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सुल्तानपुर। शिक्षा के क्षेत्र में सुल्तानपुर जनपद ने एक बार फिर उपलब्धि हासिल की है। अवध विश्वविद्यालय की बीएड फाइनल परीक्षा 2025 में जिले के अखिल दुबे ने टॉप कर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है।

अखिल दुबे, जो कि प्रख्यात अध्यापक राघवराम दुबे के पुत्र हैं, ने अपनी लगन और मेहनत से यह सफलता अर्जित की। उन्होंने सत्र 2023-24 में आंबेडकर नगर स्थित कल्पना शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में बीएड की पढ़ाई प्रारंभ की थी।

26 अगस्त को जारी परिणाम में अखिल ने कुल 500 में से 443 अंक प्राप्त कर विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया।

उनकी इस उपलब्धि से परिवार, गुरुजन और संस्थान में हर्ष की लहर है। संस्थान के प्राचार्य व शिक्षकों ने कहा कि अखिल की यह सफलता अनुशासन और परिश्रम का परिणाम है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।



प्रयागराज: अधिवक्ता विजय कुमार द्विवेदी और जल योद्धा आर्य शेखर की अगुवाई में आज गोविंदपुर, प्रयागराज में “जान चौपाल” का आयोजन किया गया। चौपाल का प्रमुख मुद्दा था – प्रयागराज में एम्स (AIIMS) की स्थापना।


इस अवसर पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने भागीदारी की और एम्स की स्थापना को जनहित में आवश्यक बताते हुए समर्थन में जोरदार हुंकार भरी।


चौपाल में वक्ताओं ने कहा कि प्रयागराज जैसे ऐतिहासिक, धार्मिक और शैक्षणिक महत्व के नगर को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त आवश्यकता है। एम्स की स्थापना से न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे पूर्वांचल के लाखों लोग लाभान्वित होंगे।


युवाओं ने इसे जनता का अधिकार बताते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया, वहीं वरिष्ठ नागरिकों ने इसे स्वास्थ्य सुरक्षा का सबसे बड़ा कदम बताया।


चौपाल के अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि एम्स की मांग को लेकर जनजागरण अभियान और तेज किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में अधिवक्ता ऋषभ उपाध्याय, हर्षित तिवारी, मयंक द्विवेदी, शिवम् सिंह, समेत दर्जनों स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

 

स्ट्रॉबेरी पर नैनो यूरिया के प्रभाव संबंधी शोध रहा चर्चा में, डॉ. साकेत मिश्र के निर्देशन में किया उत्कृष्ट कार्य


वाराणसी।

काशी की ज्ञान-परंपरा में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। वाराणसी निवासी और यूपी कॉलेज, वाराणसी में वाणिज्य संकाय के प्रोफेसर रहे डॉ. अवधेश सिंह के पुत्र अतुल कुमार सिंह ने फल विज्ञान (Pomology) विषय में शोध कार्य पूर्ण कर विद्या वाचस्पति (Ph.D.) की उपाधि प्राप्त की है।


अतुल कुमार सिंह का शोध विषय "Effect of different levels of nano urea on growth, yield and quality of strawberry (Fragaria × ananassa) cv. Winter Dawn under Prayagraj agro climatic condition" रहा, जिसमें उन्होंने प्रयागराज की जलवायु में स्ट्रॉबेरी की फसल पर नैनो यूरिया के विभिन्न स्तरों के प्रभावों का वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया।


यह शोध समकालीन बागवानी तकनीकों, सतत कृषि और पोषण गुणवत्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उन्होंने यह कार्य समकालीन उद्यान विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. साकेत मिश्र के निर्देशन में शुआट्स (SHUATS), प्रयागराज में सम्पन्न किया।


शोध कार्य की गुणवत्ता, व्यवहारिक उपयोगिता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने उन्हें विद्या वाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किया। इस सफलता पर उनके परिवार, शोध निर्देशक, शैक्षणिक समुदाय और मित्रों में हर्ष की लहर है।


शोधकर्ता अतुल कुमार सिंह की यह उपलब्धि ना केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह युवाओं के लिए शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत भी है। वाराणसी के शैक्षणिक और बौद्धिक जगत में उनकी इस उपलब्धि की सराहना

 हो रही है।




विषय: "Advertising Promotion & Other Aspects of Integrated Marketing Communications"


अयोध्या:डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग के सहायक आचार्य डॉ. प्रवीण कुमार राय द्वारा रचित पुस्तक "Advertising Promotion & Other Aspects of Integrated Marketing Communications" हाल ही में प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक एकीकृत विपणन संप्रेषण (Integrated Marketing Communication) के विविध पहलुओं पर गहन दृष्टि प्रदान करती है और समकालीन विज्ञापन व प्रचार तकनीकों को समझने में पाठकों की सहायता करती है।


पुस्तक में पारंपरिक से लेकर डिजिटल विज्ञापन तक की प्रवृत्तियों, उपभोक्ता व्यवहार, ब्रांड संप्रेषण, प्रमोशनल मिक्स, और पब्लिक रिलेशन्स के व्यावहारिक और अकादमिक पहलुओं को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया है। यह कृति प्रबंधन एवं विपणन के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं तथा उद्योग जगत के पेशेवरों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।


पुस्तक के प्रकाशन पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हिमांशु शेखर सिंह सहित प्रोफेसर शैलेन्द्र वर्मा, प्रोफेसर राणा रोहित, डॉ. कपिल देव, डॉ. अनुराग तिवारी, डॉ. निमिष मिश्रा, डॉ. दीपा सिंह एवं डॉ. राम जीत सिंह ने डॉ. राय को बधाई दी। इसके अतिरिक्त विभाग के अनेक शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भी उन्हें इस शैक्षणिक उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं और इसे विभाग की बौद्धिक उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।



वाराणसी : लालपुर-पांडेपुर क्षेत्र में एक युवती के साथ हुए जघन्य अपराध ने पूरे शहर को दहला दिया है। लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि राज्य में कानून-व्यवस्था से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया और महज कुछ घंटों के भीतर मुख्य आरोपी दानिश समेत छह आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए।

मुख्य आरोपी दानिश समेत छह आरोपी हिरासत में

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस शर्मनाक घटना में शामिल मुख्य आरोपी दानिश और उसके साथी युवती को बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाए थे। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसे अंजाम देने वालों को किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी।

बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि: सरकार की सख्त नीति

योगी सरकार की ओर से महिला सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे अभियानों जैसे मिशन शक्ति, 1090 महिला हेल्पलाइन, महिला थानों की स्थापना और सड़क पर सक्रिय एन्टी रोमियो स्क्वॉड जैसे प्रयास पहले ही राज्य में महिला अपराधों पर अंकुश लगाने में सफल रहे हैं। इस मामले में भी सरकार की तत्परता और सख्त कार्रवाई ने यह दिखा दिया कि बेटियों के साथ अन्याय करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

कानून सबके लिए बराबर: कोई जाति या मजहब नहीं देखती सरकार

प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों की जाति, मजहब या सामाजिक पृष्ठभूमि उनके लिए ढाल नहीं बन सकती। दानिश जैसे अपराधियों को जल्द से जल्द सख्त से सख्त सजा दिलाने का संकल्प प्रदेश प्रशासन ने दोहराया है।

सख्ती का असर: समाज में बढ़ा भरोसा

इस त्वरित कार्रवाई से आमजन में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है। नागरिकों ने पुलिस की तत्परता और सरकार की सख्त नीति की सराहना की है, जिससे साफ है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।


अगर आप चाहें तो इस खबर को टीवी स्क्रिप्ट, सोशल मीडिया पोस्ट या डिबेट पॉइंट्स के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ।

 


सुल्तानपुर : रामनवमी के पावन पर्व पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के राष्ट्रीय कला मंच द्वारा एक भव्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला संयोजक तेजस्व पांडेय ने परिषद कार्यालय पर कन्याओं का विधिवत पूजन कर उन्हें देवी स्वरूप मानते हुए श्रद्धा, सम्मान और स्नेह अर्पित किया।


कार्यक्रम के दौरान कन्याओं को अन्न, वस्त्र, फल और उपहार भेंट किए गए। पूजन उपरांत भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं एवं समाजसेवियों ने भाग लिया।


अपने उद्बोधन में तेजस्व पांडेय ने कहा—

"नारी शक्ति का सम्मान हमारी सनातन संस्कृति की आत्मा है। रामनवमी केवल भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की स्मृति नहीं, बल्कि मर्यादा, सेवा और आदर्श जीवन मूल्यों की प्रेरणा का पर्व है।"


कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग:


प्रांत कार्यकारिणी सदस्य: अमन राठौर


तहसील संयोजक: रूपेश यादव


सक्रिय कार्यकर्ता: अभय सिंह, एकांश मिश्र, आदित्य, शिखर, सत्या, ओमनगर के अन्य ABVP कार्यकर्ता



इस आयोजन को समाज में नारी सम्मान एवं सनातन मूल्यों के पुनर्स्थापन की दिशा में एक सार्थक पहल माना जा रहा है। ABVP के इस प्रयास की नगरवासियों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।


  अद्भुत होगी इस बार कुशभवनपुर की होली: स्वदेशी अपनाने और पर्यावरण बचाने का दिया जाएगा अनूठा संदेश

सुलतानपुर, कुशभवनपुर: इस बार कुशभवनपुर की होली न सिर्फ उल्लास और भक्ति का संगम होगी, बल्कि स्वदेशी अपनाने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगी। भगवान नरसिंह की भव्य शोभायात्रा के साथ स्वदेशी प्राकृतिक होली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें केवल प्राकृतिक रंग, गुलाल और फूलों की पंखुड़ियों का प्रयोग किया जाएगा। होलिकोत्सव समिति, कुशभवनपुर ने सभी नगरवासियों से परंपरागत और स्वदेशी तरीकों से होली खेलने की अपील की है।

पर्यावरण को बचाने और भारतीय परंपराओं को सहेजने की पहल

इस वर्ष की होली विशेष होगी, क्योंकि इसमें रासायनिक रंगों की जगह पूरी तरह से प्राकृतिक गुलाल और फूलों का उपयोग किया जाएगा। यह पहल स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए की गई है। आयोजन समिति ने बताया कि इस प्रयास से न केवल भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों को शुद्ध और सुरक्षित होली का अनुभव भी मिलेगा।

धार्मिक आस्था और संस्कृति का संगम

भगवान नरसिंह की शोभायात्रा इस भव्य आयोजन का प्रमुख आकर्षण होगी। शोभायात्रा में धार्मिक झांकियां, भजन-कीर्तन, पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनि और भक्तों का विशाल समूह नगर में दिव्यता का संचार करेगा। नगरवासी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ होली खेलकर अपनी आस्था प्रकट करेंगे।

नगरवासियों से अपील

होलिकोत्सव समिति ने सभी नगरवासियों से आग्रह किया है कि वे इस बार रासायनिक रंगों का त्याग कर स्वदेशी और प्राकृतिक विकल्प अपनाएं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगा।

कार्यक्रम का विवरण:

