प्रयागराज: सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर नैनी प्रयागराज के फल विज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर बी एम प्रसाद ने नैनी स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में पूर्वी प्रजाति के लीची के पौधों का रोपण किया था, जिसमें वर्तमान समय में पूर्ण विकसित फल आ गए हैं। प्रयागराज क्लाइमेटिक जोन में इस प्रकार लीची के पौधे से फल प्राप्त करना अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है।
आइए जानते हैं प्रो. वी एम प्रसाद से लीची के फल उत्पादन के बारे में....
प्रोफेसर डॉक्टर बी एम प्रसाद बताया कि लीची गर्मियों का एक प्रमुख फल है। स्वाद में मीठा और रसीला होने के साथ ही ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. लीची में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और आयरन जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं।रोजाना लीची खाने से चेहरे पर निखार आता है और बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं. इसके अलावा ये शारीरिक विकास को भी प्रोत्साहित करने का काम करता है.
फलों का एक तरफ जहां पोस्टिक महत्व है वही फल प्राकृतिक सुंदरता को भी बढ़ाते हैं जिसका असर मानव जीवन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। प्रो. बी एम प्रसाद ने बताया कि उन्होंने पूर्वी प्रजाति के लीची के पौधों को 7 साल पहले लगाए हुआ था तब से लेकर अब तक उन्होंने लीची के इन पौधे पर विभिन्न प्रकार के ट्रीटमेंट किए जिसके परिणाम स्वरूप आज इस पूर्वी प्रजाति के पौधे में फल आया और फल पूरी तरह अपने आकार में है। प्रयागराज क्लाइमेटिक जोन में लीची के उत्पादन से किसानों को लीची उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा इस प्रकार किसान अब प्रयागराज में ही लीची का उत्पादन कर अच्छे दामों में इसे बेचकर अपनी आय को दुगनी करेंगे ।
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