दीपावली:पर्व को मनाने से संबंधित वैसे तो अनेकों कथाएं मिलती हैं। जिनमें सबसे ज्यादा प्रचलित है भगवान राम की इस दिन घर वापसी होना। दिवाली के दिन राम दरबार के साथ माता लक्ष्मी और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
दीपों का त्योहार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। जो इस बार 27 अक्टूबर को है। इस पर्व को मनाने से संबंधित वैसे तो अनेकों कथाएं मिलती हैं। जिनमें सबसे ज्यादा प्रचलित है भगवान राम की इस दिन घर वापसी होना। दिवाली के दिन राम दरबार के साथ माता लक्ष्मी और गणेश जी की भी पूजा की जाती है। दिवाली पूजन प्रदोषकाल में किया जाता है
दिवाली पूजन मुहूर्त
दिवाली लक्ष्मी पूजा रविवार, अक्टूबर 27, 2019 पर
पूजा मुहूर्त – 06:43 पी एम से 08:15 पी एमअ
आवधि – 01 घण्टा 32 मिनट्सप्रदोष काल – 05:41 पी एम से 08:15 पी एम
वृषभ काल – 06:43 पी एम से 08:39 पी एम
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 27, 2019 को 12:23 पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – अक्टूबर 28, 2019 को 09:08 ए एम बजे,
पूजन में सर्वप्रथम स्वस्तिवाचन, कलशपूजन, संकल्प लेकर श्रीगणेश, महालक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि, इन्द्र, वरूण, कुबेरभण्डारी, शक्तियों सहित ब्रह्मा, विष्णु, महेश, कुलदेवता, स्थानदेवता, सूर्यादि समस्त ग्रह नक्षत्र की पूजा अर्चना करें। लक्ष्मी तथा कुबेर के मंत्रों का यथा शक्ति जप करेें। पूजा के पश्चात् लक्ष्मी जी की आरती, मंत्र पुष्पांजली तथा क्षमा प्रार्थना करें। बड़़ों का आशीर्वाद लें। छोटों को भेंट-उपहार दें।
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