अहिल्याबाई होल्कर: नारी शक्ति और सुशासन की अमर प्रतीक
शुभम तिवारी
सुल्तानपुर, 12 फरवरी 2025: महान समाज सुधारक एवं धर्मपरायण शासिका अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर नगर में भव्य समारोह आयोजित किया गया। सरस्वती शिशु मंदिर, विवेकानंद नगर में हुए इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक झांकियों और विचार गोष्ठी के माध्यम से अहिल्याबाई के जीवन और उनके योगदान को याद किया गया।
सीएमपी डिग्री कॉलेज, प्रयागराज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं काशी प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह डॉ. बिहारी ने कहा कि शासक की नियति साफ और नीति स्पष्ट होनी चाहिए। अहिल्याबाई का सुशासन आज भी प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई के जीवन में सूचना तंत्र और संपर्क मजबूत थे, जिससे वह एक सफल शासक बनीं।
कार्यक्रम में डॉ. निशा प्रकाश सिंह ने अहिल्याबाई होल्कर के प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतिहास में उन्हें वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थीं। उन्होंने अहिल्याबाई को एक कर्तव्यनिष्ठ, दूरदर्शी और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक बताया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में संगीता पाल उपस्थित रहीं। इस दौरान रामराजी सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित भव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। झांकी में अहिल्याबाई के शासनकाल, धर्मपरायणता और समाज सुधार कार्यों को प्रभावी रूप से प्रदर्शित किया गया।
इसके अलावा, समारोह में आयोजित प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संगीता पाल ने विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण के कार्य करने चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन अजय कुमार तिवारी ने किया। इस अवसर पर विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश जी, जिला प्रचारक आशीष जी, विभाग संघ चालक अरुण कुमार सिंह, अमर पाल सिंह, डॉ. रमाशंकर मिश्रा, डॉ. तारा सिंह, डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. तूलिका गुप्ता, आलोक कुमार आर्य सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
समारोह समिति ने नगरवासियों से आह्वान किया कि वे अहिल्याबाई होल्कर के जीवन मूल्यों को अपनाते हुए समाज में समरसता और सेवा की भावना को बढ़ावा दें। नगरवासियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रेरणादायक कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की।