कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसंदीय क्षेत्र वाराणसी की जनता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुखातिब हुए आइये जानते हैं, सम्बोधन की खास बातें।
कोरोना से लड़ने में बच्चे निभा रहे अहम भूमिका
मैंने नोटिस किया है कि कोरोना से लड़ने में हमारी बाल सेना अहम भूमिका निभा रही है।
वे अपने अभिभावकों को समझा रहे हैं कि क्या करना है क्या नहीं। कैसे हाथ धोने हैं और कैसे गलत चीजों को छोड़ना है।
बहुत से परिवार और अभिभावक अपने बच्चों के वीडियो सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। मैंने भी कुछ देखे हैं।
मैं एक या दो दिन में ये वीडियो आपके साथ साझा करूंगा।
कोरोना के इलाज में नीम हकीम न बनें
आप से निवेदन है कि खुद ही कोरोना का इलाज करने में न जुटें। घर पर रहें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवा ले।
अगर कुछ समस्या है, तो उन्हें फोन करें, बात करें और अपनी बीमारी बताएं।
हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना की वैक्सीन अभी तक दुनिया में नहीं बनी है।
भारत और दुनियाभर के वैज्ञानिक इस वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं।
अगर कोई आपको इसके इलाज की दवा बताता है, तो पहले डॉक्टर से बात करें।
सफेद कपड़ों में भगवान रूपी हैं स्वास्थ्यकर्मी
सफेद कपड़े पहने अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मी भगवान की तरह हैं, वे हमें बीमारी से बचा रहे हैं।
वे अपना जीवन जोखिम में डालकर हमें बचा रहे हैं। इन दिनों स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल में 18-18 घंटे काम कर रहे हैं।
बहुत से लोगों को दो से तीन घंटे ही सोने को मिल रहा है। अन्य सेवाओं से जुड़े लोग भी मेहनत कर रहे हैं।
हमें इस मुश्किल घड़ी में समाज की सेवा करने वाले लोगों को सलाम करना चाहिए।
कोरोना का जवाब करुणा से
कोरोना वायरस न हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और न ही हमारे संस्कार मिटा सकता है और इसलिए संकट के समय हमारी संवेदनाएं और जागृत हो जाती हैं।
कोरोना को जवाब देने का एक तरीका करुणा भी है। यानि कोरोना को करुणा से
हमें सिर्फ अपने आसपास के लोगों का ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों के खाने का भी ख्याल रखना है।
नवरात्रि में नौ परिवारों की जिम्मेदारी लें
जिसके पास भी क्षमता हो, वो अगले 21 दिन तक नौ परिवारों की देखभाल की जिम्मेदारी संभालें।
नवरात्रि मनाने का यही सबसे सही तरीका होगा। लॉकडाउन के दौरान पशु भी परेशानी में हैं।
आभार प्रकट करना हमारे संस्कार में : मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एक परंपरा शुरू हुई है कि हवाई अड्डे पर जब लोग सेना के जवानों को देखते हैं तो उनके सम्मान में खड़े हो जाते हैं।
कुछ लोग तालियां भी बजाते हैं। ये आभार प्रकट करने का तरीका हमारे संस्कारों में बढ़ना चाहिए। जो लोग आपात सेवाओं में जुटे हैं, हमें उनका आभार प्रकट करना चाहिए।
डॉक्टरों व अन्य आपात सेवाओं में जुटे लोगों का सम्मान करें
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ स्थानों से ऐसी घटनाएं आई हैं, जिसे दिल को चोट पहुंची है।
मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि अगर कहीं डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ या अन्य आपात सेवाओं के साथ कोई बुरा व्यवहार हो रहा हो तो उन्हें समझाएं।
मैंने गृह मंत्रालय और सभी राज्यों के डीजीपी से उन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को कहा है जो डॉक्टर, नर्स और अन्य जरूरी सेवाओं में जुड़े लोगों का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
सरकार ने बनाया हेल्पडेस्क, जारी किया व्हाट्सएप नंबर
कृष्णकांत नामक व्यक्ति के सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने हेल्पडेस्क बनाया है।
व्हाट्सएप के जरिए कोरोना वायरस पर सही जानकारी देने की व्यवस्था की गई है।
आप चाहें तो 9013151515 नंबर का इस्तेमाल कर अपनी सभी शंकाओं का समाधान पा सकते हैं।
यह बीमारी लोगों के बीच फर्क नहीं करती
पीएम मोदी ने कहा कि यह बीमारी लोगों के बीच फर्क नहीं करती, समृद्ध और गरीब दोनों को अपनी चपेट में ले सकती है।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि आप सभी के बहुत सारे सवाल होंगे, कुछ चिंताएं भी होंगी और सुझाव भी होंगे, तो आइए, संवाद शुरू करते हैं।
अगर आप व्हाटसएन नंबर पर अंग्रेजी या हिंदी में नमस्ते लिखेंगे, तो आपको तुरंत जवाब मिलेगा।
सांसद होने के नाते मुझे काशी में होना चाहिए था : मोदी
इस मुश्किल समय में काशी का सांसद होने के नाते मुझे आपके बीच होना चाहिए था।
मगर आप दिल्ली की गतिविधियों से भली भांति वाकिफ हैं। यहां व्यस्त होने के बीच भी मैं वाराणसी की स्थिति पूरी नजर रखे हुए हूं।
मां शैलपुत्री से सब ठीक करने की कामना
नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। उन्हें प्रकृति की देवी भी कहा जाता है। आज देश जिस संकट के दौर से गुजर रहा है, उसमें हम सभी को मां शैल पुत्री के आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता है।
मेरी मां शैलपुत्री से प्रार्थना है, कामना है, कोरोना महामारी के खिलाफ जो युद्ध देश ने छेड़ा है। उसमें 130 करोड़ देशवासियों को विजय प्राप्त हो।
महाभारत का युद्ध जीतने में 18 दिन लगे थे। हमें कोरोना से लड़ने के लिए 21 दिन चाहिए।
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