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Last Updated: Fri, 26 Jun 2020; 07:02:00 AM
चीन की एशिया में बढ़ती दादागीरी के खिलाफ अमेरिका ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत वो जर्मनी से करने जा रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका जर्मनी में तैनात 52 हजार अमेरिकी सैनिकों में से 9,500 सैनिकों को एशिया में तैनात करेगा। अमेरिका यह कदम ऐसे समय उठा रहा है कि जब चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है, तो दूसरी ओर वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन और साउथ चाइना सी में खतरा बना हुआ है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने चीन को भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, और फिलीपीन जैसे एशियाई देशों को चीन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका दुनिया भर में अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर उन्हें इस तरह से तैनात कर रहा है कि वे जरुरत पड़ने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) का मुकाबला कर सकें। पोम्पिओ ने जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 में एक सवाल के जवाब में यह कहा।
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