सुल्तानपुर/कुशभवनपुर:विश्व हिन्दू परिषद 29 अगस्त को मनाने जा रहा है स्थापना दिवस का कार्यक्रम ।
सन 1964 में जन्माष्टमी के दिन विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना हुई थी. तब से हर साल विहिप इस दिन विशेष आयोजन करता है. इस वर्ष भी 29 अगस्त के दिन विहिप अपने लक्ष्य हिंदू और हिंदू समाज के विकास को लेकर आत्मचिंतन और आत्ममंथन करेगा।
सुल्तानपुर/कुशभवनपुर: सन 1964 में जन्माष्टमी के दिन विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना हुई थी. तब से हर साल विहिप इस दिन विशेष आयोजन करता है. इस वर्ष भी 29 अगस्त के दिन विहिप अपने लक्ष्य हिंदू और हिंदू समाज के विकास को लेकर आत्मचिंतन और आत्ममंथन करेगा।विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंन्त्री उमाकान्त जीने बताया कि मुख्य अतिथि के रूप में माननीय अम्बरीष जी क्षेत्र संगठन मंत्री विहिप पूर्वी उत्तर प्रदेश का आगमन सुनिश्चित हुआ है।विश्व हिंदू परिषद की स्थापना कब औऱ क्यो की गई और विश्व हिंदू परिषद का कार्य क्षेत्र क्या है? इसकी विस्तार से चर्चा और मार्गदर्शन मिलेगा मुख्य अतिथि जी के द्वारा । स्थापना दिवस 29 अगस्त कार्यक्रम की रूपरेखा
विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 1964 में हुई। इसके संस्थापकों में स्वामी चिन्मयानंद, एसएस आप्टे, मास्टर तारा हिंद थे। पहली बार 21 मई 1964 में मुंबई के संदीपनी साधनाशाला में एक सम्मेलन हुआ। सम्मेलन आरएसएस सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर ने बुलाई थी। इस सम्मेलन में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध के कई प्रतिनिधि मौजूद थे। सम्मेलन में गोलवलकर ने कहा कि भारत के सभी मताबलंवियों को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिंदू हिंदूस्तानियों के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है और यह धर्मों से ऊपर है।[ संगठन के उद्देश्य और लक्ष्य कुछ इस तरह तय किए गये
हिंदू समाज को मजबूत करना
हिंदू जीवन दर्शन और आध्यात्म की रक्षा, संवर्द्धन और प्रचार
विदेशों में रहनेवाले हिंदुओं से तालमेल रखना, हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना और मदद
ऐसे होगा स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन
वीएचपी के स्थापना दिवस के दिन रैली, मशाल जुलूस, प्रभात फेरी, सत्संग जैसे कई समारोह आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों में गोलवलकर के आदर्शों की भी चर्चा की जाएगी. जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म किए जाने का भी इन कार्यक्रमों में जश्न मनाया जाएगा. इस आयोजन में विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, हिंदू वाहिनी सेना के केंद्रीय पदाधिकारी, कार्यकर्ता और साधू संत शामिल होंगे.
Post a Comment