अंकुर पाठक, सुलतानपुर |PrakashNewsOfIndia.in|
Last Updated: Thu, 04 June 2020; 03:35:00 PM
विचार: केरल में कुछ शरारती तत्वों ने एक गर्भवती भूखी हथिनी को अनन्नास में विस्फोटक मिलाकर खिला दिया और वो हथिनी के मुँह में ही फट गया. जिससे हथिनी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की निर्मम हत्या हो गयी. जिसके बाद अब जानवरों के लिए काम करने वाली ह्यूमेन सोसायटी इंटनैशनल/इंडिया ने ऐलान किया है कि इस घटना के दोषियों के बारे में जानकारी देने वालों को 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह मामला सबके संज्ञान में तब आया जब केरल के अधिकारी ने भूखी गर्भवती हथिनी की मौत की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. उन्होंने लिखा कि एक भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई. जब हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी व्यक्ति ने विस्फोटकों से भरा हुआ अनानास उसे खिला दिया जिससे नदी में कई घंटे खड़े होने के बाद गर्भवती हाथिनी की मौत हो गई. ज़रा सोचिए कि वो एक जानवर था इंसान नहीं। ये जानवर गवाही भी नहीं दे सकता। इस जानवर का केस कोई वकील नहीं लड़ेगा। इस जानवर के लिए रात को कोई अदालत भी नहीं खुलेगी। इसको न्याय कौन देगा। हम गलत हैं दरअसल, ये जानवर है इसको न्याय की क्या जरूरत ही क्या है। न्याय, अदालत, वकील, मुअक्किल, सजा ये सभी अल्फाज तो इंसानों के लिए बने हैं जानवरों के लिए नहीं। जानवरो के प्रति ऐसी घटनाये रुकनी चाहिए जो मानवता का पतन हो रहा है वो बेहद चिंता का विषय है क्यूंकि शायद समाज में आज कोरोना से बड़ी बीमारी ऐसे लोग और उनकी सोच है.
Last Updated: Thu, 04 June 2020; 03:35:00 PM
विचार: केरल में कुछ शरारती तत्वों ने एक गर्भवती भूखी हथिनी को अनन्नास में विस्फोटक मिलाकर खिला दिया और वो हथिनी के मुँह में ही फट गया. जिससे हथिनी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की निर्मम हत्या हो गयी. जिसके बाद अब जानवरों के लिए काम करने वाली ह्यूमेन सोसायटी इंटनैशनल/इंडिया ने ऐलान किया है कि इस घटना के दोषियों के बारे में जानकारी देने वालों को 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह मामला सबके संज्ञान में तब आया जब केरल के अधिकारी ने भूखी गर्भवती हथिनी की मौत की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. उन्होंने लिखा कि एक भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई. जब हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी व्यक्ति ने विस्फोटकों से भरा हुआ अनानास उसे खिला दिया जिससे नदी में कई घंटे खड़े होने के बाद गर्भवती हाथिनी की मौत हो गई. ज़रा सोचिए कि वो एक जानवर था इंसान नहीं। ये जानवर गवाही भी नहीं दे सकता। इस जानवर का केस कोई वकील नहीं लड़ेगा। इस जानवर के लिए रात को कोई अदालत भी नहीं खुलेगी। इसको न्याय कौन देगा। हम गलत हैं दरअसल, ये जानवर है इसको न्याय की क्या जरूरत ही क्या है। न्याय, अदालत, वकील, मुअक्किल, सजा ये सभी अल्फाज तो इंसानों के लिए बने हैं जानवरों के लिए नहीं। जानवरो के प्रति ऐसी घटनाये रुकनी चाहिए जो मानवता का पतन हो रहा है वो बेहद चिंता का विषय है क्यूंकि शायद समाज में आज कोरोना से बड़ी बीमारी ऐसे लोग और उनकी सोच है.
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