कल से प्रारंभ हो रहा है, नवरात्रि आइये जानते हैं, कलस स्थापना का मुहूर्त एवम मन्त्र।इसी दिन को होता है हिन्दू नववर्ष।






अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, आज मार्च माह का चौथा सप्ताह प्रारंभ हो रहा है, वहीं, हिन्दू कैलेंडर का आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होगा। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी पहली ति​थि से हिन्दू नववर्ष 2077 का प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन से ही कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि का भी शुभारंभ हो जाएगा।


इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी 25 मार्च से विक्रम नवसंत्सवर 2077 का प्रारंभ होगा। इस प्रकार से देखें तो चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ एक ही दिन हो रहा है।

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से प्रारंभ होकर 02 अप्रैल तक रहेगी। 02 अप्रैल को नवमी ति​थि होगी। 03 अप्रैल को दशमी के साथ नवरात्रि का पारण होगा। आइए जानते हैं कि इस वर्ष नवरात्रि के लिए घट स्थापना या कलश स्थापना किस दिन होगा और किस दिन किस देवी की पूजा की जाएगी।


            कलश स्थापना मुहूर्त

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 24 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है, जो 25 मार्च दिन बुधवार को शाम 05 बजकर 26 मिनट  तक रहेगी। बुधवार सुबह कलश स्थापना के लिए 58 मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है। आप सुबह 06 बजकर 19 मिनट से सुबह 07 बजकर 17 मिनट के मध्य कलश स्थापना कर सकते हैं।

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25 मार्च, प्रतिपदा- बैठकी या नवरात्रि का पहला दिन- घट/ कलश स्थापना- शैलपुत्री मंत्र( ह्रीं शिवायै नम:)

26 मार्च, द्वितीया- नवरात्रि 2 दिन तृतीय- ब्रह्मचारिणी:  :उपासना मंत्र( ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:)

27 मार्च, तृतीया- नवरात्रि का तीसरा दिन-
चन्द्रघण्टा: उपासना मंत्र( ऐं श्रीं शक्तयै नम:)

28 मार्च, चतुर्थी- नवरात्रि का चौथा दिन-
कूष्मांडा: उपासना मंत्र (ऐं ह्री देव्यै नम:)

29 मार्च, पंचमी- नवरात्रि का 5वां दिन- सरस्वती पूजा या स्कंदमाता: उपासना मंत्र (ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:)

30 मार्च, षष्ठी- नवरात्रि का छठा दिन-
कात्यायनी: उपासना मंत्र (क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।)

31 मार्च, सप्तमी- नवरात्रि का सातवां दिन- कालरात्रि,
कालरात्रि: उपासना मंत्र (क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।)

1 अप्रैल, अष्टमी- नवरात्रि का आठवां दिन-महागौरी, दुर्गा अष्टमी ,नवमी पूजन महागौरी:उपासना मंत्र (श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।)
2 अप्रैल, नवमी- नवरात्रि का नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण  सिद्धिदात्री:उपासना मंत्र (ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।)

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