रैली के दौरान छात्रों नें जलवायु संरक्षण - बढ़ते प्रदूषण और हर व्यक्ति को पेड़-पौधे लगाकर वातावरण को प्रदूषण से बचाने का संकल्प लिया. इन छात्रों का कहना है कि कोरोना काल में जिस तरह से ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौतें हुईं हैं. ऐसे में हम सब को पेड़-पौधों को बचाने के लिए संकल्प लेना चाहिए. छात्रों ने एक विशाल जन जागरूकता रैली का आयोजन 'पाठशाला कोचिंग क्लासेज' व 'स्वयंसेवी समूह पर्जन्य' के बैनर तले किया. कार्यक्रम का शुभारंभ 'पाठशाला कोचिंग क्लासेज' दरियापुर से डाकखाना चौराहा से होते हुए कोतवाली गेट के सामने से वापस दरियापुर पाठशाला क्लासेज तक पहुंच कर संपन्न हुआ. कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने एक- एक पेड़ को लेकर उससे ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन की कमी का संदेश दिया. कार्यक्रम में डॉ आयुष द्विवेदी,अमित पांडेय, सुधांशु तिवारी आलोक वर्मा ,ज्ञान शर्मा अनुज तिवारी आदित्य मिश्रा अक्षांश शर्मा ,शेशमनी पर्जन्य समूह से अनुपम द्विवेदी जी व अन्य लोग मौजूद रहे
विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की मेजबानी स्वीडन करेगा. इस बार वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे 2022 की थीम 'केवल एक पृथ्वी' है. इस मुहिम का नारा है प्रकृति के साथ सद्भावना में रहना. 50 साल बाद एक बार फिर ‘केवल पृथ्वी’ का नारा जो कि 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन में सबसे पहले दिया गया था. उसे आज फिर अपनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यह आज भी हम पर लागू होता है कि केवल पृथ्वी ही हमारा घर है और इसका कोई विकल्प हीं हैं. यह नारा पर्यावरण में वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी नतीजों की पैरवी करता है.
विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा ह्यूमन एनवायरनमेंट पर स्टॉकहोम सम्मेलन में की गई थी, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था. सभी ने एक धरती के सिद्धांत को मान्यता देते हुए हस्ताक्षर किए. इसके बाद 5 जून को सभी देशों में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाने लगा. भारत में 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ।
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