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लखनऊ: कोरोना आपदा काल से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बीच कामगारों और श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। प्रशासकीय रूप में गठित यह आयोग एक उच्च स्तरीय संस्था होगी जिसका उद्देश्य सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित कर प्रदेश के प्रवासी और निवासी कामगारों व श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार मुहैया कराना है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आयोग के गठन समेत कुल 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने कामगारों और श्रमिकों के व्यापक हित में आयोग का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने इस आयोग के गठन का निर्देश दिया था। मंगलवार को इसका शासनादेश भी जारी हो गया। सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री या उनके द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री इसके संयोजक होंगे। आयोग के दो उपाध्यक्ष होंगे जिनमें एक औद्योगिक विकास मंत्री तथा दूसरे सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री होंगे।
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