वाराणसी, 25 जून 2024: वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में मंगलवार को एक अनोखा और भावुक दृश्य देखने को मिला जब सात वर्षीय कैंसर पीड़ित बच्चा प्रभात कुमार रंजन एक दिन के लिए एडीजी (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) बना। प्रभात, जो ब्रेन कैंसर के लास्ट स्टेज पर है और यूकेजी का छात्र है, का सपना था कि वह आईपीएस अफसर बने। इस सपने को पूरा करने के लिए वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उसे एक दिन के लिए एडीजी का चार्ज सौंपा।
बिहार के सुपौल जिले के तेकुना (प्रतापगंज) निवासी रंजीत कुमार दास के पुत्र प्रभात का इलाज लहरतारा स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर में चल रहा है। मेक ए विश नामक संस्था, जो गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों की इच्छाओं को पूरा करती है, ने प्रभात की यह इच्छा पूरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संस्था के सदस्यों ने जब कैंसर हॉस्पिटल में प्रभात से उसकी इच्छा पूछी, तो उसने आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की।
इसकी जानकारी मिलने पर एडीजी पीयूष मोर्डिया ने तुरंत बच्चे को उसके माता-पिता और एनजीओ के सदस्यों के साथ बुलाया। एडीजी मोर्डिया ने न केवल बच्चे का सपना पूरा किया, बल्कि मानवता की अद्वितीय मिसाल भी पेश की। प्रभात को पूरे सम्मान के साथ एडीजी की कुर्सी पर बैठाया गया और पुलिसकर्मियों ने उसे सलामी दी। प्रभात ने कार्यालय और परेड का निरीक्षण भी किया।
यह अद्वितीय पहल एडीजी पीयूष मोर्डिया की दरियादिली और मानवता की भावना को दर्शाती है। उन्होंने एक कैंसर पीड़ित बच्चे का सपना पूरा कर न केवल उसे खुशियों के कुछ पल दिए, बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हमारी छोटी-छोटी कोशिशें किसी की जिंदगी में बड़ी खुशियां ला सकती हैं। प्रभात और उसके परिवार के लिए यह दिन यादगार बन गया और समाज में एडीजी मोर्डिया के इस प्रयास की सराहना हो रही है।
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