प्रकाश न्यूज़ ऑफ़ इंडिया |PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated: Fri, 12 Jun 2020; 04:53:00 PM
कोरोना संकट के बीच जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म हो चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुआई में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में जीएसटी लेट फीस से परेशान कारोबारियों को राहत मिली है। वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा, जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान मासिक जीएसटी बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपये तय किया गया।
बता दें इस 40वीं बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री भी भाग ले रहे थे। निर्मला सीतारमण के अलावा इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। यानी कोरोनावायरस संक्रमण शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी उनका लेट फीस कम कर दिया गया है।
इसका फायदा 1 जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा। जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान शून्य जीसटी रिटर्न वाली पंजीकृत इकाइयों पर कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा।
वहीं 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा।
Last Updated: Fri, 12 Jun 2020; 04:53:00 PM
कोरोना संकट के बीच जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म हो चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुआई में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में जीएसटी लेट फीस से परेशान कारोबारियों को राहत मिली है। वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा, जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान मासिक जीएसटी बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपये तय किया गया।
बता दें इस 40वीं बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री भी भाग ले रहे थे। निर्मला सीतारमण के अलावा इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। यानी कोरोनावायरस संक्रमण शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी उनका लेट फीस कम कर दिया गया है।
इसका फायदा 1 जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा। जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान शून्य जीसटी रिटर्न वाली पंजीकृत इकाइयों पर कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा।
वहीं 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा।
Post a Comment