बीएचयू में चल रहे १०२वें दीक्षांत समारो में छात्रनेता चक्रपाणि ओझा को मिली डॉक्ट्रेट की उपाधी मिली
चक्रपाणि ओझा का शोध संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में पंजीकृत है। चक्रपाणि ओझा ने कक्षा छः से शोध छात्र तक का सफर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ही तय किया है।
चक्रपाणि ओझा मृदुभाषी हैं , व्यवहारिक है , विश्वविद्यालय में सबके लिए सहज उपलब्ध रहते है। चक्रपाणि ओझा एक आदर्श छात्र नेता के रूप में बीएचयू में लोकप्रिय है।
अटल जैसी सशक्त विचारधारा और चन्द्रशेखर जैसी तेवर वाले चक्रपाणि ओझा छात्र राजनीति में सन 2013 से सक्रिय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लंबे अरसे से जुड़े हुए है। इकाई मंत्री से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के सफर में आपने तमाम वैचारिकी के बीच विश्वविद्यालय में राष्ट्रवाद की बीज बोकर उसे एक बड़ा पेड़ बनाया है।
'राजनीति तेल से नही, तेवर से चलती है' कहने वाले चक्रपाणि ओझा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्र हितों की तमाम लड़ाइयां लड़ चुके है। फीस वृद्धि आंदोलन, कुलपति के खिलाफ 2016 का आंदोलन , चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह के तानाशाह रवैये के खिलाफ उनके बर्खास्तगी तक कि एक लंबी लड़ाई और अभी हाल में ही फिरोज खान के नियुक्ति खिलाफ उनके कई सफल आंदोलनों में से कुछ हैं।चक्रपाणि ओझा सदैव ही महामना के मूल्यों एवं आदर्शो के प्रति समर्पित रहें है।
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