Last Updated:Sun:27Sep 2020; 08:53:00 PM
अमेठी: जनपद के मुंशीगंज थाना क्षेत्र में पिछले 4 दिन पहले गायब हुई 50 वर्षीय अधेड़ महिला का शव सुल्तानपुर-रायबरेली हाइवे के HAL पॉवर के गेट के निकट किनारे झाड़ियों के पीछे गड्ढे में पड़ा मिला।
लाश से बुरी तरह सड़ने की बदबू आने के बाद उधर से गुजरने वाले राहगीरों ने जब देखा तब वहां पर महिला का शव पड़ा हुआ था। तत्काल मुंशीगंज कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई जिसपर मौके पर मुंशीगंज प्रभारी मिथिलेश सिंह व पुलिस मौके पर पहुंची और महिला की लाश को काफी मस्कत के बाद बाहर निकलवाया गया।
महिला की लाश की शिनाख्त सुशीला मिश्रा निवासी सेमरा थाना मुंशीगंज के रूप में लाश के पास से मिले कागजातों से हो चुकी थी। पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आपको बता दें कि अमेठी जनपद के मुंशीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा सेमरा की रहने वाली 50 वर्षीय सुशीला देवी पत्नी स्वर्गीय दीनानाथ मिश्र पति के गुजरने के बाद अपने बच्चों को लेकर मुंशीगंज कस्बे में किराए पर रहती थी।
जिनके दो बेटे और एक बेटी जिसमें बड़ी बेटी की शादी हो गई है । किंतु बेटों की शादी अभी नहीं हुई, किसी तरह से दूसरों के घर में काम करके वह अपनी जीविका चला रही थी। इसी बीच उसका काम छूट जाने के बाद वह सुल्तानपुर में काम करने के लिए जा रही थी।
मुंशीगंज से वह प्रतिदिन अप-डाउन करती थी। तभी 23 सितंबर को सुल्तानपुर से काम करने के उपरांत अपने घर मुंशीगंज जाने के लिए निकली। घर वालों को फोन भी किया लेकिन वह घर नहीं पहुंची। सुशीला देवी के बच्चे हैरान और परेशान हुए अंत में थक हार कर सुल्तानपुर कोतवाली नगर थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी।
जिस पर मुकदमा भी पंजीकृत कर लिया गया। पुलिस के द्वारा सुशीला देवी को ढूंढने की कोशिश चल ही रही थी कि परिजनों ने मुंशीगंज थाने में भी गुमशुदगी की सूचना दी लेकिन यहां से भी उनको किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई।
आज 27 सितंबर की सुबह के लगभग 8:00बजे के करीब मुंशीगंज थाने से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर रायबरेली सुल्तानपुर हाईवे के बगल झाड़ियों के पीछे छोटे से पानी भरे गड्ढे में सुशीला की लाश देखी गई।
जैसे ही राहगीरों ने लाश को देखा आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई, पुलिस मौके पर पहुंचकर अपनी विधिक कार्यवाही में तो जुट गई वहीं पर मौके पर पहुंचे परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि यदि पुलिस समय पर चेत लेती तो सुशीला देवी की जान बचाई जा सकती थी।
लाश से पूरी तरह सड़ने की बदबू आ रही थी। परिजनों ने पुलिस की लापरवाही बरतने का आरोप लगाया । ऐसे में सुल्तानपुर पुलिस और मुंशीगंज पुलिस दोनों के ऊपर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर इन 4 दिनों तक पुलिस क्या करती रही।
मृतका के बेटे का साफ तौर पर कहना है कि कॉल डिटेल के आधार पर सुल्तानपुर जिलाअधिकारी की गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति से मेरी मां की सबसे ज्यादा बात हुई थी। वही कटघरे के घेरे में है ।पुलिस ने उसको बुलाकर पूछताछ कर छोड़ दिया अगर ढंग से पूछती तो शायद सब पता चल जाता।
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