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आनंद माधव तिवारी|prakashnewsofindia.in|
Updated: Sat 25 April 2020, 02:31:00 AM
संपादकीय
बढ़ते कोरोना संकट के बीच यह आंकड़ा भले ही उम्मीद की किरण के रूप में दिख रहा है कि देश के 23 राज्यों के 78 जिलों में बीते 14 दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला है। इस सबके बावजूद सच्चाई यही है कि कोरोना के तीसरे स्टेज में जाने का ख़तरा पूरे देश में अभी भी पूरी तरह से ज्यों का त्यों है। इसका प्रमाण यह है कि देश के कुछ हिस्सों से संक्रमण के नए मामले सामने आते जा रहे हैं। कई जगहों पर तो उनकी संख्या काफी असंतोषजनक है। वास्तव में इसी कारण लॉकडाउन बढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। फ़िलहाल देशभर में लॉकडाउन 3 मई तक लागू है। इसी बीच 27 अप्रैल यानी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद करेंगें। उम्मीद है कि जब प्रधानमंत्री राज्य सरकारों से यह आग्रह खास तौर पर करेंगे कि कोरोना प्रभावित इलाकों में एक ओर जहां और सख्ती का परिचय दिया जाए वहीं दूसरी ओर संदिग्ध कोरोना मरीजों की पहचान के काम में तेजी लाई जाए। कोरोना के कहर से बचे रहने का उपाय भी यही है। नि:संदेह कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग एक कठिन लड़ाई है, लेकिन उसे जीतने के अलावा और कोई उपाय नहीं। इस लड़ाई को तभी आसान बनाया जा सकता है जब हमारा स्वास्थ्य तंत्र संसाधनों की कमी का सामना न करने पाए और लोग सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रति हर क्षण सचेत रहें। इसमें तनिक भी लापरवाही सारे किए-कराए पर पानी फेर देगी। बहरहाल अभी प्रभावित इलाकों के लाखों लोगों का कोरोना परीक्षण करने की जरूरत है। इस जरूरत की पूर्ति के लिए जो भी संसाधन चाहिए वे प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसी के साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लॉकडाउन का पालन सही तरह हो।
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आनंद माधव तिवारी
Founder & Chief Editor
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Thanks anand ji.