सत्येंद्र तिवारी, सुलतानपुर |PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated: Tue, 11 Aug 2020; 06:45:00 AM
देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. हालांकि, इस साल कोरोनावायरस की वजह से सभी लोगों को मन्दिरो में न जाकर अपने घरों में रहते हुए ही जन्माष्टमी का पर्व मनाना पड़ेगा.
जन्माष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
पिछले साल की तरह इस साल भी जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन यानी कि 11 और 12 अगस्त को मनाया जाएगा.
माना जाता है कि, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. ऐसे में 11 अगस्त को भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कुछ क्षेत्रों में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. वहीं 12 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र में भी कई क्षेत्रों में जन्माष्टमी मनाई जाएगी
हिन्दू धर्म मे सामान्यतया उदया तिथि को ही मुख्य रूप से माना जाता है,जन्माष्टमी की तिथि: 11 और 12 अगस्त है,अष्टमी तिथि का प्रारंभ: 11 अगस्त 2020 को सुबह 09 बजकर 06 मिनट पर है,वही अष्टमी तिथि का समापन 12 अगस्त 2020 को सुबह 05 बजकर 22 मिनट पर होगा,इसलिए उदया तिथि 12 अगस्त को होने के कारण अष्टमी बुधवार को मनाई जाएगी,
इन चीजों का जरूर लगाएं भोग
भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है. जन्माष्टमी के दिन आपको भी लड्डू गोपाल को उनकी इन 5 पंसदीदा चीजों का भोग जरूर लगाना चाहिए.
1.कृष्ण को माखन बहुत ही पसंद था. यहां तक कि उन्हें माखन चोर भी कहा जाता था. ऐसे में जन्माष्टमी के मौके पर आपको लड्डू गोपाल को घर पर बने मक्खन मिश्री का भोग अवश्य ही लगाना चाहिए,वह गोकुल में अक्सर माखन चोरी करके खाया करते थे.
2 आटे की पंजीरी-- जन्माष्टमी के आप लड्डू गोपाल को आटे की पंजीरी का भी भोग लगा सकते हैं. आटे की पंजीरी भी उन्हें काफी पसंद थी और ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही अच्छी होती है.
3.मखाना पाग--- श्रीकृष्ण जन्मोत्वसव के मौके पर मखाना पाग का भोग अवश्य ही लगाएं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें मखाना पाग काफी पसंद थे.
4 पंचामृत--- जन्माष्टमी के मौके पर पंचामृत का विशेष महत्व है. लड्डू गोपाल के जन्मदिन पर पंचामृत से उनका अभिषेक किया जाता है. लड्डू गोपाल का अभिषेक करने के बाद इसे प्रसाद के रूप में लिया जाता है. पंचामृत बनाने के लिए आपको घी, बतासे, दूध, शहद, गंगाजल औ तुलसी की आवश्यकता होगी.
5. मखाने की खीर--- मखाना पाग की तरह लड्डू गोपाल को मखाने की खीर भी बहुत ही पसंद थी।
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