📅 तिथि: 14 मार्च 2025 (शुक्रवार)
समय: सुबह 8:00 बजे
📍 स्थान: चौक घंटाघर, सुलतानपुर

नगर में इस अनोखे आयोजन को लेकर भक्तों और श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। आयोजकों का कहना है कि यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और भारतीय परंपराओं को पुनर्जीवित करने की एक पहल भी है।

आयोजक: होलिकोत्सव समिति, कुशभवनपुर

 


शुभम तिवारी 

सुल्तानपुर, 12 फरवरी 2025: महान समाज सुधारक एवं धर्मपरायण शासिका अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर नगर में भव्य समारोह आयोजित किया गया। सरस्वती शिशु मंदिर, विवेकानंद नगर में हुए इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक झांकियों और विचार गोष्ठी के माध्यम से अहिल्याबाई के जीवन और उनके योगदान को याद किया गया।

सीएमपी डिग्री कॉलेज, प्रयागराज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं काशी प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह डॉ. बिहारी ने कहा कि शासक की नियति साफ और नीति स्पष्ट होनी चाहिए। अहिल्याबाई का सुशासन आज भी प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई के जीवन में सूचना तंत्र और संपर्क मजबूत थे, जिससे वह एक सफल शासक बनीं।

कार्यक्रम में   डॉ. निशा प्रकाश सिंह ने अहिल्याबाई होल्कर के प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतिहास में उन्हें वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थीं। उन्होंने अहिल्याबाई को एक कर्तव्यनिष्ठ, दूरदर्शी और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक बताया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में संगीता पाल उपस्थित रहीं। इस दौरान रामराजी सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित भव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। झांकी में अहिल्याबाई के शासनकाल, धर्मपरायणता और समाज सुधार कार्यों को प्रभावी रूप से प्रदर्शित किया गया।

इसके अलावा, समारोह में आयोजित प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संगीता पाल ने विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण के कार्य करने चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन अजय कुमार तिवारी ने किया। इस अवसर पर विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश जी, जिला प्रचारक आशीष जी, विभाग संघ चालक अरुण कुमार सिंह, अमर पाल सिंह, डॉ. रमाशंकर मिश्रा, डॉ. तारा सिंह, डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. तूलिका गुप्ता, आलोक कुमार आर्य सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

समारोह समिति ने नगरवासियों से आह्वान किया कि वे अहिल्याबाई होल्कर के जीवन मूल्यों को अपनाते हुए समाज में समरसता और सेवा की भावना को बढ़ावा दें। नगरवासियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रेरणादायक कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की।

 




प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में जहां लाखों श्रद्धालु आस्था और भक्ति के लिए संगम नगरी पहुंचे हैं, वहीं सेक्टर छा में स्थित सच्चा डेरा आश्रम के महंत मनोज ब्रह्मचारी जी ने सेवा और करुणा की ऐसी मिसाल पेश की है, जो हर किसी के दिल को छू गई। कड़ाके की ठंड में बाहर सो रहे श्रद्धालुओं को देखकर ब्रह्मचारी जी का हृदय पिघल गया, और उन्होंने अपने निजी कक्ष को उनके ठहरने के लिए खोल दिया।


ब्रह्मचारी जी का कहना है, "सेवा ही सच्चा धर्म है। महाकुंभ में *आने वाले श्रद्धालु भगवान के रूप होते हैं। जब मैंने इन्हें ठंड में कांपते देखा, तो मेरा मन विचलित हो गया। उन्हें अपने कक्ष में जगह देना मेरा कर्तव्य था।"


सच्चा डेरा आश्रम में न केवल रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, बल्कि वहां आने वाले श्रद्धालुओं को गर्म कंबल, चाय और भोजन भी दिया जा रहा है। महाराज जी ने अपना कमरा त्यागकर खुद साधारण कुटिया में रहना शुरू कर दिया ताकि ठंड में परेशान लोगों को शरण दी जा सके।


श्रद्धालुओं ने महाराज जी के इस सेवा भाव की जमकर प्रशंसा की। एक श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा,"जब ठंड में कांप रहे थे और कहीं भी रहने की जगह नहीं थी, तब महाराज जी ने हमें अपने कमरे में बुलाकर जगह दी। उनका यह कदम हमारे लिए किसी देवता के आशीर्वाद जैसा है।"


महाराज जी की इस पहल ने महाकुंभ में आए हजारों श्रद्धालुओं को प्रेरणा दी है। सच्चा डेरा आश्रम का यह कदम केवल आस्था का नहीं, बल्कि मानवता और सेवा का संदेश भी दे रहा है। ब्रह्मचारी जी के इस कार्य ने यह सिद्ध कर दिया कि एक सच्चा संत वही है, जो केवल उपदेश नहीं देता, बल्कि अपने कर्मों से दूसरों की मदद कर दुनिया को प्रेरणा देता है।


महाकुंभ के इस अद्भुत आयोजन में सच्चा डेरा आश्रम का नाम श्रद्धालुओं के बीच उनकी सेवा भावना के लिए गूंज रहा है। महाराज जी ने यह साबित कर दिया कि करुणा और सेवा ही सबसे बड़ी साधना है।

सुल्तानपुर। कुंभ जैसे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस बार एक ऐतिहासिक पहल की है। संघ ने पूरे देश में एक अभियान चलाकर धातु की थालियां और कपड़े के थैले एकत्र किए और अब इन्हें कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के बीच वितरित कर रहा है। यह प्रयास न केवल मां गंगा की स्वच्छता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहा है।

