नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रांत द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर सामाजिक समरसता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान के अंतर्गत तेलंगाना के प्रख्यात संत शंकर स्वामी ने दिल्ली में विभिन्न समुदायों के लोगों से संपर्क कर सामाजिक समरसता और समानता के महत्व पर जोर दिया।
संत शंकर स्वामी ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि जाति के आधार पर बनी सामाजिक संरचना से न तो देश का भला हो सकता है और न ही समाज का। उन्होंने एकजुट और समतामूलक समाज की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, "हिन्दव: सोदरा: सर्वे, न हिन्दू पतितो भवेत्। मम दीक्षा हिन्दू: रक्षा, मम मंत्र: समानता।" अर्थात, सभी हिंदू भाई-भाई हैं, और किसी भी हिंदू को पतित नहीं होना चाहिए। मेरी दीक्षा हिंदू रक्षा और मेरा मंत्र समानता है।
इस दौरान संत शंकर स्वामी ने समाज के हर वर्ग को आपसी भेदभाव छोड़कर एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और सामाजिक समरसता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
विश्व हिंदू परिषद के इस प्रयास को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है, और समाज में समानता और एकता की भावना को मजबूत करने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।
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