अमेठी: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल, मरीजों को नहीं मिलती सरकारी सुविधाएं

सुधांशु पांडे-अमेठी|PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated:Sun:13Sep 2020; 04:42:00 PM
सरकार चिकित्सा शिक्षा पर भले ही लाखों रुपए प्रतिदिन पानी की तरफ फेंक रही हो लेकिन इसका लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंच रहा है। कहीं पर कमीशन खोरी तो कहीं ब्लैक मार्केटिंग के चलते जनता को मिलने वाली सुविधाओं पर विधिवत चूना लगाया जाता है। क्योंकि इस बात की जानकारी स्वयं अमेठी की जनता ने बयां किया है।

अमेठी कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को डॉक्टर बाहर की दवाएं लिखते हैं और जो दवाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध भी रहती हैं उनको भी नहीं दिया जाता है, यह बता दिया जाता है की दवाएं बाहर मिलेंगी यहां पर दवाएं नहीं हैं।

मरीज बेचारा करे भी तो क्या कहे तो किस से कहें मजबूरन उसको इलाज कराना है और वह बाहर मेडिकल स्टोर पर जाकर हजारों रुपए की दवाएं खरीद लेता है क्योंकि उसको यह भी नहीं पता कि वास्तव में यहां कौन सी दवा उपलब्ध है और कौन सी नहीं है।

इसी तरह विभिन्न रोगों में खून की जांच में भी यही मामला देखने को मिलता है सीएचसी में तैनात मेडिकल स्टाफ की वजह से बाहर चल रहे निजी पैथोलॉजीयों की तो बल्ले-बल्ले है क्योंकि यहां पर शायद कभी छोटी मोटी जांच कर दी जाती हो, नहीं तो सभी जांचों के लिए बाहर स्थित निजी पैथोलॉजी पर मरीजों को लुटने के लिए भेज दिया जाता है। 

इस मामले में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके उपाध्याय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है अभी तक किसी ने मुझसे शिकायत नहीं की है यदि किसी को समस्या है तो वह मेरे पास आए।

ऐसे में डॉक्टर साहब को जब तक स्वयं जिलाधिकारी या योगी आदित्यनाथ शिकायत नहीं करेंगे तब तक वह किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं करेंगे, जाहिर सी बात है की इस मामले में पूरे अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से गरीबों का हक मारा जाता है।

जबकि चिकित्सा अधीक्षक बताते हैं कि हमारे अस्पताल में 156 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है लेकिन वह दवाइयां जाती कहां है यह किसी को नहीं मालूम। वहीं पर जब खून संबंधी जांचों के लिए हमारे संवाददाता ने समुदाय स्वास्थ्य केंद्र की पैथोलॉजी लैब में जाकर लैब टेक्नीशियन से बात की तो उन्होंने जांचों की एक लंबी फेहरिस्त सुनाई जो जो जांचे सामुदायिक स्वास्थ्य में उपलब्ध है लेकिन इसके बावजूद जनता को जांच के लिए बाजार स्थित विभिन्न पैथोलॉजी यों का सहारा लेना पड़ता है क्योंकि पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर से कमीशन के रूप में मोटी रकम डॉक्टरों के पास पहुंचती है तो फिर डॉक्टर अंदर से दवाइयां क्यों दें? खून की जांच हैं सरकारी अस्पताल में क्यों की जाए?

إرسال تعليق

ज्योतिष

[ज्योतिष][carousel1 autoplay]

अपना सुलतानपुर

[अपना सुलतानपुर][carousel1 autoplay]

दि अन्नदाता

[दि अन्नदाता][carousel1 autoplay]

टेक्नोलॉजी

[टेक्नोलॉजी][carousel1 autoplay]

देश

[देश][carousel1 autoplay]

प्रदेश

[प्रदेश][carousel1 autoplay]

कारोबार

[कारोबार][carousel1 autoplay]

खेल समाचार

[खेल समाचार][carousel1 autoplay]
[blogger]

MKRdezign

نموذج الاتصال

الاسم

بريد إلكتروني *

رسالة *

يتم التشغيل بواسطة Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget