रामभवन प्रजापति, बल्दीराय |PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated: Thu, 30 July 2020; 07:48:00 PM
सुलतानपुर: महानगरों में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से ठप हुए कामकाज के बाद प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ चल पड़े हैं।फसल की सीजन में घर पहुंचे प्रवासी मजदूरों ने खेती में अपने हाथ खूब आजमाया। और उनकी मेहनत के बदौलत आज खेतों में हरियाली दिखाई दे रही है। कोरोना संकट के बावजूद किसान अपने खेतों में लगा रहा, रोपाई किए धान के खेतों को समय-समय पर भरपूर मात्रा में पानी मिलता चला आ रहा है।
जिससे अच्छी पैदावार होने की उम्मीदें और भी बढ़ गईं हैं। किसानों को अबकी बार खेती से अच्छे मुनाफे की उम्मीदें हैं । एक तरफ जहां कोरोना महामारी से प्रवासी मजदूरों के हाथ से रोजी-रोटी का जरिया छूट गया तो वहीं प्रवासी मजदूरों ने हिम्मत से काम लेते हुए अपना ध्यान खेतों की तरफ लगाया हुआ है।
जिसका उन्हें सकारात्मक लाभ अब लोगों को दिख रहा है। अप्रैल-मई के महीनों में किसी तरह से घर पहुंचे प्रवासियों ने(अगेती, मध्यम)किस्म की धान की फसलों की रोपाई की है। अमूमन जो हरियाली खेतों में अगस्त माह में दिखाई देती थी वही आप हरियाली जुलाई के महीने में ही खेतों में दिख रही है।
बल्दीराय क्षेत्र के केवटली निवासी प्रेम कुमार पांडेय, अजय कुमार प्रजापति, बजरंगी प्रजापति, अमर नाथ दूबे, विनोद सिंह, किसान प्रकाश न्यूज़ ऑफ इंडिया संवाददाता को बताते हैं कि जिस धान की नर्सरी जून के महीने में नर्सरी डाली जाती थी वही किसान भाइयों ने मई माह में ही धान की नर्सरी डाल दिया था।
परिणाम स्वरूप जो धान की रोपाई जुलाई महीने में होती थी वही अबकी बार धान की रोपाई जून के महीने में ही पूरी कर ली गई है। वर्षा भी समय से चल रही है।समय-समय पर मिल रहे पानी व खाद के चलते जो धान की फसल अगस्त माह में लहलहाती थी वही अबकी बार जुलाई माह में ही लहलहा रही है।
धान की अच्छी फसल देख कर किसानो भाइयों में भी सकारात्मक बदलाव आया है।समय से रोपाई होने की वजह से किसानों को इस बार धान की फसल से अच्छी उपज होने की उम्मीद बनी हुई है।
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