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Last Updated: Wed, 24 Jun 2020; 03:50:00 PM
कोरोना की दवा कोरोनिल बनाने का दावा करने वाले योगगुरू बाबा रामदेव पर राजस्थान सरकार केस दर्ज कराएगी. सरकार का कहना है कि बाबा रामदेव ने बिना परमिशन ट्रायल किया है जोकि फ्रॉड है.
राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि महामारी के समय बाबा रामदेव ने इस तरह से कोरोना की दवा बेचने की कोशिश की है, जो अच्छी बात नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार बाबा रामदेव को आईसीएमआर और राजस्थान सरकार से किसी भी कोरोना की आयुर्वेद दवा की ट्रायल के लिए परमिशन लेनी चाहिए थी, मगर बिना परमिशन के और बिना किसी मापदंड के ट्रायल का दावा किया गया है, जो कि गलत है.
दरअसल, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से आयुष मंत्रालय को बताया गया कि ये क्लीनिकल ट्रायल जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (निम्स) में किया गया था. दावा किया गया कि उन्होंने हर नियम का पालन किया है.
सवाल उठने के बाद आयुष मंत्रालय में पतंजलि की ओर से जो रिसर्च पेपर दाखिल किया गया है, उसके अनुसार कोरोनिल का क्लीनिकल टेस्ट 120 ऐसे मरीजों पर किया गया है, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण काफी कम थे.
अब निम्स में ट्रायल की बात सामने आने के बाद राजस्थान सरकार हरकत में आ गई है और उसका कहना है कि पतंजलि ने कोई परमिशन नहीं ली थी. सरकार का दावा है कि निम्स में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तीन दिन में नहीं आती है और जिन मरीजों पर ट्रायल किया गया, वह उसी दिन निगेटिव हो जाते हैं.
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