संघ का राष्ट्रीय अभियान: थाली और थैला संग्रहण

आरएसएस ने देशभर में अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से "हरित कुंभ" के उद्देश्य को साकार करने के लिए एक अनूठा अभियान चलाया। इस अभियान में लाखों परिवारों ने अपनी थाली और थैले दान किए। कुंभ मेले में ये थालियां और थैले निःशुल्क वितरित किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालु प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामग्री का उपयोग न करें।

सुल्तानपुर के विभाग प्रचारक श्री प्रकाश जी ने बताया, "यह पहल केवल एक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को जाग्रत करने का प्रयास है।"

हरित कुंभ का संदेश: प्लास्टिक मुक्त आयोजन

इस अभियान का उद्देश्य कुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाना है। श्रद्धालुओं को वितरित किए गए थालियां और थैले उन्हें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। संघ ने इस अभियान के जरिए यह भी सुनिश्चित किया है कि इस पवित्र आयोजन से कोई ऐसा कचरा न पैदा हो, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए।

संघ के स्वयंसेवक न केवल थाली और थैले बांट रहे हैं, बल्कि मां गंगा की स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर भी जागरूकता फैला रहे हैं। श्रद्धालुओं को यह बताया जा रहा है कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर है। इसे स्वच्छ और पवित्र रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

श्री प्रकाश जी ने कहा, "हम चाहते हैं कि हर व्यक्ति मां गंगा को स्वच्छ रखने और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे। यह पहल भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुंदर पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में हमारा प्रयास है।"

इस पहल का प्रभाव न केवल कुंभ तक सीमित है, बल्कि यह पूरे देश में पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम बन रहा है। सुल्तानपुर से लेकर देश के हर कोने तक संघ के स्वयंसेवकों ने यह दिखाया है कि सामूहिक प्रयासों से बड़े बदलाव संभव हैं।

आरएसएस का थाली और थैला अभियान कुंभ मेले को स्वच्छ, हरित और पवित्र बनाने की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है। यह पहल दिखाती है कि यदि हम सभी छोटी-छोटी आदतों में बदलाव करें, तो पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। मां गंगा की स्वच्छता और कुंभ की पवित्रता बनाए रखने के इस प्रयास को हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए, ताकि यह संदेश पूरे समाज में गहराई तक पहुंचे।

 

सुल्तानपुर, 11 जनवरी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 250 स्वयंसेवकों का दल आज प्रयागराज महाकुंभ 2025 में सेवा कार्यों के लिए सुल्तानपुर से रवाना हुआ। इस अवसर पर संघ के विभाग प्रचारक श्री प्रकाश जी और जिला प्रचारक आशीष जी ने स्वयंसेवकों को शुभकामनाएँ देकर रवाना किया। यह दल 18 जनवरी तक महाकुंभ में विभिन्न सेवा कार्यों में अपना योगदान देगा।

संघ की सेवा परंपरा को निभाएंगे स्वयंसेवक

महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा परंपरा वर्षों से एक आदर्श रही है। इस बार भी सुल्तानपुर से 250 स्वयंसेवक स्वच्छता, भीड़ प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सहायता के कार्यों में जुटेंगे।

प्रेरणा और अनुशासन का संदेश

इस अवसर पर विभाग प्रचारक श्री प्रकाश जी ने कहा, "महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक है। स्वयंसेवकों का यह योगदान राष्ट्र और समाज के लिए एक प्रेरणा बनेगा।"

जिला प्रचारक आशीष जी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवक अपने अनुशासन और सेवा भावना से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

स्वयंसेवकों के रवाना होने से पहले एक विशेष विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों को महाकुंभ के महत्व और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने संघ के गीत और घोष के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

महाकुंभ में संघ की भूमिका

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर अपनी सेवाएँ देंगे। वे न केवल श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन करेंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें चिकित्सा सहायता और अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध कराएँगे।


यह सेवा कार्य न केवल सुल्तानपुर जिले का गौरव है, बल्कि महाकुंभ में संघ की सेवा और समर्पण की मिसाल भी पेश करेगा।


वाराणसी। शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतीक माने जाने वाले  डॉ. अजय कुमार सिंह ने 7 जनवरी 2025 को अंतर विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र, वाराणसी में बतौर आचार्य (प्रोफेसर) पदभार ग्रहण किया। शिक्षा में अपने गहन अध्ययन, शोध और मार्गदर्शन के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि वे शिक्षा में नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


डॉ. अजय कुमार सिंह ने बीए, बीएड और एमएड जैसी प्रतिष्ठित डिग्रियां काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से प्राप्त कीं। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त करना उनकी विद्वता और शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और शिक्षा के गहन अध्ययन एवं शोध में विशेष रुचि दिखाई।


अपने कैरियर की शुरुआत एक प्राथमिक शिक्षक के रूप में करते हुए, डॉ. सिंह ने शिक्षा के बुनियादी स्तर को समझा और बच्चों के समग्र विकास में योगदान दिया। 2010 में उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में लेक्चरर के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं। यहां उन्होंने शिक्षा के सिद्धांत और व्यवहारिक पहलुओं को छात्रों के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और छात्रों के बीच एक प्रेरणादायक शिक्षक के रूप में पहचान बनाई।


डॉ. सिंह ने शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षण विधियों और शैक्षिक सुधारों पर कई महत्वपूर्ण शोध किए हैं। उनकी शिक्षण शैली और गहन दृष्टिकोण ने अनेक छात्रों और शोधार्थियों को प्रेरित किया है। उन्होंने शिक्षा शास्त्र पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, जो शिक्षा जगत में सराहे गए हैं।


अंतर विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र में आचार्य पद ग्रहण करने के साथ ही डॉ. अजय कुमार सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में शोध, नवाचार और नई पहलों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। वे मानते हैं कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास का आधार है।


