्ध्यं प्रभाते

विश्वेश्वरो भगवान् कालमूर्तिः ॥22॥


चक्रं युगान्तानलतिग्मनेमि

भ्रमत्समन्ताद्भगवत्प्रयुक्तम् ।

दन्दग्धि दन्दग्ध्यरिसैन्यमाशु

कक्षं यथा वातसखो हुताशः ॥23॥


गदेऽशनिस्पर्शनविस्फुलिङ्गे

निष्पिण्ढि निष्पिण्ढ्यजितप्रियासि ।

कूष्माण्डवैनायकयक्षरक्षो-भूतग्रहांश गदेऽशनिस्पर्शनविस्फुलिङ्गे

निष्पिण्ढि निष्पिण्ढ्यजितप्रियासि ।

कूष्माण्डवैनायकयक्षरक्षो-

भूतग्रहांश्चूर्णय चूर्णयारीन् ॥24॥


त्वं यातुधानप्रमथप्रेतमातृ-

पिशाचविप्रग्रहघोरदृष्टीन् ।

दरेन्द्र विद्रावय कृष्णपूरितो

भीमस्वनोऽरेहृदयानि कम्पयन् ॥25॥


त्वं तिग्मधारासिवरारिसैन्य-

मीशप्रयुक्तो मम छिन्धि छिन्धि ।

चक्षूंषि चर्मञ्छतचन्द्र छादय

द्विषामघोनां हर पापचक्षुषाम् ॥26॥


यन्नो भयं ग्रहेभ्योऽभूत्केतुभ्यो नृभ्य एव च ।

सरीसृपेभ्यो दंष्ट्रिभ्यो भूतेभ्योंऽहोभ्य वा ॥27॥


सर्वाण्येतानि भगवन्नामरूपास्त्रकीर्तनात् ।

प्रयान्तु संक्षयं सद्यो ये नः श्रेयःप्रतीपकाः ॥28॥


गरुडो भगवान् स्तोत्रस्तोभश्छन्दोमयः प्रभुः ।

रक्षत्वशेषकृच्छ्रेभ्यो विष्वक्सेनः स्वनामभिः ॥29॥


सर्वापद्भ्यो हरेर्नामरूपयानायुधानि नः ।

बुद्धीन्द्रियमनःप्राणान्पान्तु पार्षदभूषणाः ॥30॥


यथा हि भगवानेव वस्तुतः सदसच्च यत् ।

सत्येनानेन नः सर्वे यान्तु नाशमुपद्रवाः ॥31॥


यथैकात्म्यानुभावानां विकल्परहितः स्वयम् ।

भूषणायुधलिङ्गाख्या धत्ते शक्तीः स्वमायया ॥32॥


तेनैव सत्यमानेन सर्वज्ञो भगवान् हरिः ।

पातु सर्वैः स्वरूपैर्नः सदा सर्वत्र सर्वगः ॥33॥


विदिक्षु दिक्षूर्ध्वमधः समन्ता-

दन्तर्बहिर्भगवान्नारसिंहः।

प्रहापयंलोकभयं स्वनेन

स्वतेजसा ग्रस्तसमस्ततेजाः ॥34॥


मघवन्निदमाख्यातं वर्म नारायणात्मकम् ।

विजेष्यस्यञ्जसा येन दंशितोऽसुरयूथपान् ॥35॥


एतद्धारयमाणस्तु यं यं पश्यति चक्षुषा ।

पदा वा संस्पृशेत्सद्यः साध्वसात्स विमुच्यते ॥36॥


न कुतश्चिद्भयं तस्य विद्यां धारयतो भवेत् ।

राजदस्युग्रहादिभ्यो व्याघ्रादिभ्यश्च कर्हिचित् ॥37॥


इमां विद्यां पुरा कश्चित्कौशिको धारयन् द्विजः ।

योगधारणया स्वाङ्गं जहौ स मरुधन्वनि ॥38॥


तस्योपरि विमानेन गन्धर्वपतिरेकदा ।

ययौ चित्ररथः स्त्रीभिर्वृतो यत्र द्विजक्षयः ॥39॥


गगनान्न्यपतत्सद्यः सविमानो ह्यवाक्षिराः ।

स वालखिल्यवचनादस्थीन्यादाय विस्मितः ।

प्रास्य प्राचीसरस्वत्यां स्नात्वा धाम स्वमन्वगात् ॥40॥


श्रीशुक उवाच ।


य इदं शृणुयात्काले यो धारयति चादृतः ।

तं नमस्यन्ति भूतानि मुच्यते सर्वतो भयात् ॥41॥


एतां विद्यामधिगतो विश्वरूपाच्छतक्रतुः ।

त्रैलोक्यलक्ष्मीं बुभुजे विनिर्जित्य मृधेऽसुरान् ॥42॥


॥ इति श्रीमद्भागवतमहापुराणे पारमहंस्यां संहितायां षष्ठस्कन्धे नारायणवर्मकथनंनामाष्टमोऽध्यायः ॥


