एस०के० तिवारी, खेल समाचार |PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated: Sat, 22 Aug 2020; 06:05:00 PM
भारत को 2018 में ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताने वाली टीम का हिस्सा रहे नरेश तुमड़ा सब्जी बेचने को मजबूर हो गए हैं। नरेश तुमड़ा वर्ल्ड कप की उस प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे, जिसने 20 मार्च 2018 में शारजाह स्टेडियम में खेले गए फाइनल में पाकिस्तान द्वारा दिए गए 308 रनों के विशाल लक्ष्य को चेस कर भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम को चैंपियन बनाया था। इस जीत के 2 साल बाद अब नरेश तुमड़ा को कोरोनावायरस संकट के बीच आर्थिक तंगी के कारण अहमदाबाद के जमालपुर मार्केट में मजबूरन सब्जी बेचना पड़ रहा है।
नवसारी के वंसदा के 29 साल के नरेश तुमड़ा पर परिवार के पांच लोगों का भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी है। नरेश तुमड़ा को उम्मीद थी के सरकार दृष्टिबाधित क्रिकेटरों के लिए नौकरियों की पेशकश करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दैनिक वेतन नौकरियों और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत भी उनकी कोई सहायता नहीं की गई है। ऐसे में नरेश के पास कमाई करने का और कोई जरिया नहीं है। यही कारण है कि वह सब्जी बेचकर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं।
समाज को हमारे साथ समान व्यवहार करना चाहिए
नरेश का कहना है कि, “जब भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप जीतती है, तो सरकार और निगम उन पर धन की वर्षा कर देते हैं। लेकिन ब्लाइंड टीम को कोई पूछने वाला भी नहीं है। क्या सिर्फ ब्लाइंड होने की वजह से हम कमतर आंके जाते हैं। समाज को हमारे साथ समान व्यवहार करना चाहिए। कोरोना काल में मंदी के कारण अन्य क्षेत्रों के कई पेशेवर भी अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सब्जियां बेचने की ओर रुख कर रहे हैं।
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