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Last Updated: Sat, 06 June 2020; 04:39:00 AM
चीन से बढ़ते सीमा विवाद के बीच विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) और चीन में विदेश मंत्रालय के महानिदेशक के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत हुई है. जानकारी के मुताबिक संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय के महानिदेशक वू जियांगहो के बीच शुक्रवार 5 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक हुई. बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच के ताजा हालातों पर भी चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने वर्तमान घटनाक्रम सहित द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा की. इस संदर्भ में उन्होंने दोनों देशों के नेताओं द्वारा की गई सहमति को याद करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच शांतिपूर्ण, स्थिर और संतुलित संबंध मौजूदा वैश्विक स्थिति में स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कारक होंगे.
बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि शीर्ष नेतृत्वों द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुसार, दोनों पक्षों को एक दूसरे की संवेदनाओं, चिंताओं और आकांक्षाओं का सम्मान करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए और उन्हें विवाद नहीं बनने देना चाहिए. दोनों पक्षों ने बातचीत के दौरान कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न हुई चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और साथ ही साथ कई बहुपक्षीय मंचों में सहयोग पर भी बात की.
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चीन से बढ़ते सीमा विवाद के बीच विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) और चीन में विदेश मंत्रालय के महानिदेशक के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत हुई है. जानकारी के मुताबिक संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय के महानिदेशक वू जियांगहो के बीच शुक्रवार 5 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक हुई. बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच के ताजा हालातों पर भी चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने वर्तमान घटनाक्रम सहित द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा की. इस संदर्भ में उन्होंने दोनों देशों के नेताओं द्वारा की गई सहमति को याद करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच शांतिपूर्ण, स्थिर और संतुलित संबंध मौजूदा वैश्विक स्थिति में स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कारक होंगे.
बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि शीर्ष नेतृत्वों द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुसार, दोनों पक्षों को एक दूसरे की संवेदनाओं, चिंताओं और आकांक्षाओं का सम्मान करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए और उन्हें विवाद नहीं बनने देना चाहिए. दोनों पक्षों ने बातचीत के दौरान कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न हुई चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और साथ ही साथ कई बहुपक्षीय मंचों में सहयोग पर भी बात की.
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