निर्जला एकादशी के दान


इस एकादशी का व्रत करके यथा सामर्थ्य अन्न, जल, वस्त्र, आसन, जूता, छतरी, पंखी तथा फलादि का दान करना चाहिए। इस दिन विधिपूर्वक जल कलश का दान करने वालों को वर्ष भर की एकादशियों का फल प्राप्त होता है। इस एकादशी का व्रत करने से अन्य तेईस एकादशियों पर अन्न खाने का दोष छूट जाएगा तथा सम्पूर्ण एकादशियों के पुण्य का लाभ भी मिलेगा। इस प्रकार जो इस पवित्र एकादशी का व्रत करता है, वह समस्त पापों से मुक्त होकर अविनाशी पद प्राप्त करता है। भक्ति भाव से कथा श्रवण करते हुए भगवान का कीर्तन करना चाहिए।


निर्जला एकादशी व्रत की कथा


निर्जला एकादशी व्रत का पौराणिक महत्त्व और आख्यान भी कम रोचक नहीं है। जब सर्वज्ञ वेदव्यास ने पांडवों को चारों पुरुषार्थ- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देने वाले एकादशी व्रत का संकल्प कराया था।


युधिष्ठिर ने कहा- जनार्दन! ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष में जो एकादशी पड़ती हो, कृपया उसका वर्णन कीजिये।


भगवान श्रीकृष्ण ने कहा हे राजन् ! इसका वर्णन परम धर्मात्मा सत्यवती नन्दन व्यासजी करेंगे, क्योंकि ये सम्पूर्ण शास्त्रों के तत्त्वज्ञ और वेद वेदांगों के पारंगत विद्वान हैं|


तब वेदव्यासजी कहने लगे- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों की एकादशी में अन्न खाना वर्जित है। द्वादशी के दिन स्नान करके पवित्र हो और फूलों से भगवान केशव की पूजा करे। फिर नित्य कर्म समाप्त होने के पश्चात् पहले ब्राह्मणों को भोजन देकर अन्त में स्वयं भोजन करे।


यह सुनकर भीमसेन बोले- परम बुद्धिमान पितामह! मेरी उत्तम बात सुनिये। राजा युधिष्ठिर, माता कुन्ती, द्रौपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव, ये एकादशी को कभी भोजन नहीं करते तथा मुझसे भी हमेशा यही कहते हैं कि भीमसेन एकादशी को तुम भी न खाया करो परन्तु मैं उन लोगों से यही कहता हूँ कि मुझसे भूख नहीं सही जायेगी।


भीमसेन की बात सुनकर व्यासजी ने कहा- यदि तुम नरक को दूषित समझते हो और तुम्हें स्वर्गलोक की प्राप्ति अभीष्ट है और तो दोनों पक्षों की एकादशियों के दिन भोजन नहीं करना।


भीमसेन बोले महाबुद्धिमान पितामह! मैं आपके सामने सच कहता हूँ। मुझसे एक बार भोजन करके भी व्रत नहीं किया जा सकता, तो फिर उपवास करके मैं कैसे रह सकता हूँ। मेरे उदर में वृक नामक अग्नि सदा प्रज्वलित रहती है, अत: जब मैं बहुत अधिक खाता हूँ, तभी यह शांत होती है। इसलिए महामुनि ! मैं पूरे वर्षभर में केवल एक ही उपवास कर सकता हूँ। जिससे स्वर्ग की प्राप्ति सुलभ हो तथा जिसके करने से मैं कल्याण का भागी हो सकूँ, ऐसा कोई एक व्रत निश्चय करके बताइये। मैं उसका यथोचित रूप से पालन करुँगा।


