क्या किये गए बदलाव और क्या है नियम?
2020-21 सीजन से अगर कोई खिलाड़ी फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट पेश करता है, तो उसे 2 साल के लिए बैन किया जाएगा. निलंबन के समय के दौरान बैन खिलाडी बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेल सकेगा. इसके अलावा ये भी कहा गया कि 2 साल का बैन पूरा होने के बाद भी ऐसे खिलाड़ी बोर्ड या स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के किसी भी एज ग्रुप टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. वहीं, एक और नियम बनाया गया जिसके तहत अंडर-16 एज ग्रुप टूर्नामेंट में अब सिर्फ 14 से 16 साल के बच्चे ही रजिस्टर्ड हो सकेंगे.
खिलाडियों को दिया 15 सितम्बर तक का समय
खिलाडियों को अपनी असली जन्मतिथि और सभी जानकारियां देने के लिए 15 सितम्बर तक का समय दिया गया है. 15 सितम्बर से पहले खिलाडी को अपने दस्तावेजों के साथ की गयी छेड़छाड़ के बारे में खुद जानकारी देनी होगी और अपने हस्ताक्षर किया हुआ पत्र और ईमेल भेजना होगा. साथ में अपने सही दस्तावेज भी जमा करवाने होंगे.
कई और ठोस कदम उठाए गए
वॉलेंटरी डिसक्लोजर स्कीम का फायदा सिर्फ फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़े मामले में मिलेगा. डोमिसाइल सर्टिफिकेट में किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी. फर्जीवाड़े के दोषी पाए जाने पर महिला औऱ पुरुष दोनों खिलाड़ी दो साल के लिए बैन होंगे.अंडर-19 ऐज ग्रुप में अगर किसी खिलाड़ी का रजिस्ट्रेशन उसके जन्म के 2 साल बाद का पाया जाता है, तो वे कितने साल टूर्नामेंट में खेलेंगे, इस पर बंदिश रहेगी.
हेल्पलाइन न. किया जारी
इन सब के अलावा बीसीसीआई क्रिकेट में भ्रष्टाचार और उम्र से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए 24 घंटे का हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। इस नंबर की सहायता से कोई भी शिकायत कर सकता है।
By- Instafeed Post
Post a Comment