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Last Updated: Sat, 16 May 2020; 06:00:00 AM
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र से सुरक्षित उत्तर प्रदेश में उनके घर पहुंचाए जाने की मांग से जुड़ी याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। वहीं दूसरी ओर देश भर में सड़क पर पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों के हादसों का शिकार होने के मामले में दाखिल याचिका पर अदालत ने विचार करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि वह पैदल चल रहे मजदूरों को कैसे रोक सकता है या कैसे उनकी निगरानी कर सकता है। यह काम सरकार का है और वह ही उनके आने जाने की व्यवस्था देखेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने प्रवासी मजदूरों का मसला उठाने वाले दो अलग अलग मामलों में दिए। एक याचिका मुंबई के एक वकील ने दाखिल की है जिसमें महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उत्तर प्रदेश में उनके घर भिजवाने की मांग की गई है। इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश में बस्ती और संत कबीर नगर के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए उनके किराए के लिए 25 लाख रुपए देने की भी पेशकश की है।
Last Updated: Sat, 16 May 2020; 06:00:00 AM
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र से सुरक्षित उत्तर प्रदेश में उनके घर पहुंचाए जाने की मांग से जुड़ी याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। वहीं दूसरी ओर देश भर में सड़क पर पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों के हादसों का शिकार होने के मामले में दाखिल याचिका पर अदालत ने विचार करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि वह पैदल चल रहे मजदूरों को कैसे रोक सकता है या कैसे उनकी निगरानी कर सकता है। यह काम सरकार का है और वह ही उनके आने जाने की व्यवस्था देखेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने प्रवासी मजदूरों का मसला उठाने वाले दो अलग अलग मामलों में दिए। एक याचिका मुंबई के एक वकील ने दाखिल की है जिसमें महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उत्तर प्रदेश में उनके घर भिजवाने की मांग की गई है। इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश में बस्ती और संत कबीर नगर के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए उनके किराए के लिए 25 लाख रुपए देने की भी पेशकश की है।
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