डॉ. अजय कुमार सिंह का जीवन सादगी, विद्वता और समर्पण का प्रतीक है। उनकी नई जिम्मेदारी न केवल शिक्षा केंद्र के लिए, बल्कि पूरे शैक्षिक क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

 

सुल्तानपुर जैसे छोटे शहरों में अक्सर बड़े सपनों के लिए संघर्ष की कहानियां सुनाई देती हैं, लेकिन यहां के पाठशाला कोचिंग के डायरेक्टर सुधांशु तिवारी ने इसे गलत साबित कर दिखाया। IIT-JAM जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले सुधांशु आज न केवल खुद का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि अपने अनूठे तरीके से 11वीं और 12वीं के छात्रों के बीच फिजिक्स की लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं। पाठशाला कोचिंग के डायरेक्टर सुधांशु तिवारी आज कल विद्यार्थियों के बीच में छाए हुए हैं।

कौन हैं सुधांशु तिवारी?

सुधांशु तिवारी, सुल्तानपुर के एक प्रतिभाशाली युवा, जिनकी कहानी संघर्ष, मेहनत और जुनून से भरी हुई है। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने IIT-JAM में सफलता पाई और आज जिले के छात्रों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। सुधांशु का मानना है कि शिक्षा केवल अंक लाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह छात्रों में विषय के प्रति गहरी समझ और रुचि विकसित करनी चाहिए।

फिजिक्स पढ़ाने की अनूठी शैली

सुधांशु का पढ़ाने का तरीका अन्य शिक्षकों से बिल्कुल अलग है। वे कठिन से कठिन सिद्धांतों को भी इतनी सरलता और रोचकता से समझाते हैं कि छात्र तुरंत विषय के प्रति आकर्षित हो जाते हैं।

1. व्यावहारिक उदाहरण: सुधांशु रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े उदाहरणों का उपयोग करते हैं, जिससे छात्रों को फिजिक्स के सिद्धांत समझने में आसानी होती है।

2. छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान: हर छात्र की समझ के स्तर को ध्यान में रखते हुए वे पढ़ाते हैं, जिससे सभी को समान रूप से लाभ मिलता है।

3. मोटिवेशनल दृष्टिकोण: सुधांशु सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहते, वे छात्रों को प्रेरित करते हैं कि जीवन में बड़ा सोचें और साहस के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें।

छात्रों के लिए रोल मॉडल

सुधांशु की पढ़ाई का असर उनके छात्रों के प्रदर्शन में साफ झलकता है। जिन छात्रों को पहले फिजिक्स कठिन लगता था, वे अब न केवल इसे आसानी से समझते हैं, बल्कि इसमें रुचि भी दिखाते हैं। सुधांशु के पढ़ाए कई छात्रों ने बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

सुल्तानपुर के गौरव

सुधांशु तिवारी की कहानी यह साबित करती है कि प्रतिभा और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उन्होंने न केवल खुद को स्थापित किया है, बल्कि सुल्तानपुर को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है।

अभिभावकों और छात्रों की प्रतिक्रिया

सुधांशु के पढ़ाने के तरीके को लेकर अभिभावक और छात्र बेहद प्रभावित हैं। एक छात्र ने कहा, "सुधांशु सर ने फिजिक्स को आसान बना दिया है। पहले यह विषय डरावना लगता था, लेकिन अब मुझे इसमें मजा आता है।"

सुधांशु तिवारी जैसे शिक्षक समाज में बदलाव लाने की असली शक्ति हैं। उनका समर्पण और मेहनत न केवल छात्रों को शिक्षित कर रहा है, बल्कि उन्हें सपने देखने और उन्हें साकार करने का हौसला भी दे रहा है। सुल्तानपुर को सुधांशु तिवारी जैसे शिक्षकों पर गर्व है।

सुधांशु की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है—बड़ा सोचें, मेहनत करें और खुद पर विश्वास रखें।


सुल्तानपुर जैसे छोटे शहरों में अक्सर बड़े सपनों के लिए संघर्ष की कहानियां सुनाई देती हैं, लेकिन यहां के पाठशाला कोचिंग के डायरेक्टर सुधांशु तिवारी ने इसे गलत साबित कर दिखाया। IIT-JAM जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले सुधांशु आज न केवल खुद का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि अपने अनूठे तरीके से 11वीं और 12वीं के छात्रों के बीच फिजिक्स की लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं। पाठशाला कोचिंग के डायरेक्टर सुधांशु तिवारी आज कल विद्यार्थियों के बीच में छाए हुए हैं।

कौन हैं सुधांशु तिवारी?

सुधांशु तिवारी, सुल्तानपुर के एक प्रतिभाशाली युवा, जिनकी कहानी संघर्ष, मेहनत और जुनून से भरी हुई है। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने IIT-JAM में सफलता पाई और आज जिले के छात्रों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। सुधांशु का मानना है कि शिक्षा केवल अंक लाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह छात्रों में विषय के प्रति गहरी समझ और रुचि विकसित करनी चाहिए।

फिजिक्स पढ़ाने की अनूठी शैली

सुधांशु का पढ़ाने का तरीका अन्य शिक्षकों से बिल्कुल अलग है। वे कठिन से कठिन सिद्धांतों को भी इतनी सरलता और रोचकता से समझाते हैं कि छात्र तुरंत विषय के प्रति आकर्षित हो जाते हैं।

1. व्यावहारिक उदाहरण: सुधांशु रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े उदाहरणों का उपयोग करते हैं, जिससे छात्रों को फिजिक्स के सिद्धांत समझने में आसानी होती है।

2. छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान: हर छात्र की समझ के स्तर को ध्यान में रखते हुए वे पढ़ाते हैं, जिससे सभी को समान रूप से लाभ मिलता है।

3. मोटिवेशनल दृष्टिकोण: सुधांशु सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहते, वे छात्रों को प्रेरित करते हैं कि जीवन में बड़ा सोचें और साहस के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें।

छात्रों के लिए रोल मॉडल

सुधांशु की पढ़ाई का असर उनके छात्रों के प्रदर्शन में साफ झलकता है। जिन छात्रों को पहले फिजिक्स कठिन लगता था, वे अब न केवल इसे आसानी से समझते हैं, बल्कि इसमें रुचि भी दिखाते हैं। सुधांशु के पढ़ाए कई छात्रों ने बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

सुल्तानपुर के गौरव

सुधांशु तिवारी की कहानी यह साबित करती है कि प्रतिभा और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उन्होंने न केवल खुद को स्थापित किया है, बल्कि सुल्तानपुर को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है।

अभिभावकों और छात्रों की प्रतिक्रिया

सुधांशु के पढ़ाने के तरीके को लेकर अभिभावक और छात्र बेहद प्रभावित हैं। एक छात्र ने कहा, "सुधांशु सर ने फिजिक्स को आसान बना दिया है। पहले यह विषय डरावना लगता था, लेकिन अब मुझे इसमें मजा आता है।"

सुधांशु तिवारी जैसे शिक्षक समाज में बदलाव लाने की असली शक्ति हैं। उनका समर्पण और मेहनत न केवल छात्रों को शिक्षित कर रहा है, बल्कि उन्हें सपने देखने और उन्हें साकार करने का हौसला भी दे रहा है। सुल्तानपुर को सुधांशु तिवारी जैसे शिक्षकों पर गर्व है।

सुधांशु की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है—बड़ा सोचें, मेहनत करें और खुद पर विश्वास रखें।


 



उत्तराखंड। आयोध्या जिले के हलकरा के पुरवा निवासी मिंटू प्रधान के पुत्र ऋषभ दुबे का का उत्तराखंड राज्य की अंडर-19 क्रिकेट टीम से कूच विहार ट्रॉफी के लिए  चयन हुआ है। ऋषभ के इस उपलब्धि से उनके परिवार और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। ऋषभ के पिता ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "जब एक पुत्र पिता की आशाओं को पूरा करता है, तो यह प्रसन्नता पुत्र से अधिक पिता के लिए होती है। मैं आज इस पल को गर्व के साथ जी रहा हूं।"

ऋषभ दुबे के पिता ने अपने पुत्र को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि हनुमान जी महाराज का आशीर्वाद ऋषभ के साथ है, और वह उम्मीद करते हैं कि ऋषभ न केवल राज्य का बल्कि देश का भी नाम रोशन करेंगे।

इस उपलब्धि पर परिवार, दोस्तों और क्रिकेट प्रशंसकों ने ऋषभ को बधाइयां दी हैं। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने भी ऋषभ के चयन पर हर्ष व्यक्त किया और उनकी कड़ी मेहनत और लगन की सराहना की।

कूच विहार ट्रॉफी देश की प्रतिष्ठित क्रिकेट प्रतियोगिताओं में से एक है, और ऋषभ का चयन युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि ऋषभ अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे और उत्तराखंड का गौरव बढ़ाएंगे।


 


सुल्तानपुर : गुरुवार : शहर के डाकखाना चौराहे के पास खत्री पैथोलॉजी के सामने स्थित अतुल कॉम्प्लेक्स में डॉक्टर आयुष द्विवेदी की होम्योपैथिक क्लीनिक का भव्य शुभारंभ हुआ। वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश द्विवेदी के ज्येष्ठ पुत्र डॉक्टर आयुष ने इस क्लीनिक के माध्यम से सुल्तानपुरवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं की नई सुविधा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है।


इस अवसर पर डॉक्टर आयुष ने बताया कि होम्योपैथिक दवाएं न केवल बीमारी को जड़ से खत्म करती हैं, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती हैं। उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगियों को स्वस्थ करती है और लंबे समय तक प्रभावी रहती है।


कार्यक्रम में डॉक्टर चंद्रशेखर पांडेय, डॉक्टर शशिधर त्रिपाठी, डॉक्टर धर्मेंद्र शुक्ल, सुनील श्रीवास्तव, राजेंद्र कुमार तिवारी जिला उपाध्यक्ष भाजपा (कि. मो.), मनोज ओझा, दीपक ओझा, अधिवक्ता हीरालाल गुप्ता और दरगाही सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इस दौरान वक्ताओं ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और डॉक्टर आयुष को शुभकामनाएं दीं।


शहरवासियों ने इस क्लीनिक को सुल्तानपुर के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। आयोजकों ने कहा कि क्लीनिक में आधुनिक सुविधाओं के साथ रोगियों को परामर्श और उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।


डॉक्टर आयुष ने क्लीनिक के माध्यम से सुल्तानपुर में होम्योपैथिक चिकित्सा को बढ़ावा देने और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई।


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अयोध्या:  अयोध्या के पावन धरा पर चल रही श्रीमद्भगवद कथा में जगतगुरु बाल योगी स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति का दीप जलाया और उन्हें जीवन की सच्ची साधना की दिशा में प्रेरित किया। कथा के दौरान स्वामी जी ने अपने अमृतमय वचनों में यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि भगवान की सच्ची उपासना बाहरी कर्मकांडों से नहीं, बल्कि हमारे अपने जीवन में बुरी आदतों के त्याग और सदाचार के पालन से होती है। 

