सुलतानपुर: जिले के तहसील बल्दीराय क्षेत्र अंतर्गत बघौना बाजार में परीक्षित सिद्धनाथ शुक्ल (बिसावां वाले) के निज आवास पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा में वाराणसी से पधारे कथा व्यास डॉ विनय शास्त्री ने कंस वध की कथा सुनाई। साथ ही कर्मकांड के मर्मज्ञ देवेन्द्र जी तथा आनन्द जी ने अपने अभूतपूर्व सहयोग से कथा में चार चांद लगा दिए।
कथा व्यास ने कहा कि कंस राज दरबार में अक्रूर को बुलाकर श्रीकृष्ण और बलराम को मथुरा लाने का आदेश दिया। अक्रूर अपने साथ श्रीकृष्ण और बलराम को मथुरा लेकर आए। कुवल्या पीठ नामक हाथी श्रीकृष्ण को मारने के लिए उन पर हमला करता है। श्रीकृष्ण हाथी को मार देते हैं। कंस के इशारे पर काम, क्रोध रूपी पहलवान मुष्टिक और चारुण एक साथ मिलकर जान से मारने की नीयत से हमला करते हैं। श्रीकृष्ण और बलराम इन पहलवानों को मौत के घाट उतार देते हैं।
कंस जैसे ही श्रीकृष्ण को मारने के लिए झपटता है तो वह उसे जमीन पर पटक कर उसका वध कर देते हैं। कंस के मरते ही मथुरावासी खुशी से झूम उठते हैं। श्रीकृष्ण वासुदेव व देवकी को बंदीगृह से मुक्त कर उग्रसेन को दुबारा गद्दी पर बैठा देते हैं। उन्होंने कहा कि मानव को हमेशा सत्य के मार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति कर लेनी चाहिए।
इस दौरान सच्चिदानंद शुक्ल ने कथा में पधारे सभी सम्मानित श्रोताओं का स्वागत सम्मान करते हुए बताया कि 18 अक्टूबर को पूर्णाहुति और 19 को ब्रम्हभोज का आयोजन निश्चित है।
इस मौके पर गिरेन्द्र शुक्ल, हृषीकेश शुक्ल, श्रीकृष्ण शुक्ल, ओम् ज़ी शुक्ल,श्री राम मूर्ति शुक्ल, सतेन्द्र सिंह,राम सुरेश मिश्र, अनिल मिश्र, वागीश्वर, भास्कर, प्रभाकर, दिवाकर, अनिल मिश्र,राम अंजोर शुक्ल, राजेंद्र प्रसाद मिश्र आदि सैंकङों लोग मौजूद रहे।
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