व्यासजी ने कहा- भीम! ज्येष्ठ मास में सूर्य वृष राशि पर हो या मिथुन राशि पर, शुक्लपक्ष में जो एकादशी हो, उसका यत्नपूर्वक निर्जल व्रत करो। केवल कुल्ला या आचमन करने के लिए मुख में जल डाल सकते हो, उसको छोड़कर किसी प्रकार का जल विद्वान पुरुष मुख में न डाले, अन्यथा व्रत भंग हो जाता है। एकादशी को सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक मनुष्य जल का त्याग करे तो यह व्रत पूर्ण होता है। तदनन्तर द्वादशी को प्रभातकाल में स्नान करके ब्राह्मणों को विधिपूर्वक जल और सुवर्ण का दान करे। इस प्रकार सब कार्य पूरा करके जितेन्द्रिय पुरुष ब्राह्मणों के साथ भोजन करे। वर्षभर में जितनी एकादशियाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है, इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है। शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाले भगवान केशव ने मुझसे कहा था कि ‘यदि मानव सबको छोड़कर एकमात्र मेरी शरण में आ जाय और एकादशी को निराहार रहे तो वह सब पापों से छूट जाता है।’


एकादशी व्रत करने वाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते। अंतकाल में पीताम्बरधारी, सौम्य स्वभाव वाले, हाथ में सुदर्शन धारण करने वाले और मन के समान वेगशाली विष्णुदूत आख़िर इस वैष्णव पुरुष को भगवान विष्णु के धाम में ले जाते हैं। अत: निर्जला एकादशी को पूर्ण यत्न करके उपवास और श्रीहरि का पूजन करो। स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है। जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है। उसे एक-एक प्रहर में कोटि-कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता सुना गया है। मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है, यह भगवान श्रीकृष्ण का कथन है। निर्जला एकादशी को विधिपूर्वक उत्तम रीति से उपवास करके मानव वैष्णवपद को प्राप्त कर लेता है। जो मनुष्य एकादशी के दिन अन्न खाता है, वह पाप का भोजन करता है। इस लोक में वह चाण्डाल के समान है और मरने पर दुर्गति को प्राप्त होता है।


जो ज्येष्ठ के शुक्लपक्ष में एकादशी को उपवास करके दान करेंगे, वे परम पद को प्राप्त होंगे। जिन्होंने एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं।


कुन्तीनन्दन! निर्जला एकादशी के दिन श्रद्धालु स्त्री पुरुषों के लिए जो विशेष दान और कर्त्तव्य विहित हैं, उन्हें सुनो- उस दिन जल में शयन करने वाले भगवान विष्णु का पूजन और जलमयी धेनु का दान करना चाहिए अथवा प्रत्यक्ष धेनु या घृतमयी धेनु का दान उचित है। पर्याप्त दक्षिणा और भाँति-भाँति के मिष्ठानों द्वारा यत्नपूर्वक ब्राह्मणों को सन्तुष्ट करना चाहिए। ऐसा करने से ब्राह्मण अवश्य संतुष्ट होते हैं और उनके संतुष्ट होने पर श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं। जिन्होंने शम, दम, और दान में प्रवृत हो श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आने वाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है। निर्जला एकादशी के दिन अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शैय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु तथा छाता दान करने चाहिए। जो श्रेष्ठ तथा सुपात्र ब्राह्मण को जूता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है। जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है। चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है। पहले दन्तधावन करके यह नियम लेना चाहिए कि "मैं भगवान केशव की प्रसन्नता के लिए एकादशी को निराहार रहकर आचमन के सिवा दूसरे जल का भी त्याग करुँगा।" द्वादशी को देवेश्वर भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। गन्ध, धूप, पुष्प और सुन्दर वस्त्र से विधिपूर्वक पूजन करके जल के घड़े के दान का संकल्प करते हुए निम्नांकित मंत्र का उच्चारण करे।