स्वामी जी ने कहा, "भजन का अर्थ केवल गाना गाने से नहीं है; भजन का सच्चा अर्थ तब है, जब हमारे कर्म और आचरण में शुद्धता आए। जो व्यक्ति अपनी बुरी आदतों का त्याग कर जीवन में पवित्रता लाता है, वही सच्चे भक्ति मार्ग पर होता है। यह भक्ति मार्ग हमें परमात्मा से जोड़ता है और आत्मिक संतोष प्रदान करता है।"

भक्ति और आचरण का संबंध

स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने अपने प्रवचनों में भक्ति और आचरण के संबंध को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि केवल मंदिरों में जाकर पूजा करना, भजन-कीर्तन करना या धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना तभी सार्थक है जब हम अपने भीतर व्याप्त दोषों, क्रोध, लोभ, और ईर्ष्या जैसे विकारों से स्वयं को मुक्त कर सकें। यह तभी संभव है जब हम अपनी बुरी आदतों को सुधारने की पहल करें और जीवन में सकारात्मकता का संचार करें।

बुरी आदतों को त्यागने का आह्वान

स्वामी जी ने बुरी आदतों को छोड़ने पर बल देते हुए बताया कि आज के समाज में भटकाव और नकारात्मकता का कारण व्यक्ति की अपने आचरण और आदतों में गिरावट है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने भीतर की नकारात्मकता, बुरी आदतें और विकारों को दूर कर सकें, तो ईश्वर से निकटता अपने आप प्राप्त हो जाएगी। स्वामी जी ने कहा, "ईश्वर किसी बाहरी साधना में नहीं, बल्कि हमारे अंतर्मन की पवित्रता में विराजमान हैं। इसलिए, अपने जीवन को सुधारना ही सच्ची भक्ति का मार्ग है।"

युवाओं को आत्म-सुधार का संदेश

इस अवसर पर स्वामी जी ने युवाओं को विशेष रूप से अपने आचरण को सुधारने और सत्कर्मों की ओर प्रवृत्त होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी आदतों और व्यवहार में सुधार लाना चाहिए ताकि वे समाज और राष्ट्र के निर्माण में सकारात्मक योगदान दे सकें। स्वामी जी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे जीवन में आत्म-संयम का पालन करें, अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी को महत्व दें, और अपने आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें।

साधना और सच्ची भक्ति का महत्व

स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी ने भक्तों को साधना और सच्ची भक्ति का महत्व समझाते हुए कहा कि ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति किसी बाहरी आडंबर से नहीं, बल्कि हमारे भीतर की पवित्रता और समर्पण से होती है। उन्होंने कहा, "साधना का अर्थ केवल जप, तप या तीर्थ यात्रा नहीं है; साधना का वास्तविक अर्थ है, अपने हृदय को शुद्ध रखना, अपने विचारों को निर्मल बनाना और सच्चाई के मार्ग पर चलना।"

श्रद्धालुओं पर गहरी छाप

कथा में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने स्वामी जी के इस अनमोल संदेश को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। उनकी वाणी ने श्रोताओं के हृदय को गहरे तक प्रभावित किया और उन्हें आत्म-संयम एवं सुधार की प्रेरणा दी। इस प्रेरणादायी प्रवचन के बाद, भक्तों में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ, और वे भगवान के प्रति अपनी आस्था को और भी दृढ़ महसूस कर रहे थे।

इस प्रकार, अयोध्या में श्रीमद्भगवद कथा का यह पावन आयोजन श्रद्धालुओं के लिए न केवल एक धार्मिक अनुभव था, बल्कि एक आत्म-सुधार और आध्यात्मिक जागरण का मार्गदर्शक अवसर बन गया। स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने अपने वचनों से यह स्पष्ट किया कि सच्ची भक्ति बाहरी आडंबरों में नहीं, बल्कि हमारे अंदर के शुद्ध भावों और पवित्र आचरण में बसती है।

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 शुभम तिवारी 


प्रतापगढ़, रामपुर – प्रतापगढ़, रामपुर – चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन, करवा चौथ के पावन अवसर पर, जगद्गुरु श्री राम भद्राचार्य जी ने अपने अनुयायियों से एक विशेष दक्षिणा की मांग की, जिसने श्रद्धालुओं के मन को गहराई से छुआ। रामपुर में आयोजित इस कथा के दौरान, जगद्गुरु ने माताओं, बहनों और बेटियों से आग्रह किया कि वे गैर-हिन्दू से विवाह न करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, "यदि आप मुझे दक्षिणा देना चाहती हैं, तो यही मेरी सबसे बड़ी दक्षिणा होगी कि आप इस संकल्प को निभाएं।"

इस अवसर पर जगद्गुरु ने हिन्दू विवाह परंपराओं की रक्षा पर जोर दिया और कहा कि हिन्दू समाज की संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने के लिए यह संकल्प अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, "आज के दौर में हमारे धर्म और संस्कृति को बाहरी प्रभावों से बचाने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने पारंपरिक मूल्यों को मजबूती से अपनाएं और उन्हें आगे बढ़ाएं। गैर-हिन्दू से विवाह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को कमजोर कर सकता है।"

करवा चौथ, जो भारतीय समाज में पति-पत्नी के रिश्ते के प्रति निष्ठा और प्रेम का प्रतीक है, पर जगद्गुरु का यह संदेश और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने इस पर्व के महत्व को समझाते हुए कहा कि करवा चौथ सिर्फ पति की लंबी आयु के लिए किया जाने वाला व्रत नहीं है, बल्कि यह पारिवारिक एकता, प्रेम और सामाजिक संतुलन का भी प्रतीक है।

