सुलतानपुर: कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से लड़ाई लड़ने के लिए जिले में तेजी से तैयारी की जा रही हैं। दूसरी लहर की तरह आक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर बेड आदि की किल्लत न हो इस पर भी कार्य किया जा रहा है। लेकिन, जनपद में बाल रोग विशेषज्ञों की भारी कमी है।
माना जा रहा है की कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा हो सकता है। वायरल फीवर के साथ ही कोरोना
की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए बाल रोग विशेषज्ञों का होना बेहद जरूरी है, लेकिन जिले में मात्र छह चिकित्सक ही तैनात हैं। किसी भी CHC और PHC पर बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती ही नहीं है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिले में मात्र 6 बाल रोग विशेषज्ञ तैनात हैं। इनमें 2 बाल रोग
विशेषज्ञ जिला अस्पताल, 1 बाल रोग
विशेषज्ञ जिला महिला अस्पताल, और 3 बाल रोग विशेषज्ञ CMO के अधीन काम कर रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञों
की कमी से बच्चों को होने वाले वायरल फीवर, निमोनिया जैसी बीमारियों
का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है। प्रतिदिन जिला अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों
में मरीजों को भर्ती कर उपचार चल रहा है।
जिले के सरकारी
अस्पतालों की स्थिति पर नजर डाली जाए तो यहां जिले में 14 CHC और 43 PHC पर 287
चिकित्सकों के पद सृजित हैं। इनमें से मात्र 132 चिकित्सकों की ही तैनाती है। 155
चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। ऐसे में यदि तीसरी लहर आती है तो बच्चों के साथ-साथ
वयस्कों के उपचार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कोरोना की दूसरी
लहर के दौरान भी कोविड केयर सेंटर में मरीजों ने चिकित्सकों की काफी किल्लत झेली
थी। एक चिकित्सक पर कई वार्ड की जिम्मेदारी आ गई थी। जिसके बाद आनन-फानन में
चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ की नियुक्ति करनी पड़ी थी।
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