अंकुर पाठक, सुलतानपुर |PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated: Mon, 13 July 2020; 09:25:00 AM
सुलतानपुर: देश में कोरोना का प्रकोप चरम पे है और मार्च से ही कई चरणों का लॉकडाउन चला आ रहा है I आज भी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद है I व्यापार भी बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है I सीधा-सीधा कहे तो आम आदमी की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है I
कोरोना काल में लम्बे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो चुका है, पर इस लॉकडाउन में शादी-व्याह का सीजन निकल गया यही वह समय होता है जब बाजार में ग्राहकों की रौनक होती है I अब बाजार तो खुल रहे हैं पर ग्राहक नदारत है, ऐसे में छोटे व्यापारी, बैंक से कर्ज लेकर व्यापार करने वाले व्यापारी खासा चिंता में है I
बात करते हैं प्राइवेट अध्यापकों की तो लॉकडाउन की शुरुआत से ही स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद बड़े हुए हैं I जिससे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है I जब से विद्यालय बंद हुए हैं तभी से छात्र/छात्राएं ना पढ़ने के लिए आ रहे हैं और ना ही विद्यालय की फीस जमा कर रहे हैं शिक्षकों का कहना है कि मार्च से पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है उधर स्कूल के प्रबंधकों का कहना है कि स्कूल बंद होने से अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं जिसके कारण पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है I
कोचिंग संस्थान और कंप्यूटर संस्थान संचालकों का और भी बुरा हाल है इनको आधा वेतन तो दूर की बात है पूरी तरह से कोचिंग संस्थान बंद होने के कारण एक-एक रुपये को तरसना पड़ रहा है I पड़ताल में कोचिंग चलाने वाले संतोष सिंह ने कहा की अब तो बैंक से पैसे निकलकर घर चलना पड़ रहा है वहीँ एक प्राइवेट कंप्यूटर क्लास में पढ़ने वाले अध्यापक संदीप अग्रहरि ने बताया कि मार्च से ही वेतन मिलना बंद हो गया है, अब ईश्वर ही जाने कि कब सब कुछ सामान्य होगा I
अगर स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और भी लम्बे समय तक बंद रहे तो सरकार को प्राइवेट अध्यापकों के बारे में भी सोचना चाहिए I
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