वाराणसी, 4 सितंबर 2024: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शिक्षा संकाय में आज एक भावुक विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें तीन वरिष्ठ और सम्मानित प्रोफेसरों—प्रोफेसर सीमा सिंह, प्रोफेसर शांतनु कुमार स्वाइन, और प्रोफेसर प्रेम शंकर राम—को उनके सेवानिवृत्ति पर सम्मानित किया गया। यह समारोह लक्ष्मण दास अतिथि गृह में आयोजित हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारी, शिक्षक, और कर्मचारी शामिल हुए। प्रोफेसर सीमा सिंह ने तीन दशकों से अधिक समय तक शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान से छात्रों और सहकर्मियों को प्रेरित किया। वर्तमान में वह शिक्षा संकाय के अल्युमिनी एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं और 2021 से 2024 तक उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं। उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राजेंद्र प्रसाद रज्जू भैया विश्वविद्यालय, प्रयागराज का लोकपाल नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर शांतनु कुमार स्वाइन ने 43 वर्षों तक शिक्षा जगत में अपनी सेवाएं दीं और यूजीसी, एनसीटीई, तथा एनसीईआरटी जैसे प्रतिष्ठित संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन किया। वे बीएचयू के शिक्षा संकाय के पूर्व विभागाध्यक्ष और संकाय प्रमुख भी रहे हैं। प्रोफेसर प्रेम शंकर राम ने लगभग तीन दशकों तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया है। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में नामित सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
समारोह में तीनों प्रोफेसरों का अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया गया। इसके अलावा, उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किए गए। इस अवसर पर बीएचयू के कुल सचिव अरुण कुमार सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह, पीआरओ प्रोफेसर राजेश सिंह, और शिक्षा संकाय के अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोमू सिंह ने किया, जबकि औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने दिया। इस विदाई समारोह ने सभी उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया और इन शिक्षकों के अमूल्य योगदान को स्मरणीय बना दिया।
“ईश्वर को कोई आँखों से नहीं देख सकता, किन्तु तप से व्यापक मन को पवित्र कर विमल बुद्धि से ईश्वर को देखा जा सकता है- उपनिषत् प्रमाण” में मालवीय जी ”
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