सच्चा वीर बना दे मां, गीता ज्ञान सुना दे मां... सेवा भारती ने बच्चों संग मनाया धनतेरस और दीपावली पर्व



संवाददाता, सुलतानपुर | अमृत विचार: सेवा भारती, सुलतानपुर के द्वारा बच्चों के बीच भारतीय संस्कृति, संस्कार, और त्योहारों की महत्ता को जागरूक करने हेतु धनतेरस और दीपावली का उत्सव भव्य तरीके से मनाया गया। यह आयोजन गोलाघाट स्थित महाराणा प्रताप बाल संस्कार केंद्र और हथियानाला में आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साह और उमंग से भाग लिया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व सेवा भारती के विभाग महामंत्री डॉ. सुनील त्रिपाठी ने किया।

 इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं सेवा भारती के विभाग अध्यक्ष डॉ. सलिल श्रीवास्तव ने दीपावली पर्व की गहराई को समझाते हुए बच्चों को इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बताया। उन्होंने बच्चों को दीपावली के अवसर पर सतर्कता बरतने का संदेश दिया, विशेष रूप से पटाखों के उपयोग में सावधानी रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पटाखे फोड़ते समय सावधानी बरतें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।"

 विभाग प्रचारक श्री प्रकाश जी ने बच्चों को देशभक्ति के गीतों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान को प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को समझाया कि वे देश का भविष्य हैं और उन्हें अध्ययन में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनकी प्रेरणा के माध्यम से बच्चों में अपने कर्तव्यों के प्रति समझ और राष्ट्र के प्रति प्रेम का भाव जाग्रत हुआ।

 कार्यक्रम में बच्चों को पूजन सामग्री, दीप, मिठाई और अन्य पारंपरिक वस्तुएं भेंट की गईं, जिससे वे इस पर्व की महत्ता को समझ सकें। बच्चों ने दीप जलाए, मिठाई का आनंद लिया और "सच्चा वीर बना दे मां, गीता ज्ञान सुना दे मां..." जैसे जोशीले गीत गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। बच्चों में इस गीत ने जहां ऊर्जा का संचार किया, वहीं इसने कार्यक्रम को एक यादगार अनुभव में तब्दील कर दिया।


अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति: इस आयोजन में सेवा भारती के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही, जिनमें सह विभाग प्रचारक ओम प्रकाश, जिला प्रचारक आशीष, संगीता श्रीवास्तव, प्रीति मिश्रा, रविशंकर शुक्ल, डॉ. मनीष, डॉ. नीरज, डॉ. एस.के. तिवारी, अखिल, ऋषि, श्री मनोज, श्री पवन, कोषाध्यक्ष सौरभ कांत, राजीव, शिवम्, श्रीमती मनीषा और अरुण शामिल थे। उनकी उपस्थिति से बच्चों का हौसला बढ़ा और कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगे।


पर्व का सांस्कृतिक और धार्मिक संदेश: संपूर्ण आयोजन में बच्चों को दीपावली और पांच पर्व के महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया। उन्हें यह समझाया गया कि यह पर्व केवल दीप जलाने और पटाखे फोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जीवन में उजाला लाने, अनुशासन का पालन करने, और अपने आसपास की सफाई का संदेश भी समाहित है।


विशेष सहयोग: इस उत्सव के सफल आयोजन में सेवा भारती के स्वयंसेवकों और शिक्षकों का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने बच्चों के बीच इस पर्व की सकारात्मकता को बनाए रखा। इस आयोजन के माध्यम से बच्चों में भारतीय संस्कृति के प्रति एक नई समझ उत्पन्न हुई, जिससे वे अपने जीवन में इस पर्व के संदेश को आत्मसात कर सकें।


यह आयोजन बच्चों के लिए एक अद्भुत अनुभव रहा, जिसमें उन्होंने न केवल दीपावली के महत्व को समझा, बल्कि धर्म, संस्कृति और कर्तव्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी महसूस किया। इस उत्सव ने बच्चों को न केवल एक नई दिशा दी, बल्कि उनमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व और समझ का भी संचार किया।


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