चाणक्य एक कुशल शिक्षक होने के साथ साथ एक योग्य अर्थशास्त्री भी थे. चाणक्य को अर्थशास्त्र का गहरा ज्ञान था. व्यक्ति के जीवन में धन का विशेष महत्व है. चाणक्य ने धन और वाणिज्य यानि व्यापार के बारे में भी अपनी चाणक्य नीति में बताया है. चाणक्य के अनुसार व्यापार के क्षेत्र में जो लोग सक्रिय हैं उन्हें कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
सफल व्यवसायी जोखिम लेने से नहीं घबराते
चाणक्य के अनुसार सफल बिजनेसमैन वही है जो जोखिम लेने के लिए सदैव तैयार रहता है. चाणक्य के अनुसार व्यापार जोखिम का क्षेत्र है. सही समय पर जो भविष्य को ध्यान में रखकर जोखिम उठाने से नहीं घबराता है वही व्यक्ति सफल व्यापारी कहलाता है.
साहसी व्यक्ति ही सफल बिजनेस मैन होता है
चाणक्य के अनुसार व्यापारी को साहसी होना चाहिए. अपने व्यापार या बिजनेस को स्थापित या बढ़ाने के लिए यदि सात समंदर पार भी जाना पड़े तो व्यापारी को इसके लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है व्यापारी के लिए कोई सीमाएं नहीं होती हैं. जो व्यापारी इस स्थिति के लिए तैयार रहता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है.
रणनीति बनाकर कार्य करें, बिना योजना न करें
चाणक्य के अनुसार जो व्यापारी रणनीति बनाकर अपने कार्यों को करता है उसे देर सबेर सफलता मिलती ही मिलती है. बिना योजना के कोई भी कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए. जो बिना योजना के जो कार्य करते हैं उन्हे सफलता प्राप्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अनुशासन और कठोर परिश्रम से मिलती है सफलता
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अनुशासन का पालन करता है और सदैव कठोर परिश्रम के लिए तैयार रहता है उसे भला सफल होने से कौन रोक सकता है. चाणक्य नीति कहती है कि सफलता की दिशा में पहला कदम कठोर परिश्रम है. परिश्रम की भावना अनुशासन से आती है. अनुशासन से ही परिश्रम का सार्थक फल प्राप्त होता है.
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