इसौली विधानसभा की राजनीति का "पारा" तपश भरी गर्मी में और बढ़ा ,रिकाउंटिंग का मामला उच्च न्यायालय पहुंचा, उच्च न्यायालय ने सब को दिया नोटिस ।

 

  • रिकाउंटिंग का मामला उच्च न्यायालय पहुंचा, 
  • उच्च न्यायालय ने सब को दिया नोटिस
  • न्यायालय का निर्देश तय  समय सीमा तक सब लिखित जवाब सारे साक्ष्य के साथ

सुल्तानपुर(ब्यूरो)। इसौली विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश पांडेय "बजरंगी" ने संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के रिकाउंटिंग की मांग उच्च न्यायालय में उठाई है। ओमप्रकाश पांडेय "बजरंगी" की ओर से दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को अपना पक्ष रखने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया है कि 20 मई को 10.15 Am तक लिखित जवाब के सारे साक्ष्य के साथ उपस्थित हों। उच्च न्यायालय का आदेश पारित होने के बाद इसौली विधानसभा की राजनीति का "पारा" इस "तपश" भरी गर्मी में और बढ़ गया है, चर्चाओं का बाजार गर्म है।

गौरतलब हो कि 10 मार्च को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना हुई। इसौली विधानसभा की हुई मतगणना राउंड प्रति राउंड रोमांचक रही। बहुतेरे चक्र में भाजपा के ओम प्रकाश पांडेय बजरंगी आगे रहे। इसी दौरान ओमप्रकाश पांडेय बजरंगी रिटर्निंग ऑफिसर को तीन बार लिखित रूप से ईवीएम के 29-30 राउंड की मतगणना के साथ वैलेट पेपर की रिकाउंटिंग की मांग की, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश पांडेय के तीनों शिकायती पत्रों को खारिज कर दिया। काफी हो-हल्ला के बीच जिला निर्वाचन अधिकारी ने 10 मार्च की देर रात 269 वोटों से सपा के मोहम्मद ताहिर खान को जीत का प्रमाणपत्र दे दिया। मतगणना से असंतुष्ट भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश पांडेय "बजरंगी" ने न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय ने संबंधित प्रतिवादियों को 04 अप्रैल 2022 को नोटिस जारी करने का आदेश पारित किया। उच्च न्यायालय ने हिदायत दी की 7 रनिंग डे में नोटिस को तामिल कराया जाए। साथ ही लीडिंग अखबार में विज्ञापन भी प्रकाशित कराया जाए। जिससे कि सभी पार्टियों को सूचना समय से मिल सके। नोटिस शामिल होने के बाद 13 अप्रैल 2022 को उच्च न्यायालय ने एक आदेश फिर जारी किया है। जारी आदेश में कहा है कि 20 मई को 10.15Am तक सब लिखित जवाब सारे साक्ष्य के साथ। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इसौली विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में "गर्माहट" आ गई है। तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है। चर्चा चलना भी लाज़मी के

है।


इनसेट


इसौली विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार ओम प्रकाश पांडेय "बजरंगी" ऐसे ही उच्च न्यायालय की शरण नहीं लिए हैं। जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत 25 मार्च को मांगी गई सूचना पर रिटर्निंग ऑफिसर तहसील बल्दीराय  द्वारा उपलब्ध कराए गए मतगणना से संबंधित मिले साक्ष्य  के आधार पर उच्च न्यायालय में पूरे मतगणना की रिकाउंटिंग की मांग की है।


इनसेट


तहसील बल्दीराय के रिटर्निंग ऑफिसर से मांगी गई सूचना के मिले जवाब के साक्ष्य में वोट पड़ने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर फार्म 17 (A) जारी करता है। काउंटिंग के बाद रिटर्निंग ऑफिसर फार्म 20 जारी करता है। दोनों के मिलान में अंतर है।


इनसेट


इसौली विधानसभा क्षेत्र के चार बूथ ऐसे हैं, जहां पर पड़े मतों से ज्यादा वोटों की मतगणना हुई है। जो निम्नवत हैं।

बूथ न.315 पड़ा मत452, काउंट मत 537,

बूथ न.329 पड़ा मत-537, काउंट मत 452,

बूथ न.339,पड़ा मत 534 काउंट मत540,

बूथ न.376,पड़ा मत421-काउंटिंग मत 501,

चुनाव में पड़े मतों और काउंटिंग के मतों में आए अंतर का खुलासा रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जारी फार्म 17a और फार्म 20 से हुआ है। यही नहीं पोस्टल बैलट में कुल 898 मत पड़ा। काउंटिंग 8 27 मतों की हुई। जिसमें 650 वैध मत मिले। 177 अवैध मत पाए गए। यहां पर 71 मत का अंतर आ रहा है,पडा 71 मत कहां गया?इसका जिक्र भी कहीं नहीं किया गया है। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर भाजपा प्रत्याशी   ओमप्रकाश पांडेय "बजरंगी" उच्च न्यायालय की शरण में गए हैं।मतगणना के समय हुई गणितीय त्रुटि को आधार मानकर उच्च न्यायालय पुनः मतगणना का आदेश जारी कर सकता है? गौरतलब हो कि इसौली विधानसभा क्षेत्र में कुल  202007 मत पड़े, जबकि काउंटिंग 202093 मतों की हुई।

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