संसारसागर से तारने वाले हे देव ह्रषीकेश! इस जल के घड़े का दान करने से आप मुझे परम गति की प्राप्ति कराइये। 


भीमसेन! ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की जो शुभ एकादशी होती है, उसका निर्जल व्रत करना चाहिए। उस दिन श्रेष्ठ ब्राह्मणों को शक्कर के साथ जल के घड़े दान करने चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य भगवान विष्णु के समीप पहुँचकर आनन्द का अनुभव करता है। तत्पश्चात् द्वादशी को ब्राह्मण भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करे। जो इस प्रकार पूर्ण रूप से पापनाशिनी एकादशी का व्रत करता है, वह सब पापों से मुक्त हो आनंदमय पद को प्राप्त होता है। यह सुनकर भीमसेन ने भी इस शुभ एकादशी का व्रत आरम्भ कर दिया। तबसे यह लोक में ‘पाण्डव द्वादशी’ के नाम से विख्यात हुई।


श्रीभगवान जगदीश्वर जी की आरती


ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश…


जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का।

सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय जगदीश…


मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी॥ ॐ जय जगदीश…


तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी॥ ॐ जय जगदीश…


तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।

मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय जगदीश…


तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय जगदीश…


दीनबंधु दुखहर्ता, तुम रक्षक मेरे।

करुणा हाथ बढ़ाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय जगदीश…


विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा

प्रकाश न्यूज़ ऑफ़ इंडिया

Prakash news of india

सुलतानपुर :भाजपा कार्यालय में ऊषा सिंह घोषित हुईं जिला पंचायत अध्यक्ष पद की पार्टी से प्रत्याशी। भाजपा जिलाध्यक्ष आरए वर्मा, विधायक सूर्यभान सिंह, देवमणि द्विवेदी, राजेश गौतम, सांसद प्रतिनिधि रंजीत कुमार की मौजूदगी में वार्ड संख्या 25 से विजयी जिपं सदस्य ऊषा सिंह बनी उम्मीदवार। प्रदेश मंत्री/ जिला प्रभारी शंकर गिरी ने की घोषणा।

आइये जानते हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के बारे में 

जिला पंचायत सीट 25-बल्दीराय प्रथम इस बार काफी खास रही। यहां से निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह मैदान में थी। उन्होंने इस सीट से सम्मान जनक जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी के खाते में डालने का काम किया। इस सीट पर उन्होंने सबसे ज्यादा मतो से जीत हासिल किया है। निकट प्रतिद्वंदी रंजना के अलावा इस सीट पर सबकी जमानत जफ्त हो गई।


जिला पंचायत वार्ड 25 वार्ड से इस बार कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। यहां कुल 42002 मतों में से 26803 मतदाताओं ने अपने मत के अधिकार का प्रयोग किया। मतदान का प्रतिशत 63.81 रहे। गणना में कुल मतों में 25716 वैध और 1087 अवैध पाए गए। ऊषासिंह को वैध मतों में से 13904 मत मिला, जिसका प्रतिशत 54.07 रहा। उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी रंजना को कुल वैध मतों में 5980 वोट मिला,जिनका प्रतिशत 23.25 रहा। चुनाव में रंजना अपनी जमानत बचाने में सफल रहीं। इसके अलावा इस सीट पर सभी अन्य दस प्रत्याशियों की जमानत जफ्त हो गई।

44 वर्षीय ऊषा सिंह जूनियर हाईस्कूल पास है। नामांकन के ब्योरे के अनुसार उनके पास कुल 37लाख 5 हजार रूपए की अचल सम्पत्ति है। ऊषा सिंह ने कहा कि पति शिवकुमार सिंह के साथ अपने पूरे कार्यकाल में बल्दीराय क्षेत्र में विकास कार्य के साथ जनता की सेवा की है। जीत के लिए जनता के प्रति आभार प्रगट करते हुए कहा कि यह जीत क्षेत्र की जनता की जीत है, उसे समर्पित है। उन्होंने बिना भेदभाव फिर से जनता को सेवा का भरोसा दिया है।


ऊषा सिंह के पति शिव कुमार सिंह भी बल्दीराय विकास खंड में बीडीसी चुनाव जीते हैं। ऊषा को इस बार दोबारा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। वहीं शिव कुमार सिंह बल्दीराय ब्लाक प्रमुख के दावेदार माने जा रहे हैं।

प्रकाश न्यूज़ ऑफ़ इंडिया

Prakash news of india



कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अब कोविन पर पहले से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं रह गया है। सरकार ने अब टीका लेने के नियमों को और आसान बना दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब कोरोना टीका लेने के लिए पहले से कोविन ऐप या वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं होगा।


सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 13 जून तक कोविन पर पंजीकृत 28.36 करोड़ लाभार्थियों में से 16.45 करोड़ (58 प्रतिशत) लाभार्थियों को ऑन-साइट मोड में पंजीकृत किया गया है। इसमें कहा गया है कि 13 जून तक कोविन पर दर्ज कुल 24.84 करोड़ वैक्सीन खुराक में से 19.84 करोड़ खुराक (लगभग 80 प्रतिशत) को ऑन-साइट पंजीकरण के माध्यम से दिया गया।


नए आईटी नियमों को लेकर सरकार और ट्विटर के बीच का विवाद लगता है की अब थम जाएगा। ट्विटर ने मंगलवार को बताया कि उसने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की नई गाइडलाइन के मुताबिक अंतरिम मुख्य शिकायत अधिकारी अपॉइंट कर दिया है। इसकी डिटेल्स ट्विटर जल्द ही केंद्र सरकार के साथ साझा करेगा। ट्विटर ने ये कदम तब उठाया है, जब सरकार ने उसे गाइडलाइन का पालन करने का आखिरी मौका दिया था।

 

सरकार ने अपने नोटिस में ट्विटर से कहा था कि अगर वो गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहता है तो वह IT एक्ट के तहत जिम्मेदारी से मिलने वाली छूट को खो देगा।

 

गाइडलाइन लागू करने के लिए हर कोशिश करेंगे- ट्विटर

मंगलवार को ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी नए दिशानिर्देशों का पालन करने की हर कोशिश कर रही है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को प्रक्रिया के हर कदम पर प्रगति की जानकारी दी जा रही है। एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया गया है और इससे जुड़ा ब्योरा जल्द ही मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा।

एक हफ्ते पहले दो अधिकारी नियुक्त किए थे

पिछले हफ्ते ही न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि ट्विटर ने केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन का मकसद पूरा करने के लिए नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट पर कर ली है। जल्द ही इन पदों परमानेंट नियुक्ति की जाएगी।


भारत में कोरोना के एक नए वेरिएंट मिलने की बात सामने आ रही है। समाचार नेटवर्क बीबीसी की खबर के मुताबिक भारत ने मंगलवार को औपचारिक रूप से स्वीकार किया कि AY.1 कोरोना वायरस का एक वेरिएंट मौजूद है जो कि डेल्टा वेरिएंट के क़रीब है।

 

बताया जा रहा है कि AY.1 या B.1.617.2.1 का एक म्यूटेशन है, जिसे K417N कहा जा रहा है। इसे काफ़ी संक्रामक बताया जा रहा है और बीटा वेरिएंट से जुड़ा है। पहली बार इसकी पहचान दक्षिण अफ़्रीका में हुई थी.

 

बीबीसी कि खबर के अनुसार मंगलवार को कोविड-19 टीकाकरण पर बने राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के प्रमुख वीके पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, ''पहली बार इसकी पहचान मार्च महीने में यूरोप में हुई थी लेकिन दो दिन पहले ही यह लोगों में पाया गया है। हाँ, नया कोरोना का नया वैरिएंट पाया गया है। लेकिन अभी चिंता की कोई बात नहीं है. हमें इसके बारे में अभी बहुत कुछ पता नहीं है. हम इसे लेकर अध्ययन कर रहे हैं. भारत में इसके संक्रमण को लेकर भी अध्ययन किया जा रहा है.''