उन्होंने आगे कहा, "हिन्दू धर्म में विवाह एक धार्मिक और सामाजिक अनुबंध है, जिसे निभाने की जिम्मेदारी हर हिन्दू स्त्री-पुरुष की होती है। इस अनुबंध को बाहरी सांस्कृतिक प्रभावों से बचाने के लिए जरूरी है कि हम अपने विवाह संबंधी नियमों और परंपराओं का पालन करें।"

जगद्गुरु के इस विशेष आह्वान से कथा स्थल पर मौजूद हजारों श्रद्धालु, विशेष रूप से महिलाएं, गहराई से प्रभावित हुईं। सभी माताओं और बहनों ने एक स्वर में गैर-हिन्दू से विवाह न करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे अपने परिवारों में इस संकल्प को न केवल स्वयं निभाएंगी, बल्कि इसे अगली पीढ़ी तक भी पहुंचाएंगी, ताकि हिन्दू समाज की परंपराएं सुरक्षित रहें और उन्हें किसी प्रकार का खतरा न हो।

जगद्गुरु राम भद्राचार्य जी ने अपने प्रवचनों में यह भी स्पष्ट किया कि हिन्दू समाज को अपनी धार्मिक और सामाजिक चेतना को जागृत रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं और संस्कृति तभी सुरक्षित रहेंगी जब हम उन्हें पूरी निष्ठा और सम्मान के साथ अपनाएंगे। उन्होंने माताओं और बहनों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को धर्म और संस्कृति की शिक्षा दें, ताकि हिन्दू समाज की जड़ें और मजबूत हों।

इस आह्वान से कथा स्थल पर धार्मिक और सामाजिक जागरूकता का माहौल बन गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने जगद्गुरु के इस संदेश को खुले दिल से स्वीकार किया और इसे अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया।

कथा के तीसरे दिन, करवा चौथ के पवित्र अवसर पर दिए गए इस सशक्त संदेश ने कथा को विशेष रूप से प्रभावशाली बना दिया। जगद्गुरु के प्रवचनों से न केवल धार्मिक चेतना का प्रसार हुआ, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक सुरक्षा का भी संदेश मिला। यह दिन श्रद्धालुओं के लिए न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण दिन बन गया।






सुल्तानपुर: जिले की जयसिंहपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजप्रसाद उपाध्याय  उर्फ राजबाबू को विधानसभा अध्यक्ष की स्वीकृति से पंचायती राज समिति का सदस्य मनोनीत किया गया। राजप्रसाद उपाध्याय ने प्रकाश न्यूज़ ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि वह पंचायती राज विभाग को पारदर्शी, मजबूत एवं संगठित करने में अपनी भूमिका का पूरी निष्ठा एवं जिम्मेदारी से निर्वहन करेंगे! साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष एवं संसदीय कार्यमंत्री का हृदय से आभार प्रकट किया। सदर विधायक ने अपनी इस उपलब्धि के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं व शुभचिन्तकों का भी आभार प्रकट किया।

विधायक के पंचायती राज समिति के सदस्य मनोनीत किये जाने से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों के बीच खुशी का माहौल है।

बर्तन धो रही महिला को किया लहूलुहान, दूसरी घटना में 8 भेड़ों की ली जान।


सुल्तानपुर: प्रदेश में कई जिलों में जंगली सियार/भेड़िया के आतंक के खबरें लगातार आ रही हैं | सुल्तानपुर जिले के भी कुछ क्षेत्रों में सियार/भेड़िया के हमले की खबरें मिलने लगी हैं | पिछले दिनों ने अखंडनगर के नगरी में जहाँ सिचाई कर रहे किसान को सियार ने हमले से घायल किया वही मोतिगरपुर क्षेत्र में भी भेड़िये का आतंक बरक़रार है, यहाँ सियार के हमले लगातार होते ही जा रहे हैं बीती शाम घर के बाहर बर्तन धो रही महिला पर सियार ने हमला बोल दिया जिससे वो घायल हो गयी  दूसरे गाँव में दो अन्य किशोर भी सियार के हमले से लहूलुहान हुए | वन विभाग के कर्मचारी मामले की जांच पड़ताल में लगे हुए हैं | 


करौदीकलां: आदमखोर का आतंक,8 भेड़ों की ली जान।

सूचना पाते ही फॉरेस्ट रेंजर ने घटनास्थल का लिया जायजा।

दूसरी तरफ करौदीकलां थानाक्षेत्र के मूसेपुर गांव में बड़ी घटना हुई, बीती रात बाग़ में बँधी भेंड़ों पर जंगली जानवर ने हमला बोल कर आठ को मौत के घाट उतार दिया। पशुपालक दूधनाथ पाल, सभालाल पाल, हीरालाल पाल ने बताया कि बीती रात भेंड़ों को घर से कुछ दूर बाग़ में बांधा गया था, रात तकरीबन 12 बजे के आसपास कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर नींद खुली, मौके पर जाकर देखा तो से आठ जानवर गायब थे, कुछ दूरी पर देखा गया कि जानवरों की जंगली जानवर के हमले से बुरी तरह से मौत हो गई थी। घटना सुनकर आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे लेकिन हमलावर जानवर के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी । पशुपालकों की सूचना पर सुबह घटनास्थल पर पहुंचे फॉरेस्ट रेंजर डीके श्रीवास्तव, पशु चिकित्साधिकारी डॉ० योगेश पाण्डेय ने निरीक्षण कर मृत शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। देर शाम तक रिपोर्ट आने के बाद पशु चिकित्साधिकारी डॉ० योगेश पाण्डेय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार भेड़ों की मृत्यु का कारण किसी जंगली जानवर का हमला है |

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