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Last Updated: Wed, 10 Jun 2020; 06:45:00 AM
उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा अब और कड़ी होगी। सीएम योगी आदित्यनाथकी अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूपी गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल हो सकेगी। इस अधिनियम के तहत दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा होगी। अभियुक्तों के पोस्टर भी लगेंगे। अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हो सकेगा। अध्यादेश के जरिए यूपी गोवध निवारण अधिनियम में बदलाव कर इसे और सख्त बनाया जा रहा है। मौजूदा कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं है। अब गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय हो गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा।
Last Updated: Wed, 10 Jun 2020; 06:45:00 AM
उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा अब और कड़ी होगी। सीएम योगी आदित्यनाथकी अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूपी गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल हो सकेगी। इस अधिनियम के तहत दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा होगी। अभियुक्तों के पोस्टर भी लगेंगे। अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हो सकेगा। अध्यादेश के जरिए यूपी गोवध निवारण अधिनियम में बदलाव कर इसे और सख्त बनाया जा रहा है। मौजूदा कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं है। अब गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय हो गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा।
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