देश के राज्यों में मॉसून दस्तक दे चुका है। महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक में मॉनसून की बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे में यूपी के लोगों के मन में सवाल उठना लाजिमी है की आखिर यूपी में बारिश कब होगी? मौसम विभाग की मानें तो यूपी में मानसून पहुँच चुका है। अब किसी भी वक्त राज्य के किसी भी हिस्से में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है

 

मौसम विभाग ने अगले चौबीस घण्टों के दौरान प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश होने के आसार जताए हैं। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा भी चल सकती है। प्रदेश में आंधी पानी का यह सिलसिला 15 जून तक जारी रहने का अनुमान है। वहीं मुंबई की अगर बात करें तो मायानगरी में तो मॉनसून की बारिश ने लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है

 

वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले छह दिनों के बीच दिल्ली-एनसीआर में तेज हवा और बूंदाबांदी का क्रम बीच-बीच में बना रहेगा। हवा का रुख आमतौर पर पूर्वी दिशा की तरफ से रहेगा। इसके चलते राजधानी के लोगों को गर्मी और प्रदूषण से खासी राहत मिलेगी।

 

आज की अगर बात करें तो आज पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, सिक्किम, असम , मेघालय, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।


आज देश के मशहूर फिल्म अभिनेता रहे सुशांत सिंह राजपूत की मौत की पहली बरसी है। आज ही के दिन यानि 14 जून, 2020 को 34 साल के सुशांत सिंह राजपूत के मुम्बई के बांद्रा स्थित घर में उनकी लाश फांसी के फंदे से लटकती हुई पाई गई थी। सुशांत सिंह की मौत की जांच मुम्बई पुलिस के अलावा बिहार पुलिस और फिर बाद में CBI ने भी की। बाद में इस मामले के कई पहलुओं के जांच के लिए एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) भी इस मामले में जुड़े। मुम्बई पुलिस ने अपनी जांच में सुशांत सिंह को डिप्रेशन‌ का शिकार बताते हुए उनकी मौत को आत्महत्या करार‌ दिया था। अभी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच CBI के हाथों में है।

 

 आज सुशांत सिंह राजपूत को उनकी बरसी पर पूरा देश नम आँखों से श्रद्धांजलि दे रहा है। आज सुशांत सिंह राजपूत की याद में उनकी पहले की जिंदगी और उनकी तमाम उपलब्धियों को लेकर एक वेबसाइट की शुरुआत की गई है। इस वेबसाइट का नाम  www.ImmortalSushant.com.‌ रखा गया है और इसे सुशांत के परिवारवालों की सहमति और सहायता से शुरू किया गया है।

 

 मिली जानकारी के मुताबिक इस वेबसाइट की खासियत है कि इसमें उनके चाहने वालों को न सिर्फ सुशांत की फिल्मी सफर के बारे में विस्तार से जानने को मिलेगा बल्कि फिल्मों से अलावा उनकी तमाम रूचियों, अपने‌ तमाम शौक और लक्ष्य को पूरा करने के लिए उनकी कोशिशों और सुशांत की‌ तस्वीरें और इंटरव्यू देखा जा सकेगा।

 


देश के अंदर चल रही कोरोना महामारी से पूरे देश कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। देश कोरोना कि पहली लहर और लॉकडाउन से उबर भी नही पाया था कि दूसरी लहर नें देश को झकझोर कर रख दिया। कोरोना कि दूसरी लहर नें देश में हजारों ज़िंदगी खत्म हो गयी। सैकड़ों बच्चे अनाथ हो गए तो कइयों के पति पत्नी, पापा, माँ, चाचा, चाची और कई अन्य रिश्तेदार काल के गाल में समा गए। एसे में कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर गंभीर प्रभाव को लेकर एक्सपर्ट के साथ ही पेरेंट्स  का मन अभी आशंकित बना हुआ है।

 

देश कि कई मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार कई बच्चों में कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण देखने को भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद अधिकतर बच्चों में बुखार और श्वास संबंधी परेशानियां जैसे लक्षण भी देखने को मिले हैं। वयस्कों की तुलना में बच्चों में हैजा, उल्टी और पेट में दर्द संबंधी अन्य जठरांत्र संबंधी लक्षण देखने को मिले हैं। कहा जा रहा है कि किशोरावस्था की उम्र के आस-पास के बच्चों में बीमारी के लक्षण आने की आशंका भी प्रबल हो जाती है।

