प्रकाश न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए वायरस नें पूरी दुनिया की कमर तोड़ दी है। लगभग पूरा विश्व लॉकडाउन हो चुका है। भारत सरकार ने भी अपने देशवासियों को इस वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए 14 अप्रैल तक के सम्पूर्ण लॉकडाउन का एलान किया है, ताकि इस वायरस के आउटब्रेक को रोक जा सके। लेकिन कर्फ्यू के दौरान जरुरी सामान की खरीदी के लिए दी गई छूट को कई जगहों पर मजाक बना दिया गया है। कई ऐसे लोग भी हैं जो PM मोदी की सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के राधेश्याम पाण्डेय द्वारा बनाया गया सोशल डिस्टेनसिंग का यह विकल्प लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। पाण्डेय नें 'कोरोना सुरक्षा कवच' के नाम से सोशल डिस्टेनसिंग का एक मॉडल विकसित किया है, जिससे व्यक्तियों में स्वतः उचित दूरी बनाने के साथ- साथ कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने, अन्य हानिकारक विषाणुओं को मारने, हाथ साफ करने और कोरोना संक्रमण की पहचान करने में मदद मिलती है। इस कवच को कमर में सामान्य बेल्ट की तरह पहना जाता है। पहनने वाले व्यक्ति के चारो तरफ 1 मीटर का गोल घेरा बन जाता है, जिससे अन्य व्यक्ति से दूरी स्वतः 1 मीटर बन जाती है। इसमें लगने वाले इलेक्ट्रॉनिक पार्ट को सौर ऊर्जा या गतिज ऊर्जा से चलाया जा सकता है। इसका वजन भिन्न लोगों के लिए अलग- अलग नाप पर अधिकतम 250 ग्राम होगा और इस्तेमाल के लिए उम्र की कोई अधिकतम या न्यूनतम सीमा निर्धारित नही है। इस कवच को पहनकर निकलने से पर्याप्त सोशल डिस्टेनसिंग बनी रहेगी जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा मिलेगी। मॉडल को जनोपयोगी बनाने के लिए सरकार द्वारा संसाधन मिलने पर जन जन तक लॉकडाउन के विकल्प के तौर पर उपलब्ध कराया जा सकता है।
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