मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे राजनीतिक संकट के बीच कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मध्यप्रदेश के छह राज्य मंत्री सहित 19 कांग्रेस विधायकों ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा। सिंधिया ने सोनिया गांधी को भेजे पत्र में कहा, मेरा मानना है कि मैं कांग्रेस में रहकर अपने राज्य, देश की सेवा नहीं कर पा रहा हूं। सिंधिया के इस्तीफे में नौ मार्च की तारीख लिखी हुई है यानी उन्होंने कल ही इस्तीफा तैयार कर लिया था। तारीख को देखकर लगता है कि सिंधिया पहले ही पार्टी छोड़ने की योजना बना चुके थे सिर्फ इसका औपचारिक एलान बाकी था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद सिंधिया ने इस्तीफे का एलान किया। सिंधिया ने पहले अमित शाह से मुलाकात की थी उसके बाद वो पीएम मोदी से मिलने के लिए प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। तीनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत चली।
पीएम मोदी से मिलने के बाद सिंधिया अमित शाह के साथ एक ही गाड़ी से प्रधानमंत्री आवास से निकल गए। वहीं, कांग्रेस ने भी सिंधिया को पार्टी से निकाल दिया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति
कुल सीटें: 230
वर्तमान सदस्य संख्या: 228
बहुमत के लिए जरूरी: 114 (विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर)
कांग्रेस+: 120
भाजपा: 107
वर्तमान सदस्य संख्या: 228
बहुमत के लिए जरूरी: 114 (विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर)
कांग्रेस+: 120
भाजपा: 107
सिंधिया समर्थक 18विधायकों को हटाने पर स्थिति
कांग्रेस+: 102
भाजपा: 107
कांग्रेस+: 102
भाजपा: 107
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