देश के शीर्ष अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बाल रोग विशेषज्ञ सुशील के काबरा ने महामारी की तीसरी संभावित लहर को लेकर कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले पांच प्रतिशत से भी कम बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ेगी, जिनमें मृत्यु दर दो प्रतिशत तक हो सकती है।

काबरा ने कहा, ‘‘हम कह सकते हैं कि एक लाख संक्रमित बच्चों में से केवल 500 बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत पड़ी और उसमें से दो प्रतिशत बच्चों की मृत्यु हुई है। बच्चों में बीमारी के गंभीर लक्षण होने की आशंका बेहद कम है। संक्रमित होने वाले कुछ बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।

 

 

 

 


आज देश के महापुरुष महाराणा प्रताप की 481 वीं जयंती है। भारत के महान योद्धा महाराणा प्रताप ऐसे शूरवीर थे, जिन्हें दुश्मन भी सलाम करते थे। महाराणा प्रताप को भारत का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी भी कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म जन्म 9 मई, 1540 यानि सोलहवीं शताब्दी में राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था। इस दिन ज्येष्ठ मास की तृतीया तिथि थी, इसलिए हिंदी पंचांग के अनुसार महाराणा प्रताप की जयंती आज 13 जून को मनाई जा रही है। उनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया। कहा जाता है कि युद्ध के समय महाराणा प्रताप दो तलवार रखते थे। यदि उनके दुश्मन के पास तलवार नहीं होती थी तो वह उसे अपनी एक तलवार देते थे जिससे युद्ध बराबरी का हो।

 

बताया जाता है की इतिहास में महाराणा प्रताप ने कई बार अकबर के साथ लड़ाई लड़ी। उन्होने युद्ध का कौशल अपनी माँ से सीखा थामहाराणा प्रताप नें हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर को पूरी टक्कर दी थी।   अकबर के साथ लड़ाई के चलते वे राजभवन छोड़कर जंगलों में भी रहे। बताया जाता है की महाराणा प्रताप नें अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो और  छाती के कवच का वजन 72 किलो था।

 

इतिहास में दर्ज जानकारी के अनुसार हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप नें अकबर को पूरी टक्कर दी थी। जबकि उस समय महाराणा प्रताप के पास लड़ाई के लिए मात्र 20 हजार सैनिक थे और अकबर के पास करीबन 85 हजार सैनिकों की सेना थी। सोचिए इसके बावजूद इस युद्ध को अकबर जीत नहीं पाया था। आज उनकी हिम्मत और जज़्बे को देश सलाम करता है। इतिहास में महाराणा प्रताप का नाम वीरता और साहस के लिए सदा के लिए अमर है। वह अपनी वीरता और युद्ध कला के लिए जाने जाते हैं।

 


मेष

आज आपको अपनी प्रतिभा को निखारने के कई बड़े मौके मिलेंगे। ऑफिस में आपका दिन अच्छा रहेगा। सीनियर के साथ तालमेल बना कर रखें। परिवार में आपको कुछ नयी जिम्मेंदारी मिल सकती है। आमदनी में बरकत होगी। प्रेम और संतान की स्थिति मध्‍यम है। स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान दें।

 

वृष

आत्मविश्वास और उम्मीदों वाला दिन है। इस राशि के जो लोग अविवाहित हैं उन्हें विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। कुछ नए अनुभव की प्राप्ति हो सकती है। रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी। शारीरिक और मानसिक दबाव बना रहेगा। गणेश जी की आराधना से सारे काम बनेंगे

मिथुन

किस्मत आज आपके साथ है। तरक्की के नये रास्ते मिलेंगे। इस राशि के जो लोग अध्यापक हैं उनका ट्रांसफर उनकी मनपसंद जगह पर होने के योग हैं। प्रेम और संतान की स्थिति अच्‍छी है। व्‍यापारिक दृष्टिकोण से भी आप सही चल रहे हैं। हरी वस्‍तु पास रखें।

 कर्क

दिन का सामान्य रहने वाला है। परिवार में कई दिनों से चल रही समस्यायें सुलझ जायेंगी। कार्यक्षेत्र में आपको कोई बड़ा फैसला करना पड़ सकता है। व्यवसाय और प्रेम में अच्‍छा समन्‍वय चल रहा है। भगवान शिव की अराधना से लाभ मिलेगा।

सिंह

दिन उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। जीवनसाथी के लिए ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते है। आशातीत सफलता मिलेगी। व्‍यवसायिक और आर्थिक स्थिति आपकी मजबूत होती दिख रही है। स्‍वास्‍थ्‍य मध्‍यम है। सूर्यदेव को जल देते रहें।

 कन्या

दिन बेहतरीन रहने वाला है। कारोबार में उतार-चढाव की स्थिति बनी रहेगी। आप जो भी करें, सकारात्मक होकर करें। स्वास्थ्य को लेकर आप थोड़ा परेशान रहेंगे। परिवार से कलेश दूर होगा। व्‍यवसायिक लाभ मिलेगा। शनिदेव भगवान की अराधना जरुर करें।

तुला

दिन मिला-जुला रहने वाला है। की गई मेहनत का आपको सकारात्मक परिणाम मिलेगा। पदोन्नति की संभावनाएं बन रही हैंनकारात्मक विचारों को मन पर हावी न होने दें। धार्मिक अनुष्‍ठान में भाग लेंगे। स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार है। प्रेम की स्थिति मध्‍यम है। व्‍यवसायिक दृष्टिकोण से रुक-रुककर आगे बढ़ते रहेंगे। शनिदेव का स्‍मरण करते रहें।

 वृश्चिक

दिन बहुत ही अच्छा रहने वाला है। इस राशि के जो लोग प्रॉपर्टी डीलर है उन्हें काफी धनलाभ होगा। शारीरिक दृष्टि से सेहत फिट रहेगी। बाहरी चीजों के सेवन से बचें। धन में वृद्धि होगी। व्‍यापार और प्रेम सही चलता रहेगा। हरी वस्‍तु का दान करें, गणेश जी की स्‍मरण करना आपके लिए अच्‍छा रहेगा।

धनु

दिन शानदार रहने वाला है। वैज्ञानिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को आज कोई बड़ी सफलता मिलनें के योग हैं। रुका हुआ पैसा वापस मिल जायेगा। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। रोजी-रोजगार में तरक्‍की करेंगे। कुछ नए व्‍यापार या नौकरी की स्थिति बनेगी। स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार, प्रेम-व्‍यापार उत्‍तम है। गणेश जी की अराधना करते रहें।

मकर

आज आपका दिन फायदेमंद रहने वाला है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। बिजनेस में आगे बढ़ने के कई नए मौके मिलेंगे। कोई शुभ समाचार प्राप्त होगा। राह के रोड़े हट जाएंगे। विरोधी परास्‍त होंगे। स्‍वास्‍थ्‍य मध्‍यम, प्रेम और व्‍यापार उत्‍तम दिख रहा है। मां काली की अराधना करते रहें।

कुंभ

दिन नई सौगात लेकर आया है। जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम होंगे। आपके मन में बहुत सी सकारात्मक भावनायें आयेंगी। आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। नवप्रेम का आगमन, विद्यार्थियों के लिए अच्‍छा समय है। व्‍यवसायिक दृष्टिकोण से सही चल रहे हैं। हरी वस्‍तु पास रखें। भगवान गणेश की अराधना करें।

 मीन

दिन की शुरुआत अच्छी रहेगी। संचार से जुड़ी किसी नयी तकनीक से फायदा जरूर मिलेगा। सेहत बिल्कुल ठीक रहने वाली है। छात्रों का ध्यान पढाई से भटक सकता है। जीवन सुखमय गुजरेगा। भौतिक सुख संपदा में वृद्ध‍ि होगी। मां का और प्रेम का साथ मिलेगा। व्‍यवसायिक स्थिति अच्‍छी होगी। हरी वस्‍तु का दान करें और भगवान भोलेनाथ की अराधना करना आपकेव लिए हितकर रहेगा।

 ज्योतिषाचार्य: पंडित राज कुमार तिवारी

 

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